हमारे झण्डे हमें नहीं दिखाई देते; अब कोई नबी नहीं रहा; हमारे मध्य कोई नहीं जानता कि हमारी यह दशा कब तक रहेगी।
यहेजकेल 7:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन पर एक के बाद एक विपत्ति आएगी; युद्ध की अफवाहें चारों ओर फैलेंगी। वे नबियों के पास मेरा दर्शन पाने के लिए जाएंगे। परन्तु स्वयं पुरोहित मेरी धर्म-व्यवस्था से वंचित हो जाएगा, और न धर्मवृद्ध के पास परामर्श देने का सामर्थ्य रहेगा। पवित्र बाइबल तुम एक के बाद दूसरी दःख—कथा सुनोगे। तुम बुरी खबरों के अलावा कुछ नहीं सुनोगे। तुम नबी की खोज करोगे और उससे दर्शन पूछोगे। किन्तु कोई मिलेगा नहीं। याजक के पास तुम्हें शिक्षा देने को कुछ भी नहीं होगा और अग्रजों (प्रमुखों) के पास तुम्हें देने को कोई अच्छी सलाह नहीं होगी। Hindi Holy Bible विपत्ति पर विपत्ति आएगी और उड़ती हुई चर्चा पर चर्चा सुनाई पड़ेगी; और लोग भविष्यद्वक्ता से दर्शन की बात पूछेंगे, परन्तु याजक के पास से व्यवस्था, और पुरनिये के पास से सम्मति देने की शक्ति जाती रहेगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) विपत्ति पर विपत्ति आएगी और उड़ती हुई चर्चा पर चर्चा सुनाई पड़ेगी; और लोग भविष्यद्वक्ता से दर्शन की बात पूछेंगे, परन्तु याजक के पास से व्यवस्था, और पुरनिये के पास से सम्मति देने की शक्ति जाती रहेगी। सरल हिन्दी बाइबल विपत्ति के ऊपर विपत्ति आएगी, और अफवाह के ऊपर अफवाह फैलेगा. वे भविष्यवक्ता से दर्शन की खोज करेंगे, कानून में पुरोहित के निर्देश बंद हो जाएंगे, अगुओं की सलाह खत्म हो जाएगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 विपत्ति पर विपत्ति आएगी और उड़ती हुई चर्चा पर चर्चा सुनाई पड़ेगी; और लोग भविष्यद्वक्ता से दर्शन की बात पूछेंगे, परन्तु याजक के पास से व्यवस्था, और पुरनिये के पास से सम्मति देने की शक्ति जाती रहेगी। |
हमारे झण्डे हमें नहीं दिखाई देते; अब कोई नबी नहीं रहा; हमारे मध्य कोई नहीं जानता कि हमारी यह दशा कब तक रहेगी।
पर तुझ पर अनिष्ट का प्रकोप होगा, जिस को दूर करने का मन्त्र तू नहीं जानती। तुझ पर विपत्ति का पहाड़ टूटेगा, जिसको तू दूर नहीं कर सकेगी। अचानक तेरा सर्वनाश हो जाएगा, तू उसको समझ ही नहीं पाएगी।
यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों ने आपस में कहा, ‘आओ, हम यिर्मयाह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचें; क्योंकि यिर्मयाह के न रहने से पुरोहितों की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाएगी, और न बुद्धिमान आचार्यों के बुद्धिमत्तापूर्ण परामर्श, और न ही नबियों की नबूवत। आओ हम झूठे आरोप में यिर्मयाह को पकड़ें और मार डालें। अच्छा हो कि हम उसकी बात पर ध्यान न दें।’
‘बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने हम पर आक्रमण कर दिया है। आप, कृपया, इस सम्बन्ध में प्रभु से उसकी इच्छा मालूम कीजिए। कदाचित प्रभु हमारे मध्य अपने स्वभाव के अनुरूप आश्चर्यपूर्ण कार्य करे और राजा नबूकदनेस्सर हम पर आक्रमण करने का विचार छोड़ दे!’ तब प्रभु का यह सन्देश यिर्मयाह को मिला।
तब राजा सिदकियाह ने यिर्मयाह को अपने महल में बुलवाया, और वह उनसे मिला। उसने अपने महल में गुप्त रूप से यिर्मयाह से पुछा, ‘क्या आप को प्रभु का कोई सन्देश मिला है?’ यिर्मयाह बोले, ‘निस्सन्देह, मिला है।’ फिर आगे यिर्मयाह ने कहा, ‘आप निश्चय ही बेबीलोन के राजा के हाथ में सौंपे जाएंगे।’
विनाश पर विनाश का समाचार आ रहा है; सारा प्रदेश लूट लिया गया है। अचानक मेरे निवास-स्थान के तम्बू उखाड़ लिये गए, क्षण-भर में मेरी कनातें नष्ट हो गयीं।
उसके प्रवेश-द्वार भूमि में धंस गए; प्रभु ने उसकी अर्गलाएँ टुकड़े-टुकड़े कर दीं। उसका राजा और प्रशासक विदेशी राष्ट्रों में निर्वासित हैं। व्यवस्था की मान्यता नहीं रहीं; नबियों को प्रभु की ओर से दर्शन नहीं मिलता।
उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, ये वे लोग हैं, जो नगर में अधर्म करने के लिए नए-नए उपाय सोचते हैं, ये जनता को गलत परामर्श देते हैं।
‘ओ मानव, इस कहावत का क्या अर्थ है जो तुम अपने देश के सम्बन्ध में कहते हो : “दिन तो बीतते-बीतते अधिक हो गए, किन्तु प्रभु के दर्शन की बातें सच सिद्ध नहीं हुईं।” ?
