यहेजकेल 7:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)8 ‘अब, मैं तुझ पर अपना क्रोध उण्डेलूंगा, तेरे प्रति अपनी क्रोधाग्नि भड़काऊंगा। तेरे आचरण के अनुरूप तेरा न्याय करूंगा और तेरे घृणित कार्यों के लिए तुझे दण्ड दूंगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल8 मैं शीघ्र ही दिखा दूँगा कि मैं कितना क्रोधित हूँ। मैं तुम्हारे विरुद्ध अपने पूरे क्रोध को प्रकट करुँगा। मैं उन बुरे कामों के लिये दण्ड दूँगा जो तुमने किये। मैं उन सभी भयानक कामों के लिये तुमसे भुगतान कराऊँगा जो तुमने किये। अध्याय देखेंHindi Holy Bible8 अब थोड़े दिनों में मैं अपनी जलजलाहट तुझ पर भड़काऊंगा, और तुझ पर पूरा कोप उण्डेलूंगा और तेरे चालचलन के अनुसार तुझे दण्ड दूंगा। और तेरे सारे घिनौने कामों का फल तुझे भुगताऊंगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)8 अब थोड़े दिनों में मैं अपनी जलजलाहट तुझ पर भड़काऊँगा, और तुझ पर पूरा कोप उण्डेलूँगा और तेरे चालचलन के अनुसार तुझे दण्ड दूँगा। तेरे सारे घिनौने कामों का फल तुझे भुगताऊँगा। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल8 मैं तुम पर अपना कोप उण्डेलने ही वाला हूं और अपना क्रोध तुम पर प्रगट करने ही वाला हूं. मैं तुम्हारे आचरण के अनुसार तुम्हारा न्याय करूंगा और तुम्हारे सब घृणित कार्यों का बदला तुमसे लूंगा. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20198 अब थोड़े दिनों में मैं अपनी जलजलाहट तुझ पर भड़काऊँगा, और तुझ पर पूरा कोप उण्डेलूँगा और तेरे चाल चलन के अनुसार तुझे दण्ड दूँगा। और तेरे सारे घिनौने कामों का फल तुझे भुगताऊँगा। अध्याय देखें |
‘किन्तु इस्राएलियों की नई पीढ़ी ने भी मुझसे विद्रोह किया। उन्होंने मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण नहीं किया। मेरे न्याय-सिद्धान्तों का पालन करने में तत्परता नहीं दिखाई, जिनका पालन करके मनुष्य जीवित रहता है। उन्होंने मेरे विश्राम-दिवस को अपवित्र किया। ‘अत: मैंने निश्चय किया कि मैं उनको दण्ड देने के लिए निर्जन प्रदेश में उन पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा करूंगा, मैं उन पर घातक प्रहार करूंगा।
किन्तु उन्होंने मुझ से विद्रोह किया। मेरी बात नहीं सुनी। किसी ने भी मिस्र देश की घृणित मूर्तियों को अपने से दूर नहीं किया। वे उनसे चिपके रहे, और उनको नहीं छोड़ा; क्योंकि उन पर उनकी आंखें लगी थीं। ‘तब मैंने निश्चय किया कि मैं उनको दण्ड देने के लिए मिस्र देश में उन पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा करूंगा।
लेकिन इस्राएल के वंशजों ने निर्जन प्रदेश में मुझ से विद्रोह किया। उन्होंने मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण नहीं किया, बल्कि मेरे न्याय-सिद्धान्तों को ताक पर रख दिया, जिनके अनुरूप आचरण करने से मनुष्य जीवित रहता है। उन्होंने मेरे विश्राम-दिवस की घोर उपेक्षा कर उसको अपवित्र कर दिया। ‘अत: मैंने सोचा कि मैं उनको निर्जन प्रदेश में दण्ड देने के लिए उन पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा करूंगा और उनको पूर्णत: नष्ट कर दूंगा।
“अगुआ अनेक लोगों के साथ पक्की सन्धि करेगा। इस सन्धि की अवधि वर्षों के एक सप्ताह की होगी और इन वर्षों के आधे सप्ताह तक अगुआ पशुबलि और अन्नबलि चढ़ाना बन्द करा देगा। तब घृणित मूर्तिपूजा के छा जाने से वह अगुआ विनाशक सिद्ध होगा। वह उस समय तक विनाश करता रहेगा जब तक उसके अन्त का निश्चित समय न आएगा।” ’
‘तुम लोग जाओ, और मेरी ओर से, इस्राएल और यहूदा प्रदेशों के बचे हुए लोगों की ओर से, इस धर्म-पुस्तक के वचनों का अर्थ प्रभु से ज्ञात करो। प्रभु की महा-क्रोधाग्नि हमारे प्रति भड़क उठी है; क्योंकि हमारे पूर्वजों ने प्रभु का वचन नहीं माना। उन्होंने धर्म-पुस्तक में लिखे गए प्रभु के आदेशों के अनुसार कार्य नहीं किया।’
जो प्रभु ने निश्चय किया था, उसने उसको पूरा किया, उसने अपनी धमकी पूरी की। जैसा उसने बहुत पहले आदेश दिया था, उस वचन के अनुसार उसने कार्य किया। उसने निर्दयतापूर्वक नगर का विध्वन्स कर दिया। ओ यरूशलेम! उसने तेरे शत्रुओं को तुझ पर हंसने और आनन्द मनाने का अवसर प्रदान किया; तेरे बैरियों की शक्ति को बढ़ाया।
देखो, इस्राएल देश का राजा शोक मना रहा है। उच्चाधिकारी निराशा के गर्त्त में डूबे हैं। देशवासियों के हाथ-पैर आतंक के कारण सुन्न पड़ गए हैं। ‘ओ मानव-पुत्र, मैं उनके आचरण के अनुरूप उनके साथ व्यवहार करूंगा। जैसे उनके न्याय-सिद्धान्त हैं, वैसे ही मैं उनका न्याय करूंगा। तब उनको ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूँ।’