जो नगरी सती-साध्वी थी, वह कैसे वेश्या बन गई! वह न्याय-प्रिय थी, उसमें धर्म का निवास था। पर अब? वहाँ हत्यारे बसे हुए हैं।
यहेजकेल 5:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘इस प्रकार मेरा क्रोध शान्त होगा। जब तक मेरी क्रोधाग्नि उन पर पूरी तरह न भड़क उठेगी, तब तक वह शांत न होगी, और न मुझे चैन मिलेगा। और तब उनको मालूम होगा कि मैं-प्रभु ने ही ईष्र्या की अग्नि में धधक कर यह कहा है। उस समय ही उनके प्रति मेरा क्रोध ठण्डा होगा। पवित्र बाइबल केवल तब मैं तुम्हारे लोगो पर क्रोधित होना बन्द करुँगा। मैं समझ लूँगा कि वे उन बुरे कामों के लिए दण्डित हुए हैं जो उन्होंने मेरे साथ किये थे और वे समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ और मैंने उनसे बातें उनके प्रति गहरा प्रेम होने के कारण की!” Hindi Holy Bible इस प्रकार से मेरा कोप शान्त होगा, और अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से भड़का कर मैं शान्ति पाऊंगा; और जब मैं अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से भड़का चुकूं, तब वे जान लेंगे कि मुझ यहोवा ही ने जलन में आकर यह कहा है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “इस प्रकार से मेरा क्रोध शान्त होगा, और अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से भड़काकर मैं शान्ति पाऊँगा; और जब मैं अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से भड़का चुकूँ, तब वे जान लेंगे कि मुझ यहोवा ही ने जलन में आकर यह कहा है। सरल हिन्दी बाइबल “तब मेरा क्रोध बंद होगा और उनके विरुद्ध मेरा कोप शांत होगा, और मेरा प्रतिशोध पूरा होगा. और जब उन पर मेरा कोप खत्म हो जाएगा, तब वे जानेंगे कि मैं, याहवेह अपने उत्साह में उनसे यह सब कहा है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “इस प्रकार से मेरा कोप शान्त होगा, और अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से भड़काकर मैं शान्ति पाऊँगा; और जब मैं अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से भड़का चुकूँ, तब वे जान लेंगे कि मुझ यहोवा ही ने जलन में आकर यह कहा है। |
जो नगरी सती-साध्वी थी, वह कैसे वेश्या बन गई! वह न्याय-प्रिय थी, उसमें धर्म का निवास था। पर अब? वहाँ हत्यारे बसे हुए हैं।
अत: प्रभु, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, इस्राएल का सर्वशक्तिमान परमेश्वर यों कहता है, ‘सुनो, मैं अपने शत्रुओं पर अपना क्रोध उतार कर चैन की सांस लूंगा; मैं अपने बैरियों से बदला लूंगा।
उसने धार्मिकता का कवच धारण किया, और उद्धार का मुकुट अपने सिर पर रखा। उसने प्रतिशोध के वस्त्र पहिने, और क्रोधाग्नि की चादर ओढ़ ली।
उसकी राज्य-सत्ता बढ़ती जाएगी, उसके कल्याणकारी कार्यों का अन्त न होगा। वह दाऊद के सिंहासन पर बैठेगा, और उसके राज्य को संभालेगा। वह अब से लेकर सदा के लिए न्याय के कार्यों से उसको सुदृढ़ करेगा, अपने धार्मिक आचरण से उसे सम्भालेगा। स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का धर्मोत्साह यह कार्य पूर्ण करेगा!
