उनका मुख उनके विरुद्ध साक्षी दे रहा है! वे सदोम नगर-राज्य के समान अपने पाप की घोषणा करते हैं, वे उसको छिपाते नहीं! धिक्कार है उन्हें! उन्होंने स्वयं ही विपत्ति मोल ली है।
यहेजकेल 3:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु इस्राएल-कुल तेरी बात नहीं सुनेगा; क्योंकि वह मेरी बात सुनने को तैयार नहीं है। समस्त इस्राएल-कुल का मन ढीठ और उनका हृदय हठी हो गया है। पवित्र बाइबल नहीं! मैं तो तुम्हें इस्राएल के परिवार में भेज रहा हूँ। केवल वे लोग ही कठोर चित्त वाले हैं—वे बहुत ही हठी है और इस्राएल के लोग तुम्हारी सुनने से इन्कार कर देंगे। वे मेरी सुनना नहीं चाहते! Hindi Holy Bible परन्तु इस्राएल के घराने वाले तेरी सुनने से इनकार करेंगे; वे मेरी भी सुनने से इनकार करते हैं; क्योंकि इस्राएल का सारा घराना ढीठ और कठोर मन का है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु इस्राएल के घरानेवाले तेरी सुनने से इन्कार करेंगे; वे मेरी भी सुनने से इन्कार करते हैं; क्योंकि इस्राएल का सारा घराना ढीठ और कठोर मन का है। सरल हिन्दी बाइबल परंतु इस्राएल के लोग तुम्हारी बातों को सुनना नहीं चाहते क्योंकि वे मेरी बातों को सुनना नहीं चाहते; सारे इस्राएलियों ने अपने मन को कठोर और अपने आपको हठीला बना लिया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु इस्राएल के घरानेवाले तेरी सुनने से इन्कार करेंगे; वे मेरी भी सुनने से इन्कार करते हैं; क्योंकि इस्राएल का सारा घराना ढीठ और कठोर मन का है। |
उनका मुख उनके विरुद्ध साक्षी दे रहा है! वे सदोम नगर-राज्य के समान अपने पाप की घोषणा करते हैं, वे उसको छिपाते नहीं! धिक्कार है उन्हें! उन्होंने स्वयं ही विपत्ति मोल ली है।
ओ इस्राएल! मैं तुझे जानता था कि तू जिद्दी है, तेरी गर्दन लोहे की तरह कठोर है; तेरा माथा पीतल का बना है।
अत: मैंने वर्षा रोक दी, वसंत ऋतु में होनेवाली वर्षा इस वर्ष नहीं हुई। फिर भी तुझे पाप की ग्लानि नहीं हुई। तेरी आंखों में व्यभिचार झलकता रहा!
‘हे प्रभु, क्या तू सच्चाई को नहीं देखता? देख, तूने उनको मारा, किन्तु उन्हें पीड़ा का अनुभव ही नहीं हुआ! तूने उनका संहार किया, फिर भी उन्होंने इससे पाठ नहीं सीखा! उन्होंने अपना हृदय चट्टान से अधिक कठोर बना लिया, उन्होंने पश्चात्ताप करने से इन्कार कर दिया।’
मैं किसको चेतावनी दूं? किस से बोलूं कि लोग सुनें? देख, उनके कान बहरे हैं, वे सुन नहीं सकते। उनकी दृष्टि में मुझ-प्रभु का वचन मजाक बन गया है; वे उसको सुनना पसन्द नहीं करते हैं।
मैंने उन पर प्रहरी नियुक्त किए कि वे चेतावनी के लिए बिगुल बजाएं। परन्तु यरूशलेम-निवासी कहते हैं, “हम चेतावनी पर ध्यान नहीं देंगे!”
‘यिर्मयाह, तू ये बातें उन से कहेगा; किन्तु वे नहीं सुनेंगे। तू पश्चात्ताप के लिए उन्हें बुलाएगा; परन्तु वे तुझे उत्तर नहीं देंगे।
यह पीढ़ी धृष्ट और हठी है। मैं उन लोगों के पास तुझको भेज रहा हूं। तू उनसे यह कहना : “स्वामी-प्रभु यों कहता है।”
जो हत्या इस नगरी ने की है, उसका खून अब तक विद्यमान है। उसने खून को रेत से ढांपने के लिए भूमि पर नहीं उण्डेला है। वरन् उसको नंगी चट्टान पर उण्डेला है।
तुझे ऐसे लोगों के पास नहीं भेज रहा हूं जो अनोखी बोली बोलते हैं या कठिन भाषा बोलनेवाले लोग हैं, जिनकी भाषा तू नहीं समझता। यदि मैं तुझको ऐसे लोगों के पास ही भेजता, तो निस्सन्देह वे तेरी बात सुनते।
परन्तु उन्होंने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने प्रभु की ओर पीठ फेर ली और अपने कानों में रूई ठूंस ली। उन्होंने उसके सन्देश को अनसुना कर दिया।
उन्होंने अपने हृदय को पत्थर बना लिया ताकि वे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की व्यवस्था को न मानें, और न उसके सन्देश को सुनें, जो उसने अपने आत्मा के द्वारा प्राचीन काल के नबियों के माध्यम से दिए थे। अत: स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का भयंकर क्रोध उन पर भड़क उठा।
“जो तुम्हारी सुनता है, वह मेरी सुनता है और जो तुम्हारा तिरस्कार करता है, वह मेरा तिरस्कार करता है। जो मेरा तिरस्कार करता है, वह उसका तिरस्कार करता है जिसने मुझे भेजा है।”
“ओ यरूशलेम! यरूशलेम नगरी! तू नबियों की हत्या करती और अपने पास भेजे हुए संदेश-वाहकों को पत्थरों से मार डालती है। मैंने कितनी बार चाहा कि तेरी सन्तान को एकत्र कर लूँ, जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे एकत्र कर लेती है, परन्तु तूने मुझे यह करने नहीं दिया।
“उसके नगर-निवासी उस से बैर करते थे। इसलिए उन्होंने उसके पीछे एक प्रतिनिधि-मण्डल भेजा और यह कहा, ‘हम नहीं चाहते कि यह मनुष्य हम पर राज्य करे।’
प्रभु ने शमूएल से कहा, ‘जो बात इस्राएली लोग तुझसे कहते हैं, उसको तू सुन। उन्होंने तुझे नहीं, बल्कि मुझे अस्वीकार किया है कि मैं उन पर राज्य न करूँ।