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यशायाह 1:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

26 मैं पहले-जैसे तेरे प्रशासकों को, प्राचीन काल के समान तेरे मन्‍त्रियों को पुन: नियुक्‍त करूंगा। तब तू धार्मिक नगरी कहलायेगी। लोग तुझे विश्‍वास-योग्‍य नगरी कहेंगे।’

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पवित्र बाइबल

26 जैसे न्यायकर्ता तुम्हारे पास प्रारम्भ में थे अब वैसे ही न्यायकर्ता मैं फिर से वापस लाऊँगा। जैसे सलाहकार बहुत पहले तुम्हारे पास हुआ करते थे, वैसे ही सलाहकार तुम्हारे पास फिर होंगे। तुम तब फिर ‘नेक और विश्वासी नगरी’ कहलाओगी।”

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Hindi Holy Bible

26 और मैं तुम में पहिले की नाईं न्यायी और आदि काल के समान मंत्री फिर नियुक्त करूंगा। उसके बाद तू धर्मपुरी और सती नगरी कहलाएगी॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

26 मैं तुम में पहले के समान न्यायी और आदि काल के समान मन्त्री फिर नियुक्‍त करूँगा। उसके बाद तू धर्मपुरी और विश्‍वासयोग्य नगरी कहलाएगी।”

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सरल हिन्दी बाइबल

26 मैं फिर से न्यायी और मंत्री बनाऊंगा और उनको उनका पद दूंगा. फिर इस नगर में कोई कमी नहीं होगी.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

26 मैं तुम में पहले के समान न्यायी और आदिकाल के समान मंत्री फिर नियुक्त करूँगा। उसके बाद तू धर्मपुरी और विश्वासयोग्य नगरी कहलाएगी।”

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यशायाह 1:26
25 क्रॉस रेफरेंस  

जो नगरी सती-साध्‍वी थी, वह कैसे वेश्‍या बन गई! वह न्‍याय-प्रिय थी, उसमें धर्म का निवास था। पर अब? वहाँ हत्‍यारे बसे हुए हैं।


देश-देश के लोग वहाँ जाएंगे और यह कहेंगे : ‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें; आओ, हम याकूब के परमेश्‍वर के भवन की ओर चलें, ताकि प्रभु हमें अपना मार्ग सिखाए, और हम उसके सिखाए हुए मार्ग पर चलें।’ सियोन पर्वत से प्रभु की व्‍यवस्‍था प्रकट होगी, यरूशलेम नगर से ही प्रभु का शब्‍द सुनाई देगा।


प्रभु महान है; क्‍योंकि वह उच्‍च स्‍थान पर विराजमान है। वह सियोन पर्वत को न्‍याय और धार्मिकता से परिपूर्ण करेगा।


तू धर्म की नींव पर स्‍थिर होगी, तू नहीं डरेगी; अत्‍याचार से तू बची रहेगी; आतंक तेरे पास फटकेगा भी नहीं।


जिन्‍होंने तुझ पर अत्‍याचार किया था, उनकी सन्‍तान सिर झुकाए हुए तेरे पास आएगी; जो तुझसे घृणा करते थे, वे तेरे चरणों पर गिरकर तुझे साष्‍टांग प्रणाम करेंगे। वे तुझे इस नाम से पुकारेंगे: “प्रभु की नगरी” , “इस्राएल के पवित्र परमेश्‍वर का नगर-सियोन।”


तेरे सब निवासी धार्मिक होंगे; वे सदा के लिए देश पर अधिकार करेंगे, जिससे मेरी महिमा हो। ये लोग मेरे पौधे की शाखाएँ हैं; इन्‍हें मैंने अपने हाथ से रचा है।


इस्राएल का परमेश्‍वर, स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : ‘जब मैं यहूदा प्रदेश के निवासियों की समृद्धि लौटा दूंगा, तब वे पुन: अपने नगरों में, यहूदा प्रदेश में यह कह कर सियोन की प्रशंसा करेंगे : “ओ पवित्र सियोन पर्वत, धर्म से परिपूर्ण नगर यरूशलेम! प्रभु तुझ पर आशिष की वर्षा करता रहे।”


वहां आनन्‍द-उल्‍लास का स्‍वर फिर सुनाई देगा, दूल्‍हा-दुल्‍हिन के हास-परिहास की आवाज सुनाई देगी। जब आराधक प्रभु के भवन में स्‍तुति-बलि चढ़ाने के लिए आएंगे तब वे आनन्‍द से यह गीत गाएंगे: “स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु को धन्‍यवाद दो, क्‍योंकि प्रभु भला है, उसकी करुणा सदा बनी रहती है।” मैं-प्रभु कहता हूं : मैं पहले के समान इस देश की दशा समृद्ध कर दूंगा।’


मैं यहूदा और इस्राएल प्रदेशों की जनता को फिर समृद्धिशाली बना दूंगा, जैसी वह पहले थी। मैं उसका पुन: निर्माण करूंगा।


शासक का इस्राएल देश में इतनी ही भूमि पर अधिकार होगा। तब मेरे शासक मेरे निज लोगों पर अत्‍याचार नहीं करेंगे। किन्‍तु वे इस्राएलियों को उनके कुलों के अनुसार भूमि पर अधिकार करने देंगे।


ओ रेवड़ के बुर्ज! ओ सियोन के गढ़! तुझे पहले-जैसा शासन प्राप्‍त होगा, तुझे यरूशलेम का राज्‍य प्राप्‍त होगा।


ये इस्राएल के बचे हुए लोग होंगे। ये अनुचित कार्य नहीं करेंगे, ये झूठ नहीं बोलेंगे, और न उनके मुंह में कपटपूर्ण जीभ होगी। वे आराम से चरागाह में भेड़ चराएंगे। वे निश्‍चिन्‍त हो, विश्राम करेंगे; उन्‍हें डरानेवाला कोई न होगा।’


‘उस समय मैं कौमों की बोली बदल दूंगा। मैं उन्‍हें शुद्ध बोली प्रदान करूंगा। लोग मुझ-प्रभु का नाम पुकारेंगे, और कंधे से कंधा मिलाकर मेरी सेवा करेंगे।


प्रभु यों कहता है: मैं सियोन पर्वत को लौटूंगा। मैं यरूशलेम के मध्‍य निवास करूंगा और यरूशलेम “सत्‍य नगर” कहलाएगा। स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु का पर्वत “पवित्र पर्वत” होगा।


मैं उन्‍हें वापस लाऊंगा और यरूशलेम के मध्‍य बसाऊंगा। वे मेरे निज लोग होंगे और मैं उनका सत्‍य और धार्मिक परमेश्‍वर होऊंगा।


पृथ्‍वी पर रहने वाले सब मनुष्‍यों में मूसा सर्वाधिक विनम्र थे।


मूसा को बड़ा क्रोध आया। उन्‍होंने प्रभु से कहा, ‘उनकी भेंटों की ओर ध्‍यान मत देना। मैंने घूस में उनसे एक गधा भी नहीं लिया और न उनमें से किसी का अनिष्‍ट ही किया।’


लेकिन उस में न तो कोई अपवित्र वस्‍तु प्रवेश कर पायेगी और न कोई ऐसा व्यक्‍ति, जो घृणित काम करता या झूठ बोलता है। वे ही प्रवेश कर पायेंगे, जिनके नाम मेमने के जीवन-ग्रन्‍थ में अंकित हैं।


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