ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




भजन संहिता 48:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

उसका पवित्र पर्वत, जिसकी उठान सुन्‍दर है, समस्‍त पृथ्‍वी के हर्ष का कारण है। सियोन पर्वत श्रेष्‍ठ पर्वत है, और वह राजाधिराज का नगर है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

परमेश्वर का पवित्र नगर एक सुन्दर नगर है। धरती पर वह नगर सर्वाधिक प्रसन्न है। सिय्योन पर्वत सबसे अधिक ऊँचा और सर्वाधिक पवित्र है। यह नगर महा सम्राट का है।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

सिय्योन पर्वत ऊंचाई में सुन्दर और सारी पृथ्वी के हर्ष का कारण है, राजाधिराज का नगर उत्तरी सिरे पर है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

सिय्योन पर्वत ऊँचाई में सुन्दर और सारी पृथ्वी के हर्ष का कारण है, राजाधिराज का नगर उत्तरी सिरे पर है।

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

उसका पवित्र पर्वत ऊँचाई में सुंदर है, और सारी पृथ्वी के हर्ष का कारण है। राजाधिराज का नगर सिय्योन पर्वत पर स्थित है जो उत्तर में है।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

मनोहर हैं इसके शिखर, जिसमें समस्त पृथ्वी आनन्दमग्न है, ज़ियोन पर्वत उत्तर के उच्च पर्वत ज़ेफोन के समान है, जो राजाधिराज का नगर है.

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

सिय्योन पर्वत ऊँचाई में सुन्दर और सारी पृथ्वी के हर्ष का कारण है, राजाधिराज का नगर उत्तरी सिरे पर है। (मत्ती 5:35, यिर्म. 3:19)

अध्याय देखें



भजन संहिता 48:2
21 क्रॉस रेफरेंस  

सियोन में प्रभु को धन्‍य कहा जाए; प्रभु यरूशलेम में निवास करता है! प्रभु की स्‍तुति करो!


साकार सौन्‍दर्य-सियोन से परमेश्‍वर प्रकाशमान हुआ।


उसका आवास शालेम में, उसका धाम सियोन में है।


ओ परमेश्‍वर के नगर, तेरे विषय में प्रभु ने ये महिमायुक्‍त बातें कहीं हैं: सेलाह


हमारे प्रभु परमेश्‍वर का गुणगान करो; उसके पवित्र पर्वत पर जाकर प्रभु की वन्‍दना करो। क्‍योंकि प्रभु, हमारा परमेश्‍वर पवित्र है।


तूने अपने हृदय में सोचा था, “मैं आकाश पर चढ़ूंगा, परमेश्‍वर के तारों के ऊपर, ऊंचे से ऊंचे स्‍थान पर मैं अपना सिंहासन प्रतिष्‍ठित करूंगा। मैं दूरस्‍थ उत्तर में स्‍थित ‘देवताओं के पर्वत’ पर विराजूंगा।


आनेवाले दिनों में यह होगा : जिस पर्वत पर प्रभु का भवन निर्मित है, वह विश्‍व के पर्वतों में उच्‍चतम स्‍थान पर, गौरवमय स्‍थान पर प्रतिष्‍ठित होगा। वह पहाड़ियों के मध्‍य उच्‍चतम स्‍थान ग्रहण करेगा; विश्‍व के राष्‍ट्र जलधारा के समान उसकी ओर बहेंगे।


जिन्‍होंने तुझ पर अत्‍याचार किया था, उनकी सन्‍तान सिर झुकाए हुए तेरे पास आएगी; जो तुझसे घृणा करते थे, वे तेरे चरणों पर गिरकर तुझे साष्‍टांग प्रणाम करेंगे। वे तुझे इस नाम से पुकारेंगे: “प्रभु की नगरी” , “इस्राएल के पवित्र परमेश्‍वर का नगर-सियोन।”


‘ओ यरूशलेम के प्रेमियो! यरूशलेम के साथ हर्षित हो, उसके साथ आनन्‍द मनाओ। ओ यरूशलेम के लिए शोक करनेवालो! अब तुम उसके हर्ष में सम्‍मिलित हो।


‘ओ इस्राएली कौम, मैंने सोचा था कि तुझे अपने ही लोगों के मध्‍य प्रतिष्‍ठित करूंगा, तुझे एक उपजाऊ देश प्रदान करूंगा, जो सब देशों में सर्वोत्तम होगा। मैं सोचता था, तू मुझे अपना पिता मानेगी, और मेरा अनुसरण करना नहीं छोड़ेगी।


मार्ग से गुजरनेवाले तुझे देखकर ताली बजाते हैं। वे यरूशलेम कि पुत्री को देखकर छी-छी करते और मुंह बनाकर यह कहते हैं : ‘क्‍या यह वही नगरी है, जिसको “विश्‍व का आनन्‍द” , “परम-सुन्‍दरी” कहा जाता था?”


उसी दिन मैंने उनसे यह भी शपथ खाई थी: “ओ इस्राएलियो, मैंने तुम्‍हारे लिए एक देश ढूंढ़ लिया है, जो विश्‍व के देशों में सर्वश्रेष्‍ठ है। उसमें दूध और शहद की नदियां बहती हैं। मैं तुम को मिस्र देश की गुलामी से मुक्‍त कर उस देश में ले जाऊंगा।”


इसलिए उत्तर देश का आक्रमणकारी राजा अपनी इच्‍छा के अनुसार सब राज्‍यों के साथ व्‍यवहार करेगा; उसका सामना करनेवाला कोई न होगा। वह हमारे “वैभव-सम्‍पन्न देश’ में पैर जमा लेगा, और समस्‍त देश पर उसका अधिकार हो जाएगा।


वह समुद्र और तेजोमय पवित्र पर्वत के मध्‍य अपने राजसी तम्‍बू गाड़ेगा। तो भी उसका अन्‍त होगा ही। उसको बचाने वाला कोई न होगा।


“इन चार सींगों में से एक सींग से एक और छोटा सींग निकला। वह दक्षिण , पूर्व और हमारे “वैभव सम्‍पन्न देश” की ओर बढ़ता गया, और अत्‍यन्‍त शक्‍तिशाली बन गया।


धोखा देनेवाला व्यक्‍ति शापित हो। उसके रेवड़ में स्‍वस्‍थ नर पशु है। उसने उसे चढ़ाने की मन्नत मांगी, पर चढ़ाया अपने प्रभु को−वर्जित विकृत पशु! स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: ‘मैं समस्‍त पृथ्‍वी का सम्राट हूँ। समस्‍त राष्‍ट्र मेरे नाम के प्रति श्रद्धा-भक्‍ति प्रकट करते हैं।


तब सब राष्‍ट्र तुम्‍हें सुखी राष्‍ट्र कहेंगे, क्‍योंकि तुम्‍हारा देश एक मनोहर देश होगा।’ स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने यह कहा है।


न पृथ्‍वी की, क्‍योंकि वह उसका पायदान है; न यरूशलेम की, क्‍योंकि वह राजाधिराज का नगर है।


आप लोग सियोन पर्वत, जीवन्‍त परमेश्‍वर के नगर, स्‍वर्गीय यरूशलेम के पास पहुँचे हैं, जहाँ लाखों स्‍वर्गदूत आनन्‍द-उत्‍सव मनाते हैं