यद्यपि ये उपवास करते हैं, तो भी मैं इनकी दुहाई नहीं सुनूंगा। यद्यपि ये मुझे अग्नि-बलि और अन्न-बलि चढ़ाते हैं, तो भी मैं इन लोगों को स्वीकार नहीं करूंगा। मैं इन लोगों को तलवार से मौत के घाट उतार दूंगा, इनको अकाल और महामारी से मिटा दूंगा।’
सात बच्चों वाली मां भी बेहाल है; वह अंतिम सांस गिन रही है। उसके जीवन का सूर्य दोपहर को ही डूब गया। उसको अपमानित और लज्जित होना पड़ा। मैं बचे हुए लोगों को उनके शत्रुओं के हाथ में सौंप दूंगा, कि वे उनको तलवार से, मौत के घाट उतार दें,’ यह प्रभु की वाणी है। नबी का शोक
‘प्रभु यह कहता है: “सत्तर वर्ष के पश्चात् मैं बेबीलोन के राजा, तथा उस राष्ट्र को, कसदी कौम के देश को उनके दुष्कर्मों के लिए दण्ड दूंगा। मैं उस देश को सदा के लिए उजाड़ दूंगा।
तब प्रभु ने अपना पूरा क्रोध ढाह दिया; उसने क्रोधाग्नि की वर्षा की; उसने सियोन में आग लगा दी, जिसने उसकी नींव तक भस्म कर दी।
ओ सियोन की पुत्री, तेरे अधर्म का दण्ड पूरा हुआ; प्रभु तुझे और अधिक दिन तक विदेश में निर्वासित नहीं रखेगा; पर तू, ओ एदोम की पुत्री, प्रभु तुझे तेरे अधर्म का दण्ड देगा; वह तेरे सब पापों को उघाड़ेगा।
इस प्रकार मैं दीवार पर, और उसको पोतनेवाले नबियों पर अपना क्रोध उतारूंगा। तब मैं तुमसे पूछूंगा, “कहां गई तुम्हारी दीवार, और कहां गए उसको पोतनेवाले?”
‘स्वामी-प्रभु यों कहता है : मैं यरूशलेम नगर को दण्ड देने के लिए उस पर चार विपत्तियां भेजूंगा : शत्रु की तलवार, अकाल, खूंखार पशु और महामारी। ये चारों विपत्तियां वहां से मनुष्य और पशु दोनों को नष्ट कर देंगी।
इस प्रकार तेरे प्रति अपनी क्रोधाग्नि को शान्त करूंगा, और तेरे प्रति मेरी ईष्र्या का अन्त हो जाएगा। मैं शान्त हो जाऊंगा, और फिर कभी तुझसे नाराज नहीं हूंगा।
मैं तेरे सब कुकर्मों को क्षमा कर दूंगा ताकि तू अपने कुकर्मों को स्मरण करे, और उनके लिए लज्जित हो। तब तू अपनी इस लज्जा के कारण अपना मुंह फिर खोलने का साहस नहीं करेगी।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
उसके सैन्य-दल का प्रत्येक नायक तलवार से मौत के घाट उतारा जाएगा, और बचे हुए सैनिक सब दिशाओं में तितर-बितर हो जाएंगे। तब तुम्हें मालूम होगा कि मैं ही प्रभु हूं, जिसने यह कहा है।’
‘किन्तु इस्राएलियों की नई पीढ़ी ने भी मुझसे विद्रोह किया। उन्होंने मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण नहीं किया। मेरे न्याय-सिद्धान्तों का पालन करने में तत्परता नहीं दिखाई, जिनका पालन करके मनुष्य जीवित रहता है। उन्होंने मेरे विश्राम-दिवस को अपवित्र किया। ‘अत: मैंने निश्चय किया कि मैं उनको दण्ड देने के लिए निर्जन प्रदेश में उन पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा करूंगा, मैं उन पर घातक प्रहार करूंगा।
किन्तु उन्होंने मुझ से विद्रोह किया। मेरी बात नहीं सुनी। किसी ने भी मिस्र देश की घृणित मूर्तियों को अपने से दूर नहीं किया। वे उनसे चिपके रहे, और उनको नहीं छोड़ा; क्योंकि उन पर उनकी आंखें लगी थीं। ‘तब मैंने निश्चय किया कि मैं उनको दण्ड देने के लिए मिस्र देश में उन पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा करूंगा।
