उस समय एलीशा अपने घर के भीतर बैठे थे। धर्मवृद्ध भी उनके साथ बैठे थे। इस्राएल प्रदेश के राजा ने अपने दरबार से एक दूत भेजा। परन्तु उसके आगमन के पूर्व एलीशा ने धर्मवृद्धों को बताया, ‘क्या तुम जानते हो, इस हत्यारे राजा ने मेरा सिर धड़ से अलग करने के लिए एक दूत को भेजा है? देखो, जब दूत आएगा, तब तुम द्वार बन्द कर देना, और द्वार को बलपूर्वक बन्द रखना। सुनो, निश्चय ही उसके पीछे यह उसके स्वामी के पैरों की आवाज है।’