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1 शमूएल 28:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

6 उसने प्रभु से पुछा। पर प्रभु ने उसे उत्तर नहीं दिया, न स्‍वप्‍न में, न ऊरीम के माध्‍यम से और न नबी के द्वारा।

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पवित्र बाइबल

6 शाऊल ने यहोवा से प्रार्थना की, किन्तु यहोवा ने उसे उत्तर नहीं दिया। परमेश्वर ने शाऊल से स्वप्न में बातें नहीं की। परमेश्वर ने उसे उत्तर देने के लिये ऊरीम का उपयोग भी नहीं किया और परमेश्वर ने शाऊल से बात करने के लिये भविष्यवक्ताओं का उपयोग नहीं किया।

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Hindi Holy Bible

6 और जब शाऊल ने यहोवा से पूछा, तब यहोवा ने न तो स्वप्न के द्वारा उस उत्तर दिया, और न ऊरीम के द्वारा, और न भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

6 जब शाऊल ने यहोवा से पूछा, तब यहोवा ने न तो स्वप्न के द्वारा उसे उत्तर दिया, और न ऊरीम के द्वारा, और न भविष्यद्वक्‍ताओं के द्वारा।

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सरल हिन्दी बाइबल

6 जब उन्होंने याहवेह से जानकारी चाही, याहवेह ने उन्हें कोई उत्तर ही न दिया; न तो स्वप्नों के माध्यम से, न उरीम के माध्यम से और न ही भविष्यवक्ताओं के माध्यम से.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

6 और जब शाऊल ने यहोवा से पूछा, तब यहोवा ने न तो स्वप्न के द्वारा उसे उत्तर दिया, और न ऊरीम के द्वारा, और न भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा।

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1 शमूएल 28:6
25 क्रॉस रेफरेंस  

उन्‍होंने दुहाई दी, पर उन्‍हें बचाने वाला कोई न था; उन्‍होंने प्रभु को पुकारा, पर प्रभु ने भी उन्‍हें उत्तर नहीं दिया।


हमारे झण्‍डे हमें नहीं दिखाई देते; अब कोई नबी नहीं रहा; हमारे मध्‍य कोई नहीं जानता कि हमारी यह दशा कब तक रहेगी।


चौथी पंिक्‍त फीरोजा, सुलेमानी मणि और यशब की होगी। वे सोने के खांचों में जड़ी जाएंगी।


तू निर्णायक उरपट के भीतर ऊरीम और तुम्‍मीम रखना। जब हारून प्रभु के सम्‍मुख जाएगा तब वे भी उसके हृदय के ऊपर लटकते रहेंगे। इस प्रकार हारून इस्राएली समाज के न्‍याय-पक्ष को अपने हृदय पर प्रभु के सम्‍मुख निरन्‍तर धारण करता रहेगा।


आनेवाले कल के सम्‍बन्‍ध में शेखी मत मारना; क्‍योंकि तू नहीं जानता है कि कल क्‍या होगा?


‘जिन नबियों को मेरा दर्शन मिलता है, वे मेरे दर्शन की बातें लोगों को बताएं; किन्‍तु जिनको मेरा वचन मिला है, वे सच्‍चाई से उस वचन के विषय में भी बताएं। कहां भूसा? कहां गेहूं?’ प्रभु की यह वाणी है,


उसके प्रवेश-द्वार भूमि में धंस गए; प्रभु ने उसकी अर्गलाएँ टुकड़े-टुकड़े कर दीं। उसका राजा और प्रशासक विदेशी राष्‍ट्रों में निर्वासित हैं। व्‍यवस्‍था की मान्‍यता नहीं रहीं; नबियों को प्रभु की ओर से दर्शन नहीं मिलता।


‘इसके पश्‍चात् यह घटना घटेगी: मैं सब मनुष्‍यों पर अपना आत्‍मा उण्‍डेलूंगा; तुम्‍हारे पुत्र और तुम्‍हारी पुत्रियां नबूवत करेंगी। तुम्‍हारे वृद्धजन स्‍वप्‍न-द्रष्‍टा होंगे; तुम्‍हारे युवक दर्शन देखेंगे।


उसको उरपट पहनाया और उसके भीतर ऊरीम और तुम्‍मीम रख दिए।


द्रष्‍टाओं का अनादर होगा, शकुन विचारनेवाले अपमानित होंगे। वे अपने मुंह छिपाएंगे; क्‍योंकि परमेश्‍वर उनको उत्तर नहीं देगा।


प्रभु ने कहा, ‘मेरे वचन सुनो : यदि तुम्‍हारे मध्‍य कोई नबी है, तो मैं-प्रभु दर्शन के माध्‍यम से उस पर स्‍वयं को प्रकट करता हूं, मैं स्‍वप्‍न में उससे वार्तालाप करता हूं।


वह पुरोहित एलआजर के सम्‍मुख खड़ा हुआ करेगा, जो प्रभु के सम्‍मुख ऊरीम की न्‍याय-विधि के द्वारा उसके लिए मेरी इच्‍छा पूछा करेगा। उसके आदेश के अनुसार समस्‍त मंडली, समस्‍त इस्राएली लोग उसके मार्गदर्शन में बाहर जाएंगे और उसी के मार्गदर्शन में लौटेंगे।’


वह इस पर विचार कर ही रहा था कि उसे स्‍वप्‍न में प्रभु का दूत दिखाई दिया। दूत ने उससे कहा, “यूसुफ! दाऊद के वंशज! अपनी पत्‍नी मरियम को अपने यहाँ लाने में नहीं डरें, क्‍योंकि उनके जो गर्भ है, वह पवित्र आत्‍मा से है।


हम जानते हैं कि परमेश्‍वर पापियों की नहीं सुनता। वह उन लोगों की सुनता है, जो उसके भक्‍त हैं और उसकी इच्‍छा पूरी करते हैं।


मूसा ने लेवी कुल के विषय में यह कहा, ‘हे प्रभु, लेवी कुल को अपना तुम्‍मीम, अपने भक्‍त को अपना ऊरीम दे; जिसको तूने मस्‍सा स्‍थान पर परखा था, जिसके साथ तूने मरीबा जलाशय पर विवाद किया था;


जब आप मांगते भी हैं, तो इसलिए नहीं पाते कि अच्‍छी तरह प्रार्थना नहीं करते। आप अपनी वासनाओं की तृप्‍ति के लिए प्रार्थना करते हैं।


शाऊल ने परमेश्‍वर से पूछा, ‘क्‍या मैं पलिश्‍ती सेना का पीछा करूँ? क्‍या तू उनको इस्राएल के हाथ में सौंप देगा?’ परन्‍तु प्रभु ने उस दिन उसको उत्तर नहीं दिया।


शमूएल ने शाऊल से पूछा, ‘तूने क्‍यों मेरी शान्‍ति भंग की? तूने मुझे क्‍यों जगाया?’ शाऊल ने उत्तर दिया, ‘मैं बड़े संकट में हूँ। पलिश्‍ती मुझसे युद्ध कर रहे हैं। परमेश्‍वर ने मुझसे मुंह मोड़ लिया है। अब वह मुझे उत्तर नहीं देता, न नबियों के द्वारा, और न स्‍वप्‍न में। इसलिए मैंने आपको बुलाया है। आप मुझे बताइए कि मुझे क्‍या करना चाहिए।’


जब शाऊल ने पलिश्‍ती सेना के पड़ाव को देखा, तब वह डर गया। उसका हृदय बहुत धड़कने लगा।


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