परन्तु उन्होंने नहीं सुना। जैसे उनके पूर्वज जिद्दी थे, जिन्होंने अपने प्रभु परमेश्वर पर विश्वास नहीं किया था, वैसे ही वे जिद्दी थे।
यहेजकेल 12:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘ओ मानव, तू विद्रोही कौम, इस्राएली कुल के मध्य रहता है। उनके पास आंखें तो हैं, पर उन्हें दिखाई नहीं देता। उनके पास कान हैं, पर वे सुनते नहीं। इस्राएली कुल विद्रोही है। पवित्र बाइबल “मनुष्य के पुत्र, तुम विद्रोही लोगों के साथ रहते हो। वे सदैव मेरे विरुद्ध गये हैं। देखने के लिये उनकी आँखें हैं जो कुछ मैंने उनके लिये किया है। किन्तु वे उन चीजों को नहीं देखते। सुनने के लिये उनके कान हैं, उन चीजों को जो मैंने उन्हें करने को कहा है। किन्तु वे मेरे आदेश नहीं सुनते। क्यों क्योंकि वे विद्रोही लोग हैं। Hindi Holy Bible हे मनुष्य के सन्तान, तू बलवा करने वाले घराने के बीच में रहता है, जिनके देखने के लिये आंखें तो हैं, परन्तु नहीं देखते; और सुनने के लिये कान तो हैं परन्तु नहीं सुनते; क्योंकि वे बलवा करने वाले घराने के हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “हे मनुष्य के सन्तान, तू विद्रोह करनेवाले घराने के बीच में रहता है, जिनके देखने के लिये आँखें तो हैं, परन्तु नहीं देखते; और सुनने के लिये कान तो हैं परन्तु नहीं सुनते; क्योंकि वे विद्रोह करनेवाले घराने के हैं। सरल हिन्दी बाइबल “हे मनुष्य के पुत्र, तुम विद्रोही लोगों के बीच रह रहे हो. उनकी आंख तो हैं, परंतु देखते नहीं और कान तो हैं, परंतु सुनते नहीं, क्योंकि वे विद्रोही लोग हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “हे मनुष्य के सन्तान, तू बलवा करनेवाले घराने के बीच में रहता है, जिनके देखने के लिये आँखें तो हैं, परन्तु नहीं देखते; और सुनने के लिये कान तो हैं परन्तु नहीं सुनते; क्योंकि वे बलवा करनेवाले घराने के हैं। (मर. 8:18, रोम. 11:8) |
परन्तु उन्होंने नहीं सुना। जैसे उनके पूर्वज जिद्दी थे, जिन्होंने अपने प्रभु परमेश्वर पर विश्वास नहीं किया था, वैसे ही वे जिद्दी थे।
उन्होंने प्रभु की संविधियों को, अपने पुर्वजों के साथ स्थापित प्रभु के विधान को अस्वीकार किया और उसकी चेतावनी की घोर उपेक्षा की। उन्होंने झूठी मूर्तियों का अनुसरण किया, और स्वयं झूठे बन गए। उन्होंने अपने चारों ओर की जातियों के दुष्कर्मों का अनुसरण किया। उनके विषय में प्रभु ने इस्राएलियों को आदेश दिया था कि उनके समान कार्य मत करना।
कितनी बार उन्होंने निर्जन प्रदेश में परमेश्वर से विद्रोह किया, और उसको उजाड़ भूमि में उदास किया।
तेरे शासक कानून के विरोधी हैं, वे चोरों के साथी हैं। वे-सब रिश्वत के लोभी हैं। वे उपहारों के पीछे दौड़ते हैं। वे अनाथों का न्याय नहीं करते, और न विधवाओं का मुकदमा उन तक पहुंच ही पाता है।
प्रभु कहता है; “ओ विद्रोही पुत्रो, धिक्कार है तुम्हें! तुम योजना तो बनाते हो, परन्तु मेरी सम्मति से नहीं; तुम सन्धि तो करते हो, पर मेरे आत्मा की प्रेरणा से नहीं। यों तुम पाप पर पाप करे रहे हो।
‘उन लोगों को मेरे सम्मुख प्रस्तुत करो, जिनको आंखें हैं, पर वे देखते नहीं, जिनके कान हैं, पर वे सुनते नहीं।
ऐसे लोग न जानते हैं और न समझते हैं। उनकी आंखें बन्द हैं, अत: वे देख नहीं सकते। उनकी बुद्धि पर परदा पड़ा है, इसलिए वे समझ नहीं सकते।
तब मैंने कहा, ‘हाय! अब मैं जीवित नहीं रह सकता! मैं अशुद्ध ओंठवाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध ओंठवाले लोगों के मध्य निवास करता हूं। मैंने साक्षात् स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा।’
