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यशायाह 59:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

17 उसने धार्मिकता का कवच धारण किया, और उद्धार का मुकुट अपने सिर पर रखा। उसने प्रतिशोध के वस्‍त्र पहिने, और क्रोधाग्‍नि की चादर ओढ़ ली।

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पवित्र बाइबल

17 यहोवा ने नेकी का कवच पहना। यहोवा ने उद्धार का शिरस्त्राण धारण किया। यहोवा ने दण्ड के बने वस्त्र पहने थे। यहोवा ने तीव्र भावनाओं का चोगा पहना था

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Hindi Holy Bible

17 उसने धर्म को झिलम की नाईं पहिन लिया, और उसके सिर पर उद्धार का टोप रखा गया; उसने पलटा लेने का वस्त्र धारण किया, और जलजलाहट को बागे की नाईं पहिन लिया है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

17 उसने धर्म को झिलम के समान पहिन लिया, और उसके सिर पर उद्धार का टोप रखा गया, उसने बदला लेने का वस्त्र धारण किया, और जलजलाहट को बागे के समान पहिन लिया है।

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सरल हिन्दी बाइबल

17 उन्होंने धर्म को कवच समान पहन लिया, उनके सिर पर उद्धार का टोप रखा गया; उन्होंने पलटा लेने का वस्त्र पहना तथा उत्साह का वस्त्र बाहर लपेट लिया.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

17 उसने धार्मिकता को झिलम के समान पहन लिया, और उसके सिर पर उद्धार का टोप रखा गया; उसने बदला लेने का वस्त्र धारण किया, और जलजलाहट को बागे के समान पहन लिया है। (इफि. 6:14, इफि. 6:17,1 थिस्स. 5:8)

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यशायाह 59:17
24 क्रॉस रेफरेंस  

मैंने धर्म का वस्‍त्र पहना था, और वह मुझे ढके रहा, न्‍याय से परिपूर्ण मेरा आचरण मेरी पोशाक और पगड़ी था!


तेरे घर की धुन ने मुझे खा लिया, जो निन्‍दा तेरे निन्‍दकों ने की, वही मुझपर पड़ी।


प्रभु प्रतिशोधी परमेश्‍वर है। हे प्रतिशोधी परमेश्‍वर, प्रकाशवान हो!


धर्म ही उसकी शक्‍ति, सच्‍चाई ही उसका सामर्थ्य होगी।


प्रभु, न्‍याय करने के लिए तेरा हाथ उठा हुआ है; पर वे उसे नहीं देख रहे हैं। वे तेरे निज लोगों के प्रति तेरा उत्‍साह देखें, और तब वे लज्‍जित हों। शत्रुओं के प्रति तेरी क्रोधाग्‍नि उन्‍हें भस्‍म कर दे।


यरूशलेम से बचे हुए यहूदा कुल के वंशज और सियोन पर्वत से भागकर बचे हुए लोगों का दल बाहर निकलेगा। प्रभु का धर्मोत्‍साह यह कार्य करेगा।


प्रभु महायोद्धा के सदृश बाहर निकल रहा है; सशक्‍त सैनिक के समान वह अपने क्रोध को उभाड़ रहा है। वह युद्ध-नाद करता है, वह ऊंची आवाज में अपने बैरियों को ललकारता है; वह अपने शत्रुओं पर अपना महाबल प्रकट करता है:


ओ प्रभु की भुजा! जाग! जाग! और अपने बल को धारण कर। जैसी तू प्राचीनकाल में, पुरानी पीढ़ियों के समय में जागी थी, वैसे आज भी जाग! ओ प्रभु की भुजा! क्‍या तू वही नहीं है जिसने रहब के टुकड़े-टुकड़े किए थे, जिसने जल-राक्षस को बेधा था?


प्रभु, स्‍वर्ग से, अपने पवित्र और वैभवपूर्ण निवास-स्‍थान से हम पर दृष्‍टि कर। कहां है तेरा हमारे प्रति उत्‍साह? कहाँ है तेरी शक्‍ति? अपने हृदय की ललक, अपनी दया, हम पर से मत हटा।


तेरे वस्‍त्र लाल क्‍यों है? तेरी पोशाक अंगूर-रस निकालने वाले के वस्‍त्र के समान लाल क्‍यों है?


‘मैंने अकेले ही रस-कुण्‍ड में अंगूर रौंदे हैं, किसी भी कौम के लोग मेरे साथ नहीं थे। मैंने क्रोध में उनको रौंदा, मैंने प्रकोप में उन्‍हें कुचला। उनके रक्‍त के छींटे मेरे वस्‍त्रों पर आ पड़े, इससे मेरे कपड़ों पर धब्‍बे लग गए।


उसकी राज्‍य-सत्ता बढ़ती जाएगी, उसके कल्‍याणकारी कार्यों का अन्‍त न होगा। वह दाऊद के सिंहासन पर बैठेगा, और उसके राज्‍य को संभालेगा। वह अब से लेकर सदा के लिए न्‍याय के कार्यों से उसको सुदृढ़ करेगा, अपने धार्मिक आचरण से उसे सम्‍भालेगा। स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु का धर्मोत्‍साह यह कार्य पूर्ण करेगा!


‘इस प्रकार मेरा क्रोध शान्‍त होगा। जब तक मेरी क्रोधाग्‍नि उन पर पूरी तरह न भड़क उठेगी, तब तक वह शांत न होगी, और न मुझे चैन मिलेगा। और तब उनको मालूम होगा कि मैं-प्रभु ने ही ईष्‍र्या की अग्‍नि में धधक कर यह कहा है। उस समय ही उनके प्रति मेरा क्रोध ठण्‍डा होगा।


उस स्‍वर्गदूत ने मुझसे कहा, ‘यह घोषित कर: “स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: मैं यरूशलेम नगर और सियोन पर्वत के लिए बड़ा ईष्‍र्यालु हूं।


उनके शिष्‍यों को धर्मग्रन्‍थ का यह कथन स्‍मरण हुआ : “तेरे घर की धुन मुझे खा जाएगी।”


सत्‍य के प्रचार तथा परमेश्‍वर के सामर्थ्य से स्‍वयं को परमेश्‍वर के योग्‍य सेवक प्रमाणित किया है। धार्मिकता के शस्‍त्र से हमने न केवल अपना बचाव किया, वरन् आक्रमण भी किया।


आप सत्‍य का कमरबन्‍द कस कर, धार्मिकता का कवच धारण करें


इसके अतिरिक्‍त मुक्‍ति का टोप पहन लें और आत्‍मा की तलवार-अर्थात् परमेश्‍वर का वचन-ग्रहण करें।


हम, जो दिन के हैं, विश्‍वास एवं प्रेम का कवच और मुक्‍ति की आशा का टोप पहन कर सतर्क बने रहें।


क्‍योंकि हम जानते हैं कि किसने यह कहा है, “प्रतिशोध लेना मेरा अधिकार है, मैं ही बदला लूँगा” और फिर, “प्रभु अपनी प्रजा का न्‍याय करेगा।”


तब मैंने देखा कि स्‍वर्ग खुला है। एक सफेद घोड़ा दिखाई पड़ा और उस पर जो सवार है, वह ‘विश्‍वसनीय’ और ‘सच्‍चा’ कहलाता है। वह न्‍याय के अनुसार विचार और युद्ध करता है।


हमारे पर का पालन करें:

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