यहूदियों ने यह निश्चय किया कि वे स्वयं, तथा उनके वंशज एवं नवदीिक्षत यहूदी मोरदकय के पत्रानुसार प्रति वर्ष निर्धारित दो दिनों तक पर्व मनाएंगे और पर्व मनाने में कभी नहीं चूकेंगे।
यशायाह 2:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) देश-देश के लोग वहाँ जाएंगे और यह कहेंगे : ‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें; आओ, हम याकूब के परमेश्वर के भवन की ओर चलें, ताकि प्रभु हमें अपना मार्ग सिखाए, और हम उसके सिखाए हुए मार्ग पर चलें।’ सियोन पर्वत से प्रभु की व्यवस्था प्रकट होगी, यरूशलेम नगर से ही प्रभु का शब्द सुनाई देगा। पवित्र बाइबल बहुत से लोग वहाँ जाया करेंगे। वे कहा करेंगे, “हमे यहोवा के पर्वत पर जाना चाहिये। हमें याकूब के परमेश्वर के मन्दिर में जाना चाहिये। तभी परमेश्वर हमें अपनी जीवन विधि की शिक्षा देगा और हम उसका अनुसरण करेंगे।” सिय्योन पर्वत पर यरूशलेम में, परमेश्वर यहोवा के उपदेशों का सन्देश का आरम्भ होगा और वहाँ से वह समूचे संसार में फैलेगा। Hindi Holy Bible और बहुत देशों के लोग आएंगे, और आपस में कहेंगे: आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं; तब वह हम को अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे। क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) बहुत से देशों के लोग आएँगे, और आपस में कहेंगे : “आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएँ; तब वह हमको अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।” क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा। सरल हिन्दी बाइबल और कहेंगे, “आओ, हम याहवेह के पर्वत, याकोब के परमेश्वर के भवन को चलें. कि वह हमें अपने नियम सिखाएं, और हम उनके मार्गों पर चलें.” क्योंकि ज़ियोन से व्यवस्था निकलेगी, और येरूशलेम से याहवेह का वचन आएगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और बहुत देशों के लोग आएँगे, और आपस में कहेंगे: “आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएँ; तब वह हमको अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।” क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा। (जक. 8:20-23) |
यहूदियों ने यह निश्चय किया कि वे स्वयं, तथा उनके वंशज एवं नवदीिक्षत यहूदी मोरदकय के पत्रानुसार प्रति वर्ष निर्धारित दो दिनों तक पर्व मनाएंगे और पर्व मनाने में कभी नहीं चूकेंगे।
प्रभु सियोन से आपको शक्तिशाली राजदण्ड प्रदान करता है, कि आप अपने शत्रुओं के मध्य शासन करें।
मैं पहले-जैसे तेरे प्रशासकों को, प्राचीन काल के समान तेरे मन्त्रियों को पुन: नियुक्त करूंगा। तब तू धार्मिक नगरी कहलायेगी। लोग तुझे विश्वास-योग्य नगरी कहेंगे।’
उस दिन यिशय का वंश-मूल देश-देश के लोगों के लिए एक पताका बनेगा। राष्ट्र उसको ढूंढ़ेंगे। उसका निवास-स्थान तेजोमय होगा।
उस दिन मिस्र देश से असीरिया देश तक एक राजमार्ग निर्मित होगा। असीरिया देश के नागरिक उस मार्ग से मिस्र देश में आयेंगे और मिस्र देश के नागरिक असीरिया देश को जाएंगे। मिस्र देश के निवासी असीरिया देश के निवासियों के साथ आराधना करेंगे।
वे ताना मारते हैं: “नबी किस व्यक्ति को ज्ञान सिखाएगा? वह किसको प्रभु का सन्देश समझाएगा? क्या उन शिशुओं को, जिन्होंने अभी-अभी मां का दूध पीना छोड़ा है, जो मां के स्तन से अलग किए गए हैं?”
उनमें से एक कहेगा, ‘मैं प्रभु का हूं,’ तो दूसरा अपना नाम ‘याकूब’ रखेगा। अन्य व्यक्ति अपने हाथ पर यह खुदवाएगा : ‘यह प्रभु का है,’ और अपना कुल-नाम ‘इस्राएल’ बताएगा।
मैं उसको अपने गृह में, अपनी शहरपनाह के भीतर ऐसा स्थायी नाम दूंगा जो पुत्रों और पुत्रियों से श्रेष्ठ होगा। मैं उसको शाश्वत नाम दूंगा जो कभी न मिटेगा।
उनको मैं अपने पवित्र पर्वत पर लाऊंगा; अपने प्रार्थनाघर में उन्हें आनन्द प्रदान करूंगा। जब वे वेदी पर अपनी अग्निबलि तथा अन्न-बलि चढ़ाएंगे तब मैं उनकी बलि स्वीकार करूंगा; क्योंकि मेरा घर सब जातियों के लिए प्रार्थना का घर कहलागा।’
किन्तु तुम लोग, जिन्होंने मुझ-प्रभु को त्याग दिया है, जिन्होंने मेरे पवित्र पर्वत को भुला दिया है, जो भाग्य-देवता की मेज पर अन्न की भेंट अर्पित करते हो, नियति देवी को मसाला मिश्रित मदिरा चढ़ाते हो,
प्रभु की यह वाणी है : ‘जैसे इस्राएली आराधक अन्नबलि को शुद्ध पात्र में रखकर प्रभु-गृह में लाते हैं, वैसे ही वे सभी राष्ट्रों में से तुम्हारे जाति-भाई-बन्धुओं को घोड़ों, रथों, पालकियों, खच्चरों और ऊंटनियों पर बैठा कर पवित्र पर्वत यरूशलेम में लाएंगे, और मुझे भेंट के रूप में अर्पित करेंगे।
यदि वे मेरे निज लोगों का आचरण सीखेंगे, यदि वे मेरे नाम की शपथ खाएंगे: “जीवंत प्रभु की शपथ,” जैसा उन्होंने मेरे निज लोगों को बअल देवता की शपथ खाना सिखाया था, तो वे मेरे निज लोगों के मध्य घरबार बना सकेंगे।
‘भाइयो, हमारे यहूदा प्रदेश के राजा हिजकियाह के राज्य-काल में मोरेशेत नगर के रहनेवाले नबी मीकायाह नबूवत करते थे। उन्होंने यहूदा की समस्त जनता से यह कहा था: “स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यह कहता है : सियोन की पवित्र भूमि पर शत्रु-सेना का हल चलेगा; यरूशलेम नगर मलवों का ढेर बन जाएगा; और मन्दिर का पहाड़ पूजास्थल का जंगल बन जाएगा!”
