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यिर्मयाह 12:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मैं तुझसे क्‍यों वाद-विवाद करूं? क्‍योंकि तू धार्मिक है, और तेरा न्‍याय सच्‍चा है। फिर भी, हे प्रभु, मैं तेरे सम्‍मुख अपनी शिकायत पेश करूंगा; दुर्जन अपने काम में सफल क्‍यों होते हैं? विश्‍वासघाती सुख-चैन से क्‍यों रहते हैं?

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पवित्र बाइबल

यहोवा यदि मैं तुझसे तर्क करता हूँ, तू सदा ही सही निकलता है। किन्तु मैं तुझसे उन सब के बारे में पूछना चाहता हूँ जो सही नहीं लगतीं। दुष्ट लोग सफल क्यों हैं जो तुझ पर विश्वास नहीं करते, उनका उतना जीवन सुखी क्यों है

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Hindi Holy Bible

हे यहोवा, यदि मैं तुझ से मुक़द्दमा लड़ूं, तौभी तू धमीं है; मुझे अपने साथ इस विषय पर वादविवाद करने दे। दुष्टों की चाल क्यों सफल होती है? क्या कारण है कि विश्वासघाती बहुत सुख से रहते हैं?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

हे यहोवा, यदि मैं तुझ से मुक़द्दमा लड़ूँ, तौभी तू धर्मी है; मुझे अपने साथ इस विषय पर वादविवाद करने दे। दुष्‍टों की चाल क्यों सफल होती है? क्या कारण है कि विश्‍वासघाती बहुत सुख से रहते हैं?

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सरल हिन्दी बाइबल

याहवेह, जब भी मैं आपके समक्ष अपना मुकदमा प्रस्तुत करता हूं, आप सदैव ही युक्त प्रमाणित होते हैं. निःसंदेह मैं आपके ही साथ न्याय संबंधी विषयों पर विचार-विमर्श करूंगा: क्यों बुराइयों का जीवन समृद्ध होता गया है? क्यों वे सब जो विश्वासघात के व्यापार में लिप्‍त हैं निश्चिंत जीवन जी रहे हैं?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

हे यहोवा, यदि मैं तुझ से मुकद्दमा लड़ूँ, तो भी तू धर्मी है; मुझे अपने साथ इस विषय पर वाद-विवाद करने दे। दुष्टों की चाल क्यों सफल होती है? क्या कारण है कि विश्वासघाती बहुत सुख से रहते हैं?

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यिर्मयाह 12:1
44 क्रॉस रेफरेंस  

तू ऐसा कार्य करने से सदा दूर रहे कि दूराचारियों के साथ धार्मिक भी मारे जाएँ। धार्मिकों की दशा दुराचारियों के सदृश हो, यह कार्य तुझसे कभी न हो। क्‍या सारी पृथ्‍वी का न्‍यायाधीश उचित न्‍याय न करेगा?’


हे इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर, तू निस्‍सन्‍देह न्‍याय करने वाला ईश्‍वर है। हम मुक्‍त हुई इस्राएली कौम के बचे हुए लोग हैं, जैसे आज भी हम जीवित रह गए हैं। यद्यपि दुष्‍कर्म के कारण कोई भी व्यक्‍ति तेरे सम्‍मुख खड़ा नहीं हो सकता है, तथापि, प्रभु, हम अपराधी होकर भी तेरे सामने उपस्‍थित हैं।’


तो भी हम पर जो कष्‍ट आए हैं, उनके विषय में तेरा व्‍यवहार न्‍यायसंगत ही था। तूने हमारे साथ सत्‍य के अनुरूप व्‍यवहार किया, फिर भी हम दुष्‍टतापूर्ण व्‍यवहार करते रहे।


चोर-लुटेरे दिन दूनी रात चैगुनी उन्नति करते हैं, और अपने घर में सुख-चैन की बन्‍सी बजाते हैं; जो अपने आचरण से परमेश्‍वर को क्रोध दिलाते हैं, वास्‍तव में वे ही सुरक्षित रहते हैं, उनका ईश्‍वर उनकी मुट्ठी में रहता है!


