महाराज, मैं यह सब आपकी सेवा में प्रस्तुत करता हूँ।’ अरौनाह ने राजा दाऊद से आगे कहा, ‘आपका प्रभु परमेश्वर आपको, और आपकी बलि को स्वीकार करे।’
यहेजकेल 20:40 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘स्वामी-प्रभु यों कहता है : इस्राएल के सब वंशज अपने देश में, इस्राएल देश के उच्च पहाड़ी शिखर पर, मेरे पवित्र पर्वत पर मेरी आराधना करेंगे। वहां मैं उनकी सेवा-आराधना को स्वीकार करूंगा। वहीं मैं तुम्हारी सब प्रकार की बलि, सर्वोत्तम वस्तुएं, उपहार, तुम्हारी पवित्र भेंट लूंगा। पवित्र बाइबल मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “लोगों को मेरी सेवा के लिये मेरे पवित्र—इस्राएल के ऊँचे पर्वत पर आना चाहिए! इस्राएल का सारा परिवार अपनी भूमि पर होगा वे वहाँ अपने देश में होंगे। यह वह ही स्थान है जहाँ तुम आ सकते हो और मेरी सलाह मांग सकते हो और तुम्हें उस स्थान पर मुझे अपनी भेंट चढ़ाने आना चाहिये। तुम्हें अपनी फसल का पहला भाग वहाँ उस स्थान पर लाना चाहिये। तुम्हें अपनी सभी पवित्र भेंटें वहीं लानी चाहिये। Hindi Holy Bible क्योंकि प्रभु यहोवा की यह वाणी है कि इस्राएल का सारा घराना अपने देश में मेरे पवित्र पर्वत पर, इस्राएल के ऊंचे पर्वत पर, सब का सब मेरी उपासना करेगा; वही मैं उन से प्रसन्न हूंगा, और वहीं मैं तुम्हारी उठाई हुई भेंटें और चढ़ाई हुई उत्तम उत्तम वस्तुएं, और तुमहारी सब पवित्र की हुई वस्तुएं तुम से लिया करूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “क्योंकि प्रभु यहोवा की यह वाणी है कि इस्राएल का सारा घराना अपने देश में मेरे पवित्र पर्वत पर, इस्राएल के ऊँचे पर्वत पर, सब का सब मेरी उपासना करेगा; वहीं मैं उनसे प्रसन्न हूँगा, और वहीं मैं तुम्हारी उठाई हुई भेंटें और चढ़ाई हुई उत्तम उत्तम वस्तुएँ, और तुम्हारी सब पवित्र की हुई वस्तुएँ तुम से लिया करूँगा। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, मेरे पवित्र पर्वत, इस्राएल के ऊंचे पर्वत पर, वहां देश में, इस्राएल के सारे लोग मेरी सेवा करेंगे, और वहां मैं उन्हें स्वीकार करूंगा. तब वहां मैं तुम्हारी भेंट और उत्तम उपहारों को तुम्हारे सब पवित्र बलिदानों सहित ग्रहण करूंगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “क्योंकि प्रभु यहोवा की यह वाणी है कि इस्राएल का सारा घराना अपने देश में मेरे पवित्र पर्वत पर, इस्राएल के ऊँचे पर्वत पर, सब का सब मेरी उपासना करेगा; वही मैं उनसे प्रसन्न होऊँगा, और वहीं मैं तुम्हारी उठाई हुई भेंटें और चढ़ाई हुई उत्तम-उत्तम वस्तुएँ, और तुम्हारी सब पवित्र की हुई वस्तुएँ तुम से लिया करूँगा। |
महाराज, मैं यह सब आपकी सेवा में प्रस्तुत करता हूँ।’ अरौनाह ने राजा दाऊद से आगे कहा, ‘आपका प्रभु परमेश्वर आपको, और आपकी बलि को स्वीकार करे।’
उनको मैं अपने पवित्र पर्वत पर लाऊंगा; अपने प्रार्थनाघर में उन्हें आनन्द प्रदान करूंगा। जब वे वेदी पर अपनी अग्निबलि तथा अन्न-बलि चढ़ाएंगे तब मैं उनकी बलि स्वीकार करूंगा; क्योंकि मेरा घर सब जातियों के लिए प्रार्थना का घर कहलागा।’
केदार कबीले की भेड़-बकरियाँ तेरे समीप एकत्र होंगी; नबायोत कबीले के मेढ़े तेरे पास आएंगे। वे प्रभु की वेदी पर चढ़ाए जाएंगे, और प्रभु उन्हें ग्रहण करेगा। वह अपने सुन्दर भवन को और सुन्दर बनाएगा।
प्रभु की यह वाणी है : ‘जैसे इस्राएली आराधक अन्नबलि को शुद्ध पात्र में रखकर प्रभु-गृह में लाते हैं, वैसे ही वे सभी राष्ट्रों में से तुम्हारे जाति-भाई-बन्धुओं को घोड़ों, रथों, पालकियों, खच्चरों और ऊंटनियों पर बैठा कर पवित्र पर्वत यरूशलेम में लाएंगे, और मुझे भेंट के रूप में अर्पित करेंगे।
मैं-प्रभु यह कहता हूं; नए चांद के दिन से दूसरे नए चांद के दिन तक, एक विश्राम-दिवस से दूसरे विश्राम-दिवस तक समस्त प्राणी मेरी आराधना के लिए मेरे सम्मुख उपस्थित होंगे।