ओ इस्राएल! एक दिन ऐसा भी आएगा जब पहरेदार एफ्रइम के पहाड़ी क्षेत्र में पुकार-पुकार कर कहेगा, “ओ सोनेवालो, उठो! और सियोन पर्वत पर अपने प्रभु परमेश्वर के पास चलो।” ’
मैंने परमेश्वर के दर्शन देखे। परमेश्वर ने अपने दर्शन में मुझे इस्राएल देश में पहुंचाया, और वहां एक अत्यन्त ऊंचे पहाड़ पर खड़ा कर दिया। मैंने देखा कि मेरे सामने नगर के आकार-सा कुछ है।
तत्पश्चात् इस्राएली लौटेंगे, और अपने प्रभु परमेश्वर तथा अपने राजा दाऊद को खोजेंगे। वे प्रभु की आशिष के लिए, जो वह आनेवाले दिनों में उन्हें देगा, भय से कांपते हुए प्रभु के पास आएंगे।
आओ, हम प्रभु का अनुभव प्राप्त करें। आओ, हम प्रभु के ज्ञान की तलाश करें। ऊषा की तरह उसका प्रकट होना निश्चित है। वर्षा की बूंदों के सदृश वह हमारे पास आएगा; भूमि को सींचनेवाली वसंत की वर्षा के समान वह हमारे पास आएगा।’
वे आकर यह कहेंगे, ‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं, ताकि वह हमें अपने मार्ग की शिक्षा दे; और हम उसके पथ पर चलें।’ सियोन पर्वत से व्यवस्था प्रकट होगी, यरूशलेम से ही प्रभु का शब्द सुनाई देगा।
“जो मेरी ये बातें सुनता और उन पर चलता है, वह उस समझदार मनुष्य के सदृश है, जिसने चट्टान पर अपना घर बनवाया था।
परन्तु येशु ने कहा, “किन्तु वे कहीं अधिक धन्य हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं।”
और उनके नाम पर यरूशलेम से ले कर सभी राष्ट्रों को पापक्षमा के लिए पश्चात्ताप का संदेश सुनाया जाएगा।
तुम जिसकी आराधना करते हो, उसे नहीं जानते। हम जिसकी आराधना करते हैं, उसे जानते हैं, क्योंकि उद्धार यहूदियों में से है।
यदि कोई उसकी इच्छा पूरी करने का संकल्प करेगा, तो वह यह जान जाएगा कि मेरी शिक्षा परमेश्वर की ओर से है अथवा मैं अपनी ओर से बोलता हूँ।
किन्तु पवित्र आत्मा तुम पर उतरेगा और तुम्हें सामर्थ्य प्रदान करेगा और तुम यरूशलेम में, समस्त यहूदा और सामरी प्रदेशों में तथा पृथ्वी के अन्तिम छोर तक मेरे साक्षी होगे।”
मैंने आप को तुरन्त बुला भेजा और आपने पधारने की कृपा की है। प्रभु ने आप को जो-जो आदेश दिये हैं, उन्हें सुनने के लिए हम सब परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित हैं।”
अब मैं यह पूछता हूँ: “क्या उन्होंने सुना नहीं?” उन्होंने अवश्य सुना है, क्योंकि “उनकी वाणी समस्त संसार में फैल गयी है और उनके शब्द पृथ्वी के सीमान्तों तक।”
वे लोगों को पहाड़ पर आमंत्रित करेंगे, वहाँ वे सफलता के लिए धर्ममय बलि चढ़ाएंगे। क्योंकि वे समुद्र के प्रचुर धन से, रेतकणों में छिपी सम्पत्ति से लाभ कमाते हैं।’
‘जो आज्ञाएं, संविधियाँ और न्याय-सिद्धान्त तुम्हें सिखाने के लिए तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने मुझे आज्ञा दी थी, वे ये ही हैं। तुम उस देश में इनके अनुसार कार्य करना, जिसको तुम अपने अधिकार में करने के लिए वहाँ जा रहे हो।
किन्तु जो व्यक्ति उस व्यवस्था को, जो पूर्ण है और हमें स्वतन्त्रता प्रदान करती है, ध्यान से देखता और उसका पालन करता रहता है, वह उस श्रोता के सदृश नहीं, जो तुरन्त भूल जाता है, बल्कि वह कर्ता बन जाता और उस व्यवस्था को अपने जीवन में चरितार्थ करता है। वह अपने आचरण के कारण धन्य होगा।