मैं विद्रोही कौम की ओर दिन भर हाथ फैलाए रहा, उन्हें बुलाता रहा। यह कौम अपने मन की योजनाओं के अनुसार उस मार्ग पर चलती है, जो भला नहीं है।
जैसे खेत के रखवाले खेत के चारों ओर चक्कर लगाते हैं वैसे ही वे यरूशलेम को घेर रहे हैं। क्योंकि उसने मुझसे विद्रोह किया था,’ प्रभु की यह वाणी है।
ओ मूर्ख और नासमझ लोगो, यह सुनो। तुम्हारी आंखें हैं, पर तुम नहीं देखते। तुम्हारे कान हैं, पर तुम नहीं सुनते।
फिर भी उन्होंने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया, और न ही उस पर कान दिया। उन्होंने अपना हृदय पत्थर-सा कठोर बना लिया, और अपने पूर्वजों से बढ़कर दुष्कर्म किए।
किन्तु केवल मैं-प्रभु ही वचन कहूंगा, और उसको पूरा करूंगा। उसके पूर्ण होने में विलम्ब नहीं होगा। ओ विद्रोही कुल, मैं तेरे समय में वचन कहूंगा, और उसको निस्सन्देह पूरा करूंगा।” स्वामी-प्रभु यह कहता है।’
‘अब तू विद्रोही इस्राएली कुल से यह कह : क्या तुम अब भी इस पहेली और दृष्टांत का अर्थ नहीं समझे? सुनो, इसका यह अर्थ है : बेबीलोन देश का राजा यरूशलेम में आया। उसने यरूशलेम के राजा, और उसके उच्चाधिकारियों को बन्दी बनाया, और उनको अपने देश में ले गया।
उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, मैं तुझको इस्राएली राष्ट्र के पास भेज रहा हूं, जो विद्रोही कौम है, जिसने मेरे प्रति विद्रोह किया है। वे और उनके पूर्वज आज तक मेरे प्रति अपराध करते चले आ रहे हैं।
तू इस्राएल के विद्रोही वंशजों को यह दृष्टांत सुनाना। तू उनसे यह कहना, स्वामी-प्रभु यों कहता है: हण्डे को आग पर रखो, चूल्हे पर रखो; और उसमें पानी उण्डेलो।
मैंने तेरे मन को चकमक पत्थर से अधिक कठोर बना दिया है। वे विद्रोही कुल की सन्तान हैं। तू उनकी तीखी दृष्टि से मत डरना और न हताश होना।’
ओ मानव, तू इस्राएल के विद्रोही वंश से, इस्राएलियों से यह कहना, स्वामी-प्रभु यों कहता है: ओ इस्राएल के वंशजो! तुम अपने सब घृणित कार्यों से हाथ धो लो।
जिससे ‘वे देखते हुए भी नहीं देखें और सुनते हुए भी नहीं समझें। कहीं ऐसा न हो कि वे प्रभु की ओर लौट आएँ और क्षमा प्राप्त करें।’ ”
उन्होंने कहा, “परमेश्वर के राज्य के रहस्यों का ज्ञान तुम लोगों को दिया गया है; पर दूसरों को केवल दृष्टान्त मिले, जिससे वे देखते हुए भी नहीं देखें और सुनते हुए भी नहीं समझें।
“परमेश्वर ने उनकी आँखों को अन्धा कर दिया और उनकी बुद्धि कुण्ठित कर दी है। परमेश्वर ने कहा : कहीं ऐसा न हो कि वे आँखों से देखें, बुद्धि से समझें और मेरी ओर लौट आएँ और मैं उन्हें स्वस्थ कर दूँ।”
इस्राएलियों की बुद्धि कुण्ठित हो गयी थी और आज भी, जब प्राचीन विधान पढ़ कर सुनाया जाता है, तो वही परदा पड़ा रहता है। वह पड़ा रहता है, क्योंकि मसीह ही उसे हटा सकते हैं।
उनकी बुद्धि पर अन्धकार छाया हुआ है। वे अपने अज्ञान और हृदय की कठोरता के कारण ईश्वरीय जीवन से विमुख हो गये हैं।
तुम्हारी आंखों ने परीक्षा के महान कार्यों को, चिह्नों और महान आश्चर्यपूर्ण कामों को, देखा है।
परन्तु आज तक प्रभु ने तुम्हें समझने के लिए हृदय, देखने के लिए आंखें और सुनने के लिए कान नहीं दिए हैं।
मैं जानता हूँ कि तुम विद्रोही और ऐंठी गरदन वाले लोग हो! देखो, यदि मेरे जीवित रहते, तुम्हारे साथ रहते हुए भी तुम आज प्रभु के विरुद्ध विद्रोह करते हो, तो मेरी मृत्यु के पश्चात् विद्रोह क्यों न करोगे?
‘स्मरण रखना और कभी मत भूलना कि तुमने निर्जन प्रदेश में अपने प्रभु परमेश्वर को क्रोधित किया था। जिस दिन से तुम मिस्र देश से बाहर निकले हो, और इस स्थान पर पहुँचे हो, तुम प्रभु से विद्रोह करते रहे हो।