इब्रानियों 13:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)15 हम येशु के द्वारा परमेश्वर को स्तुति-रूपी बलि-अर्थात् उसके नाम की महिमा करने वाले होंठों का फल-निरन्तर चढ़ाया करें। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल15 अतः आओ हम यीशु के द्वारा परमेश्वर को स्तुति रूपी बलि अर्पित करें जो उन होठों का फल है जिन्होंने उसके नाम को पहचाना है। अध्याय देखेंHindi Holy Bible15 इसलिये हम उसके द्वारा स्तुति रूपी बलिदान, अर्थात उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर के लिये सर्वदा चढ़ाया करें। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)15 इसलिये हम उसके द्वारा स्तुतिरूपी बलिदान, अर्थात् उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर को सर्वदा चढ़ाया करें। अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल15 अतः हम उसके द्वारा परमेश्वर को स्तुति रूपी बलिदान निरंतर चढ़ाते रहें, अर्थात् उन होंठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल15 इसलिये हम उनके द्वारा परमेश्वर को लगातार आराधना की बलि भेंट करें अर्थात् उन होंठों का फल, जो उनके प्रति धन्यवाद प्रकट करते हैं. अध्याय देखें |
पुरोहित अपने निर्धारित स्थान पर सेवा-कार्य के लिए खड़े थे। लेवीय उपपुरोहित भी अपने-अपने हाथों में वाद्य-यन्त्र लिए हुए खड़े थे। ये वाद्य-यन्त्र राजा दाऊद ने प्रभु की महिमा के लिए, उसके नाम का गुणगान करने के लिए बनाए थे। जब राजा दाऊद का यह स्तुति-गान ‘प्रभु की करुणा सदा की है’ होता था, तब उपपुरोहित वाद्य-यन्त्र बजाते थे। अत: उपपुरोहितों ने वाद्य-यन्त्र बजाए। दूसरी ओर पुरोहित तुरहियां बजाते रहे। सब इस्राएली पास खड़े रहे।
राजा हिजकियाह ने आराधकों की धर्मसभा से कहा, ‘तुमने प्रभु के लिए स्वयं को अर्पित कर दिया। अब समीप आओ, और प्रभु के भवन में बलि-पशु तथा स्तुति-बलि चढ़ाने के लिए बलि-सामग्री लाओ; और जिनके हृदय में अग्नि-बलि चढ़ाने की इच्छा है, वे अग्नि-बलि लाएँ।’ अत: आराधक बलि-पशु तथा स्तुति-बलि में चढ़ाने के लिए सामग्री ले आए। जिनके हृदय में अग्नि-बलि चढ़ाने की इच्छा हुई, वे अग्नि-बलि ले आए।
वहां आनन्द-उल्लास का स्वर फिर सुनाई देगा, दूल्हा-दुल्हिन के हास-परिहास की आवाज सुनाई देगी। जब आराधक प्रभु के भवन में स्तुति-बलि चढ़ाने के लिए आएंगे तब वे आनन्द से यह गीत गाएंगे: “स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु को धन्यवाद दो, क्योंकि प्रभु भला है, उसकी करुणा सदा बनी रहती है।” मैं-प्रभु कहता हूं : मैं पहले के समान इस देश की दशा समृद्ध कर दूंगा।’