यहेजकेल 33:30 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)30 ‘ओ मानव, इन लोगों की दृष्टि में तू क्या है? ये चहारदीवारी पर बैठे हुए, घरों की ड्योढ़ी पर बैठे हुए एक-दूसरे से तेरे विषय में बातें करते हैं। वे आपस में एक-दूसरे को निमन्त्रण दे कर कहते हैं, “आओ चलें, और नबी के मुंह से प्रभु का सन्देश सुनें।” अध्याय देखेंपवित्र बाइबल30 “अब तुम्हारे विषय में, मनुष्य के पुत्र, तुम्हारे लोग दीवारों के सहारे झुके हुए और अपने दरवाजों में खड़े हैं और वे तुम्हारे बारे में बात करते हैं। वे एक दूसरे से कहते हैं, ‘आओ, हम जाकर सुनें जो यहोवा कहता है।’ अध्याय देखेंHindi Holy Bible30 और हे मनुष्य के सन्तान, तेरे लोग भीतों के पास और घरों के द्वारों में तेरे विषय में बातें करते और एक दूसरे से कहते हैं, आओ, सुनो, कि यहोवा की ओर से कौन सा वचन निकलता है। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)30 “हे मनुष्य के सन्तान, तेरे लोग दीवारों के पास और घरों के द्वारों में तेरे विषय में बातें करते और एक दूसरे से कहते हैं, ‘आओ, सुनो, कि यहोवा की ओर से कौन सा वचन निकलता है।’ अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल30 “हे मनुष्य के पुत्र, जहां तक तुम्हारा सवाल है, तुम्हारे लोग तुम्हारे विषय में दीवारों के किनारे और घर के दरवाजों पर बात करते हुए एक दूसरे से यह कह रहे हैं, ‘आओ और उस संदेश को सुनो, जो याहवेह से आया है.’ अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201930 “हे मनुष्य के सन्तान, तेरे लोग दीवारों के पास और घरों के द्वारों में तेरे विषय में बातें करते और एक दूसरे से कहते हैं, ‘आओ, सुनो, यहोवा की ओर से कौन सा वचन निकलता है।’ अध्याय देखें |
यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों ने आपस में कहा, ‘आओ, हम यिर्मयाह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचें; क्योंकि यिर्मयाह के न रहने से पुरोहितों की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाएगी, और न बुद्धिमान आचार्यों के बुद्धिमत्तापूर्ण परामर्श, और न ही नबियों की नबूवत। आओ हम झूठे आरोप में यिर्मयाह को पकड़ें और मार डालें। अच्छा हो कि हम उसकी बात पर ध्यान न दें।’
जब तुम इन मूर्तियों के सामने उपहार-भेंट चढ़ाते हो, जब तुम अपने पुत्रों की अग्नि-बलि चढ़ाते हो, तब इस मूर्ति-पूजा के कारण तुम आज तक स्वयं को अशुद्ध करते हो। ऐसे घृणित काम करने के पश्चात् भी तुम आशा करते हो कि मैं तुम्हारे प्रश्नों के उत्तर में तुम पर अपनी इच्छा प्रकट करूंगा? ओ इस्राएल के वंशजो, मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है, तुम मेरी इच्छा नहीं जान सकोगे।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।