जब वे तुझ से पूछेंगे, “आप क्यों दु:ख मना रहे हैं?” तब तू उनको बताना, “समाचार के कारण; क्योंकि ऐसी घटना घटनेवाली है जिसको देखकर सब लोगों का हृदय कांप उठेगा, उनके हाथ सुन्न पड़ जाएंगे। वे भय से मूच्छिर्त हो जाएंगे। वे अपने पैरों पर खड़े न हो सकेंगे। देखो, महाविनाश आ रहा है। यह विनाशकारी घटना अवश्य घटेगी,” स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।’
ओ यरूशलेम, तेरे पुरोहित मेरे नियम-विधियों का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने मेरी पवित्र वस्तुओं को अपवित्र किया है। वे मुझ-प्रभु को अर्पित पवित्र वस्तु, और जन-साधारण की वस्तु में कोई भेद नहीं करते। उन्होंने लोगों को यह भी नहीं सिखाया कि कौन-सी वस्तु मेरी दृष्टि में शुद्ध है, और कौन-सी अशुद्ध। उन्होंने मेरे पवित्र विश्राम-दिवस की उपेक्षा की है जिसके कारण मैं अपवित्र समझा गया हूँ।
वे झुण्ड के झुण्ड तेरे पास आते हैं। वे मेरे निज लोगों के समान तेरे सामने बैठते हैं। वे तेरी बातें सुनते हैं, पर मेरे सन्देश के अनुसार आचरण नहीं करते। “वाह! कितने सुन्दर वचन हैं!” , वे मुंह से यह कहते हैं, किन्तु उनका हृदय स्वार्थ में डूबा हुआ है।
निष्कासन के छठे वर्ष के छठे महीने की पांचवीं तारीख की यह घटना है। मैं अपने घर में बैठा था। यहूदा प्रदेश के धर्मवृद्ध मेरे सामने बैठे थे। उसी समय स्वामी-प्रभु की सामर्थ्य मुझ पर प्रकट हुई,
यदि इन विपत्तियों के होने पर भी तुम मेरी बात नहीं सुनोगे, तो मैं तुम्हारे पाप के कारण तुम्हें सात गुना ताड़ित करूंगा।
‘यदि तुम मेरे विरुद्ध चलते रहोगे और मेरी बात पर ध्यान नहीं दोगे, तो तुम्हारे पाप से सात गुना महामारी तुम पर भेजूंगा।
तो मैं भी तुम्हारे विरुद्ध चलूंगा। मैं स्वयं तुम पर तुम्हारे पाप के कारण सात गुना प्रहार करूंगा।
तो मैं क्रोध में भर कर तुम्हारे विरुद्ध चलूंगा। मैं स्वयं क्रोध में भर कर तुम्हारे पाप के कारण तुम्हें सात गुना ताड़ित करूंगा।
अत: ओ नबियो! रात में तुम्हें दर्शन नहीं मिलेगा, और न ही अन्धकार में तुम शकुन विचार सकोगे। तुम-नबियों का सूर्य अस्त हो जाएगा, तुम्हारे दिन भी अन्धकार में बदल जाएंगे।
‘पुरोहित को अपने मुंह से ज्ञान की रक्षा करनी चाहिए। उसके मुंह से लोगों को व्यवस्था प्राप्त होनी चाहिए। पुरोहित स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का सन्देशवाहक है।
अत: मैंने भी सब लोगों के सम्मुख तुम्हें भी निकृष्ट और अधम बनाया; क्योंकि तुमने मेरी व्यवस्था के अनुसार आचरण नहीं किया, तुम मेरी व्यवस्था के प्रति निष्पक्ष नहीं हो।’
बालक शमूएल एली की उपस्थिति में प्रभु की सेवा करता था। उन दिनों में प्रभु का वचन दुर्लभ था। प्रभु का दर्शन कम ही मिलता था।