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यिर्मयाह 4:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

प्रभु ने कहा, ‘मेरे निज लोग मूर्ख हैं; वे मुझे नहीं जानते। वे नासमझ बच्‍चे हैं; उनमें बिल्‍कुल समझ नहीं है। वे दुष्‍कर्म करने में चतुर हैं, पर सत्‍कर्म कैसे करना चाहिए, यह वे नहीं जानते।’

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पवित्र बाइबल

परमेश्वर ने कहा, “मेरे लोग मूर्ख हैं। वे मुझे नहीं जानते। वे बेवकूफ बच्चे हैं। वे समझते नहीं। वे पाप करने में दक्ष हैं, किन्तु वे अच्छा करना नहीं जानते।” विनाश आ रहा है

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Hindi Holy Bible

क्योंकि मेरी प्रजा मूढ़ है, वे मुझे नहीं जानते; वे ऐसे मूर्ख लड़के हैं जिन में कुछ भी समझ नहीं। बुराई करने को तो वे बुद्धिमान हैं, परन्तु भलाई करना वे नहीं जानते।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

“क्योंकि मेरी प्रजा मूढ़ है, वे मुझे नहीं जानते; वे ऐसे मूर्ख लड़के हैं जिनमें कुछ भी समझ नहीं। बुराई करने को तो वे बुद्धिमान हैं, परन्तु भलाई करना वे नहीं जानते।”

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सरल हिन्दी बाइबल

“क्योंकि निर्बुद्धि है मेरी प्रजा; वह मुझे नहीं जानती. वे मूर्ख बालक हैं; उनमें समझ का अभाव है. अधर्म के लिए उनमें बुद्धि अवश्य है; किंतु सत्कर्म उनसे किया नहीं जाता है.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

“क्योंकि मेरी प्रजा मूर्ख है, वे मुझे नहीं जानते; वे ऐसे मूर्ख बच्चें हैं जिनमें कुछ भी समझ नहीं। बुराई करने को तो वे बुद्धिमान हैं, परन्तु भलाई करना वे नहीं जानते।”

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यिर्मयाह 4:22
42 क्रॉस रेफरेंस  

जब तक उसका स्‍वामी अपने घर में नहीं आया, उसने यूसुफ का वस्‍त्र अपने पास पड़ा रहने दिया।


अम्‍नोन का एक मित्र था। उसका नाम योनादब था। वह दाऊद के भाई शिमआह का पुत्र था। वह बड़ा धूर्त था।


उसके मुख के शब्‍द अनिष्‍ट और कपट हैं; वह बुद्धि को छोड़ चुका है; वह भलाई नहीं करता।


वह अपनी शैया पर लेटे-लेटे बुराई की योजनाएं बनाता है; वह अपने को उस मार्ग पर ले जाता है, जो भला नहीं है। वह बुराई को धिक्‍कारता नहीं।


क्‍या कुकर्मी नहीं समझते, मेरे लोगों का खून चूसने वाले कुकर्मी, क्‍या वे बिल्‍कुल नासमझ हैं? वे मुझ-परमेश्‍वर की आराधना नहीं करते।


वे जानते नहीं, वे समझते नहीं, वे अंधकार में भटक रहे हैं; पृथ्‍वी के समस्‍त आधार डगमगाने लगे हैं।


दुष्‍कर्म करनेवाला मनुष्‍य न्‍याय को नहीं समझता; परन्‍तु प्रभु के भक्‍त ही उसको भली-भांति समझते हैं।


बैल अपने मालिक को जानता है, गधा अपने स्‍वामी की नांद को पहचानता है; पर इस्राएल मुझे नहीं जानता, मेरे निज लोगों में समझ नहीं!’


वृक्ष की डालियाँ सूख गईं; वे टूट गईं स्‍त्रियाँ आती हैं, और उनसे आग जलाती हैं। यह एक विवेकहीन कौम है; अत: उसका सृजक उस पर दया नहीं करेगा; उनको रचनेवाला उन पर कृपा नहीं करेगा।


मूर्तियों की आशा करनेवाले मूर्ख और अज्ञानी हैं; मूर्तियाँ क्‍या शिक्षा दे सकती हैं? उनकी शिक्षा लकड़ी के समान बेजान है।


क्‍या हबशी अपनी काली त्‍वचा अथवा चीता अपने चित्ते बदल सकता है? तब तू कैसे अपना स्‍वभाव बदल कर सत्‍कर्म कर सकती है; क्‍योंकि तुझे तो दुष्‍कर्म करने की आदत है?


पुरोहित अब मुझसे नहीं पूछते हैं, “प्रभु कहां है?” व्‍यवस्‍था के आचार्य मुझे नहीं जानते हैं। राज्‍य के उच्‍चाधिकारी मेरे प्रति अपराध करते हैं। नबी बअल देवता के नाम से नबूवत करते हैं, और निरर्थक मूर्तियों का अनुसरण करते हैं।


कब तक मैं युद्ध-पताका देखता रहूंगा? कब तक मैं युद्ध का बिगुल सुनता रहूंगा?