पर मैं सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर से ही बात करूँगा; मेरी इच्‍छा है कि मैं परमेश्‍वर से स्‍वयं अपना मुकदमा लड़ूँ;


शहर में मरने वाले गरीबों की कराहें सुनाई देती हैं; घायल दरिद्र व्यक्‍तियों के प्राण दुहाई देते हैं। तब भी परमेश्‍वर उनकी प्रार्थना पर ध्‍यान नहीं देता!


परमेश्‍वर उन्‍हें सुरक्षित रखता, और उन्‍हें सम्‍भालता है; वह उनके कुमार्गों पर उनकी रक्षा करता है


उसकी जड़ें पत्‍थरों के ढेर में भी घुस जाती हैं; वह चट्टानों के मध्‍य पनपता है।


प्रभु कृपालु और धर्ममय है; हमारा परमेश्‍वर दयालु है।


हे प्रभु, तू धार्मिक है, और तेरे न्‍याय-सिद्धान्‍त सत्‍यनिष्‍ठ हैं।


प्रभु, मैं जानता हूं कि तेरे न्‍याय-सिद्धान्‍त धार्मिक हैं, और तूने मुझे सच्‍चाई से पीड़ित किया है।


प्रभु अपने समस्‍त आचरण में धार्मिक, और अपने सब कार्यों में करुणामय है।


दुर्जनों के कारण स्‍वयं को परेशान न करो; कुकर्मियों कि प्रति ईष्‍र्यालु न हो।


मैंने एक महाबली दुर्जन को देखा था। वह बरगद वृक्ष के समान विशाल था।


तेरे विरुद्ध, तेरे ही विरुद्ध मैंने पाप किया है। और वही किया जो तेरी दृष्‍टि में बुरा है। इसलिए तू अपने निर्णय में निर्दोष, और न्‍याय में निष्‍पक्ष है।


तू अंत:करण की सच्‍चाई से प्रसन्न होता है; अत: मेरे हृदय को ज्ञान की बातें सिखा।


कि यद्यपि दुर्जन घास के सदृश हरे-भरे रहते हैं, समस्‍त कुकर्मी फलते-फूलते हैं, तो भी वे सदा-सर्वदा के लिए नष्‍ट हो जाएंगे,


अज्ञानी मार्ग से भटक जाते हैं, और उनका भटकना मृत्‍यु का कारण बनता है; मूर्खों का आत्‍म-सन्‍तोष उनके विनाश का कारण होता है।


एक बात और : यह भी व्‍यर्थ है, और पृथ्‍वी पर होती है। धार्मिक व्यक्‍तियों को दुर्जन मनुष्‍यों के दुष्‍कर्मों का फल भुगतना पड़ता है, और दुर्जन मनुष्‍य धार्मिक व्यक्‍तियों के सत्‍कर्मों का फल प्राप्‍त करते हैं। अत: मैं कहता हूं, यह भी व्‍यर्थ है।


प्रभु, याकूब का राजा, कहता है, “अपना पक्ष प्रस्‍तुत करो; अपने प्रमाण लाओ।”


निस्‍सन्‍देह, तूने इनके विषय में कभी सुना नहीं था, और न तुझे कुछ मालूम ही था। इससे पहले तेरे कान में यह बात पड़ी भी नहीं थी; क्‍योंकि मैं जानता था, कि तू निश्‍चय विश्‍वासघात करेगा। तू अपनी मां के गर्भ से ही विद्रोही कहलाता आया है।


हे स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु, तू धार्मिकता से न्‍याय करता है, तू सब के हृदय और मन को परखता है। प्रभु, मैं जीते-जी, अपनी आंखों से तेरा प्रतिशोध देखूं। मैंने अपना मुकदमा तेरे हाथ में सौंप दिया है।


तेरे भाइयों ने, तेरे पितृकुल के नाते-रिश्‍तेदारों ने तेरे साथ विश्‍वासघात किया है; वे तेरे पीछे हाथ धोकर पड़े हैं; यदि वे तुझसे मीठी-मीठी बातें करें तो भी तू उन पर विश्‍वास मत करना।


परन्‍तु, नहीं! जैसे विश्‍वासघातिनी पत्‍नी पति को छोड़कर चली जाती है, वैसे ही तूने मेरे साथ विश्‍वासघात किया,’ प्रभु की यह वाणी है।


मैंने सोचा था कि इन सब कामों को करने के बाद वह पश्‍चात्ताप करेगी, और मेरे पास लौट आएगी। पर वह नहीं लौटी। उसकी बहिन यहूदा ने भी यह देखा। लेकिन वह भी कपटी बनी रही।