उसके दाहिने हाथ में यरूशलेम के नाम पर चिट्ठी निकली है। वह मुंह खोल कर पुकारता है। वह अत्यन्त उच्च स्वर में आदेश देता है कि प्रवेश-द्वारों पर युद्ध-यंत्र लगाओ, दमदमा बान्धो, और मोर्चाबन्दी करो।
मैं तुझ पर अपना क्रोध प्रेषित करूंगा, ताकि वे क्रोध में डूबकर तेरे साथ कठोरतम व्यवहार करें। वे तेरे नाक-कान काट लेंगे और जो तेरे नगरवासी बच जाएंगे उनको वे तलवार से मौत के घाट उतार देंगे। वे तेरे पुत्र और पुत्रियों को बन्दी बना लेंगे, और तेरे बचे हुए लोगों को आग में झोक देंगे।
ओ यरूशलेम नगरी! यह जंग तेरी कामुकता है, जो गन्दा मैल है। मैंने तुझसे यह अशुद्धता, यह कामुकता छुड़वाने की बार-बार कोशिश की; पर मैं अपने प्रयत्न में सफल नहीं हुआ! तू शुद्ध नहीं हुई। अत: अब, जब तक मैं तुझे दण्ड देकर अपना क्रोध शान्त न कर लूंगा, तब तक तू शुद्ध न होगी।
वे अपने घर की ड्योढ़ी मेरे गृह की ड्योढ़ी से, और अपने द्वार के खम्भे मेरे द्वार के खम्भों से लगा कर बनाते थे। मेरे गृह और उनके घर के मध्य केवल दीवार थी। उन्होंने अत्यन्त घृणित कार्य किए थे, और इन घृणित कार्यों से मेरे पवित्र नाम को अपवित्र कर दिया था। अत: मैंने अपने क्रोध में उनको पूर्णत: नष्ट कर दिया था।
तब उन्हें ज्ञात होगा कि मैं प्रभु हूं और जो मैंने यह कहा कि मैं उनका अनिष्ट करूंगा, वह व्यर्थ नहीं कहा था।’
जो इस्राएल प्रदेश से दूर होगा, वह महामारी से मरेगा, और जो प्रदेश में होगा, वह शत्रु की तलवार से मरेगा। जो महामारी और तलवार की मार से बच जाएगा, वह अकाल से मर जाएगा। इस प्रकार मैं इस्राएलियों के प्रति अपनी क्रोधाग्नि भड़काऊंगा
ओ इस्राएल, सुन। तेरा अन्त आ गया। मैं अपनी क्रोधाग्नि तुझ पर बरसाऊंगा। मैं तेरे आचरण के अनुसार तेरा न्याय करूंगा, और तूने जो घृणित कार्य किए हैं, उनके लिए तुझे दण्ड दूंगा।
‘अब, मैं तुझ पर अपना क्रोध उण्डेलूंगा, तेरे प्रति अपनी क्रोधाग्नि भड़काऊंगा। तेरे आचरण के अनुरूप तेरा न्याय करूंगा और तेरे घृणित कार्यों के लिए तुझे दण्ड दूंगा।
“और वह राजा अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करेगा। वह स्वयं को सब देवताओं से ऊपर प्रतिष्ठित करेगा और अपने आपको उनसे बड़ा बताएगा। वह ईश्वरों के ईश्वर, परमेश्वर के विरुद्ध भी अनोखी बातें बोलेगा। वह तब तक सफल होता रहेगा जब तक कि उसके पाप का घड़ा भर न जाए; क्योंकि जो निश्चित है, वह तो होगा ही।
उसके राज्य-काल के प्रथम वर्ष में मैं-दानिएल ने धर्मग्रन्थों में उल्लिखित उन वर्षों की संख्या की गणना कर ली, जिनके दौरान यरूशलेम नगर उजाड़ पड़ा रहेगा, जैसा प्रभु ने नबी यिर्मयाह के माध्यम से बताया था। यह संख्या थी सत्तर वर्ष।
मैं उन कुकर्मियों को दण्ड देने के लिए आया हूं। उनके विरुद्ध अनेक राष्ट्रों की सेनाएं एकत्र होंगी। वे अपने पाप और विद्रोह के लिए दण्डित होंगे।
दूत ने मुझे पुकार कर कहा, ‘देखो, जो उत्तरी देश की ओर गए, उन्होंने वहां प्रभु की क्रोधाग्नि शान्त की।’
जैसे प्रभु तेरे लोगों की भलाई करने और उनकी जनसंख्या बढ़ाने में हर्षित होता था, वैसे ही वह उनको मिटाने में, नष्ट करने में हर्षित होगा। जिस भूमि पर तू अधिकार करने जा रहा है, उस पर से तू उखाड़ दिया जाएगा।
जब प्रभु देखेगा कि उसके लोगों का भुजबल जाता रहा, स्वाधीन और पराधीन, दोनों प्रकार के लोग नहीं रहे, तब वह अपने निज लोगों को निर्दोष सिद्ध करेगा, वह अपने सेवकों पर दया करेगा।