ओ मूर्ख और नासमझ लोगो, यह सुनो। तुम्‍हारी आंखें हैं, पर तुम नहीं देखते। तुम्‍हारे कान हैं, पर तुम नहीं सुनते।


मैंने सोचा, ‘यरूशलेम के ये लोग गरीब हैं। उन्‍हें समझ नहीं है। वे न प्रभु का मार्ग जानते हैं, और न अपने परमेश्‍वर के न्‍याय-सिद्धान्‍त।


काश, निर्जन प्रदेश में मुझे टिकने के लिए सराय मिल जाती, तो मैं अपने लोगों को छोड़कर चला जाता; क्‍योंकि वे सब के सब व्‍यभिचारी हैं; और वे विश्‍वासघातियों का संघ बन गए हैं।


वे झूठ का शब्‍द फेंकने के लिए धनुष के सदृश अपनी जीभ को, प्रत्‍यंचा पर चढ़ाते हैं; सच्‍चाई नहीं, वरन् असत्‍य की फसल सारे देश में खूब पैदा हो रही है! वे दुष्‍कर्म पर दुष्‍कर्म करते जाते हैं। उनके विषय में स्‍वयं प्रभु कहता है: ‘वे मेरी उपस्‍थिति का अनुभव नहीं करते हैं।’


हर आदमी अपने पड़ोसी को ठगता है, उन्‍होंने सच न बोलने की कसम खा रखी है, वे सदा झूठ बोलते हैं, वे दुष्‍कर्म करते हैं, और पश्‍चात्ताप से मुंह फेर लेते हैं।


स्‍वामी-प्रभु की यह वाणी है : ‘तेरा हृदय कैसा कामातुर है! तू निर्लज्‍ज वेश्‍या के समान यह सब कुकर्म करती है।


ओ इस्राएली राष्‍ट्र! प्रभु के ये शब्‍द सुन : प्रभु ने इस देश के निवासियों के विरुद्ध मुकदमा किया है। इस देश में न सच्‍चाई है, और न करुणा। इस देश में परमेश्‍वर का ज्ञान भी नहीं है।


मेरे निज लोग ईश्‍वरीय ज्ञान के अभाव में नष्‍ट हो गए। तूने मेरा ज्ञान प्राप्‍त करना स्‍वीकार नहीं किया, इसलिए मैं भी तुझे पुरोहित-पद पर स्‍वीकार नहीं करूंगा। तू मुझ-परमेश्‍वर की व्‍यवस्‍था भूल गया, अत: मैं भी तेरे पुरोहित-वंश को भूल जाऊंगा।


तेरे कर्म तुझे मुझ-परमेश्‍वर की ओर लौटने नहीं देते; क्‍योंकि वेश्‍यावृत्ति की आत्‍मा तेरे भीतर है। तूने मुझ-प्रभु का अनुभव नहीं किया।


प्रभु का यह कथन है: ‘वे सद्आचरण करना जानते ही नहीं। उन्‍होंने अपने गढ़ों में केवल हिंसा और लूट एकत्र की है।’


धिक्‍कार है उनको, जो कुचक्र रचते हैं, जो रात में पलंग पर पड़े-पड़े दुष्‍कर्म सोचा करते हैं। वे सबेरा होने पर अपनी योजना को कार्यरूप में परिणत भी करते हैं, क्‍योंकि ऐसा करने की शक्‍ति उनके हाथ में है।


उनके हाथ में दुष्‍कर्म हैं, वे कुकर्म करने में निपुण हैं। शासक और न्‍यायाधीश घूस मांगते हैं। बड़े लोग मनमानी करते हैं। यों ये सब मिलकर कुचक्र रचते हैं।


स्‍वामी ने अधर्मी प्रबंधक की प्रशंसा की; क्‍योंकि उसने चतुराई से काम किया था। इस युग की सन्‍तान अपनी पीढ़ी के साथ आपसी लेन-देन में ज्‍योति की सन्‍तान से अधिक चतुर है।


वे यह इसलिए करेंगे कि उन्‍होंने न तो पिता को जाना है और न मुझ को।


वे अपने को बुद्धिमान समझते हैं, किन्‍तु वे मूर्ख बन गये हैं।


उन्‍होंने परमेश्‍वर का सच्‍चा ज्ञान प्राप्‍त करना उचित नहीं समझा, इसलिए परमेश्‍वर ने उन्‍हें उनकी भ्रष्‍ट बुद्धि पर छोड़ दिया, जिससे वे अनुचित आचरण करने लगे।


विश्‍वास के प्रति आप लोगों की आज्ञाकारिता की चर्चा सर्वत्र फैल गयी है—यह मेरे लिए आनन्‍द का विषय है। मैं चाहता हूँ कि आप भलाई में निपुण और बुराई के विषय में अनजान रहें।


कोई भी समझदार नहीं, परमेश्‍वर की खोज में लगा रहने वाला कोई नहीं!


भाइयो और बहिनो! सोच-विचार में बच्‍चे मत बनिए। हाँ, बुराई के संबंध में शिशु बने रहिए; किन्‍तु सोच-विचार में पूर्ण सयाने बनिए।


‘यह अदूरदर्शी राष्‍ट्र है। इन लोगों में समझ नहीं है।


ओ मूर्ख और निर्बुद्धि जाति के लोगो! तुम प्रभु के कार्यों का यह बदला देते हो? क्‍या वह तेरा पिता नहीं है, ओ इस्राएल! जिसने तुझे अस्‍तित्‍व दिया, जिसने तुझे बनाया, और स्‍थापित किया?