मूर्ख का बलि चढ़ाना भी प्रभु पसन्द नहीं करता। किन्तु निष्कपट मनुष्य की प्रार्थना से वह हर्षित होता है।
यहेजकेल 20:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘ओ मानव, तू इस्राएली राष्ट्र के धर्मवृद्धों से बोल, उनसे यह कह: “स्वामी-प्रभु यों कहता है : क्या तुम मेरी इच्छा जानने के लिए आए हो? मैं, स्वामी-प्रभु यह कहता हूँ: मेरे जीवन की सौगन्ध, तुम मेरी इच्छा कभी नहीं जान पाओगे।” पवित्र बाइबल “मनुष्य के पुत्र, इस्राएल के अग्रजों (प्रमुखों) से बात करो। उनसे कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा, ये बातें बताता है: क्या तुम लोग मेरी सलाह मांगने आये हो यदि तुम लोग आए हो तो मैं तुम्हें यह नहीं दूँगा। मेरे स्वामी यहोवा ने यह बात कही।’ Hindi Holy Bible हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएली पुरनियों से यह कह, प्रभु यहोवा यों कहता है, क्या तुम मुझ से प्रश्न करने को आए हो? प्रभु यहोवा की यह वाणी है कि मेरे जीवन की सौगन्ध, तुम मुझ से प्रश्न करने न पाओगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएली पुरनियों से यह कह, प्रभु यहोवा यों कहता है, क्या तुम मुझ से प्रश्न करने आए हो? प्रभु यहोवा की यह वाणी है कि मेरे जीवन की सौगन्ध, तुम मुझ से प्रश्न करने न पाओगे। सरल हिन्दी बाइबल “हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएल के अगुओं से बात करो और उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: क्या तुम मेरी इच्छा जानने आए हो? मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, मैं तुम्हें अपनी इच्छा नहीं बताऊंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएली पुरनियों से यह कह, प्रभु यहोवा यह कहता है, क्या तुम मुझसे प्रश्न करने को आए हो? प्रभु यहोवा की यह वाणी है कि मेरे जीवन की सौगन्ध, तुम मुझसे प्रश्न करने न पाओगे। |
मूर्ख का बलि चढ़ाना भी प्रभु पसन्द नहीं करता। किन्तु निष्कपट मनुष्य की प्रार्थना से वह हर्षित होता है।
दुर्जनों के द्वारा चढ़ाई गई बलि प्रभु की दृष्टि में घृणित वस्तु है; तब बुरे उद्देश्य से चढ़ाई गई बलि कितनी घृणित होगी।
‘जब तुम यात्रा-पर्वों के लिए मेरे सम्मुख आते हो− तुमसे बलि-पशु लाने के लिए किसने कहा था? तुम इनको लेकर मेरे आंगन में क्यों प्रवेश करते रहते हो?
जब तुम प्रार्थना करते समय मेरी ओर हाथ फैलाओगे तब मैं तुम्हारी ओर से अपनी आंखें फेर लूंगा। चाहे तुम एक के बाद एक, कितनी ही प्रार्थनाएँ क्यों न करो, मैं उन्हें नहीं सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से सने हैं।
वे प्रतिदिन मुझे ढूंढ़ते हैं; वे मेरे मार्ग जानने की इच्छा प्रकट करते हैं; मानो वे धर्म-कर्म करनेवाला राष्ट्र हैं, जिसने अपने ईश्वर के न्याय-सिद्धान्तों का परित्याग नहीं किया है। वे मुझ से धर्म के नियम पूछते हैं। वे मुझ-परमेश्वर के समीप आते, और प्रसन्न होते हैं।
जब तुम इन मूर्तियों के सामने उपहार-भेंट चढ़ाते हो, जब तुम अपने पुत्रों की अग्नि-बलि चढ़ाते हो, तब इस मूर्ति-पूजा के कारण तुम आज तक स्वयं को अशुद्ध करते हो। ऐसे घृणित काम करने के पश्चात् भी तुम आशा करते हो कि मैं तुम्हारे प्रश्नों के उत्तर में तुम पर अपनी इच्छा प्रकट करूंगा? ओ इस्राएल के वंशजो, मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है, तुम मेरी इच्छा नहीं जान सकोगे।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
‘ओ मानव, इन लोगों की दृष्टि में तू क्या है? ये चहारदीवारी पर बैठे हुए, घरों की ड्योढ़ी पर बैठे हुए एक-दूसरे से तेरे विषय में बातें करते हैं। वे आपस में एक-दूसरे को निमन्त्रण दे कर कहते हैं, “आओ चलें, और नबी के मुंह से प्रभु का सन्देश सुनें।”
वे एक सागर से दूसरे सागर को, उत्तर से पूर्व को जाएंगे, वे प्रभु के शब्द की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान को भटकेंगे, पर वे उसको न सुन सकेंगे।
द्रष्टाओं का अनादर होगा, शकुन विचारनेवाले अपमानित होंगे। वे अपने मुंह छिपाएंगे; क्योंकि परमेश्वर उनको उत्तर नहीं देगा।
बहुत से फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्मा के लिए आते देख कर योहन ने उन से कहा, “साँप के बच्चो! किसने तुम लोगों को परमेश्वर के आने वाले कोप से भागने के लिए सचेत कर दिया?
जो लोग योहन से बपतिस्मा लेने उनके पास आते थे, वह उनसे कहते थे, “साँप के बच्चो! किसने तुम लोगों को परमेश्वर के आने वाले कोप से भागने के लिए सचेत कर दिया?
परमेश्वर आत्मा है और यह आवश्यक है कि उसके आराधक आत्मा और सत्य में उसकी आराधना करें।”
उसने प्रभु से पुछा। पर प्रभु ने उसे उत्तर नहीं दिया, न स्वप्न में, न ऊरीम के माध्यम से और न नबी के द्वारा।