अब इस्राएली सियोन पर्वत पर आएंगे, और उच्च स्वर में प्रभु का गुणगान करेंगे। प्रभु की भलाई के कारण उनके मुख पर चमक होगी; क्योंकि प्रभु उनको अनाज, अंगूर-रस, जैतून का तेल भेड़-बकरियों और गायों के बच्चे देगा। जल से सींचे गये उद्यान के सदृश उनके प्राण हरे-भरे होंगे; इस्राएली फिर कभी दु:खी न होंगे।
स्वामी-प्रभु यों कहता है : ‘मैं भी देवदार वृक्ष की ऊंची फुनगी से एक टहनी लूंगा, और उसको भूमि पर लगाऊंगा। मैं उसकी सबसे ऊंची शाखा में से एक टहनी तोड़ूंगा, और उसको एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर लगाऊंगा।
सुनो, मैं उसको इस्राएल प्रदेश के उच्चतम पर्वत पर रोपूंगा; तब उसमें डालियां फूटेंगी, और उसमें फल लगेंगे। वह एक शानदार देवदार वृक्ष बन जाएगी। उसके नीचे सब जाति के पशु आश्रय लेंगे; उसकी घनी शाखाओं में सब प्रकार के पक्षी अपना घोंसला बनाएंगे।
मैंने तेरी सुरक्षा के लिए एक प्रकाशवान करूब दूत नियुक्त किया था। तू परमेश्वर के ‘पवित्र पर्वत’ पर निवास करता था। तू अग्नि के सदृश चमकनेवाले मणियों के मध्य घूमता-फिरता था।
मैंने परमेश्वर के दर्शन देखे। परमेश्वर ने अपने दर्शन में मुझे इस्राएल देश में पहुंचाया, और वहां एक अत्यन्त ऊंचे पहाड़ पर खड़ा कर दिया। मैंने देखा कि मेरे सामने नगर के आकार-सा कुछ है।
मन्दिर का धर्म-नियम यह है: पहाड़ के शिखर के चारों ओर का सम्पूर्ण भूमि-क्षेत्र परम पवित्र माना जाएगा। ओ मानव, देख, मेरे भवन का यही धर्म-नियम है।
जब पुरोहित सात दिन पुरे कर लेंगे तब आठवें दिन से वे तुम्हारी अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि वेदी पर चढ़ाने लगेंगे। तब मैं तुमको स्वीकार करूंगा।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
‘इस्राएल, जैसा तूने मेरे पवित्र पर्वत पर मेरे क्रोध का प्याला पीया, वैसा ही तेरे चारों ओर के राष्ट्र पियेंगे, वे पियेंगे, और लड़खड़ा कर गिरेंगे। उनका अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा।
‘यद्यपि तूने अपने कार्यों से मेरे प्रति विद्रोह किया, तथापि तुझे उस दिन लज्जित नहीं होना पड़ेगा; क्योंकि मैं तेरे मध्य से अहंकारियों को, शेखी मारनेवालों को दूर कर दूंगा। उसके बाद तू मेरे पवित्र पर्वत पर अपना अहंकार नहीं दिखाएगी।
उदयाचल से अस्ताचल तक, समस्त राष्ट्रों में मेरा नाम महान है। हर स्थान में मेरे नाम पर धूप-द्रव्य और शुद्ध भेंट चढ़ाई जाती है। मैं, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यह कहता हूं: समस्त राष्ट्रों में मेरा नाम महान है।
यहूदा प्रदेश और यरूशलेम नगर के निवासियों की यह भेंट प्रभु को पसन्द आएगी, जैसे बीते दिनों में प्राचीनकाल में उसे पसन्द आती थी।’
और सृष्टि ही नहीं, वरन् हम भी भीतर-ही-भीतर कराहते हैं। हमें तो पवित्र आत्मा मिल चुका है, जो परमेश्वर के कृपादानों का प्रथम फल है। लेकिन हम अपने शरीर की विमुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जब हम परमेश्वर की दत्तक संतान होंगे।
हम येशु के द्वारा परमेश्वर को स्तुति-रूपी बलि-अर्थात् उसके नाम की महिमा करने वाले होंठों का फल-निरन्तर चढ़ाया करें।
और जीवन्त पत्थरों के समान आत्मिक भवन में निर्मित हो जाएं। इस प्रकार आप पवित्र पुरोहित-वर्ग बन कर ऐसी आत्मिक बलि चढ़ा सकेंगे, जो येशु मसीह द्वारा परमेश्वर को स्वीकार हो।
आकाश में एक महान् चिह्न दिखाई दिया: सूर्य का वस्त्र ओढ़े एक महिला दिखाई पड़ी। उसके पैरों तले चन्द्रमा था और उसके सिर पर बारह नक्षत्रों का मुकुट।
मैं आत्मा से आविष्ट हो गया और स्वर्गदूत ने मुझे एक विशाल तथा ऊंचे पर्वत पर ले जा कर पवित्र नगरी यरूशलेम दिखायी। वह स्वर्ग से परमेश्वर के यहाँ से उतर रही थी।