‘बारूक बेन-नेरियाह को दस्‍तावेज देने के बाद मैंने इन शब्‍दों में प्रभु से प्रार्थना की:


इस्राएल के वंश ने, यहूदा के कुल ने मुझसे बड़ा विश्‍वासघात किया है,’ प्रभु की यह वाणी है।


काश, निर्जन प्रदेश में मुझे टिकने के लिए सराय मिल जाती, तो मैं अपने लोगों को छोड़कर चला जाता; क्‍योंकि वे सब के सब व्‍यभिचारी हैं; और वे विश्‍वासघातियों का संघ बन गए हैं।


‘प्रभु सच्‍चा है; मैंने ही उसके वचन से विद्रोह किया है। ओ विश्‍व की सब कौमो! मेरी बात सुनो, मेरे दु:ख पर ध्‍यान दो। मेरे जवान बेटे और बेटियां बन्‍दी बनकर निर्वासित हो गए।


‘फिर भी तुम कहते हो, “प्रभु का व्‍यवहार न्‍यायपूर्ण नहीं है।” ओ इस्राएल के कुल, सुन और देख : क्‍या मेरा व्‍यवहार न्‍याय का व्‍यवहार नहीं है? इसके विपरीत, तुम अपने आचरण को धर्म का आचरण कहते हो, जब कि तुम्‍हारा आचरण न्‍याय के अनुरूप नहीं है।


अत: हे प्रभु, तूने हमारे लिए विपत्ति तैयार रखी और हम पर उण्‍डेल दी; क्‍योंकि हमारा प्रभु परमेश्‍वर अपने हरएक आचरण में धर्ममय है, उसका प्रत्‍येक कार्य न्‍यायपूर्ण होता है। हमने उसकी वाणी को नहीं सुना था; इसलिए हम पर यह विपत्ति आई।


हे स्‍वामी, केवल तू ही धार्मिक है, और हमारा सिर शर्म से झुका हुआ है। आज भी हम, यहूदा प्रदेश के निवासी, यरूशलेम नगर के रहने वाले, वस्‍तुत: समस्‍त इस्राएली कौम के लोग जो दूर और नजदीक के देशों में प्रवास कर रहे हैं, जहाँ तूने उनको अपने प्रति विश्‍वासघाती आचरण के कारण रहने को विवश किया है, शर्म के कारण अति लज्‍जित हैं।


उन्‍होंने आदम घाट में विधान का उल्‍लंघन किया; वहाँ उन्‍होंने मेरे साथ विश्‍वासघात किया।


व्‍यवस्‍था कमजोर पड़ गई, न्‍याय का प्रभाव समाप्‍त हो गया। दुर्जनों ने धार्मिक जन को घेर लिया; न्‍याय का गला घोंट दिया गया।’


उसमे मध्‍य में रहनेवाला प्रभु धार्मिक है, वह अनुचित कार्य नहीं करता; वह हर सुबह सूर्य की किरणों की तरह न्‍याय प्रकट करता है। वह अपना यह कार्य कभी नहीं भूलता; पर जो अन्‍यायी है, उसके लिए शर्म क्‍या!


ओ पुरोहितो! तुमने अपनी बातों से प्रभु को उकता दिया है। फिर भी तुम पूछते हो, ‘हमने कैसे प्रभु को उकता दिया?’ तुम यह कहकर उसे उकता देते हो, ‘जो बुराई करता है, वह प्रभु की दृष्‍टि में भला है, क्‍योंकि प्रभु बुरे कार्यों से प्रसन्न होता है।’ तुम यह भी पूछते हो, ‘न्‍याय करने वाला परमेश्‍वर कहां है?’


अब हम अभिमानी लोगों को धन्‍य कहेंगे। दुष्‍कर्मी न केवल जीवन में सफल होते हैं, वरन् जब वे परमेश्‍वर को परखते हैं तब भी वे बच जाते हैं।” ?’


‘प्रभु चट्टान है। उसका शासन-कार्य सिद्ध है; क्‍योंकि उसके समस्‍त मार्ग न्‍यायपूर्ण हैं। वह सच्‍चा परमेश्‍वर है, उसमें पक्षपात नहीं, वह निष्‍पक्ष न्‍यायी और निष्‍कपट है।