दाऊद के राज्य-काल में लगातार तीन वर्ष तक अकाल पड़ा। दाऊद ने प्रभु से इसका कारण पूछा। प्रभु ने कहा, ‘शाऊल और उसके राज-परिवार पर हत्या का दोष है, क्योंकि उसने गिबओनी जाति के लोगों का वध किया था।’
भजन संहिता 27:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तूने कहा था : “तुम मेरे मुख की खोज करो।” मेरा हृदय तुझ से यह कहता है, “हे प्रभु, मैं तुझ को ही खोजता हूँ।” पवित्र बाइबल हे योहवा, मैं चाहता हूँ अपने हृदय से तुझसे बात करुँ। हे यहोवा, मैं तुझसे बात करने तेरे सामने आया हूँ। Hindi Holy Bible तू ने कहा है, कि मेरे दर्शन के खोजी हो। इसलिये मेरा मन तुझ से कहता है, कि हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू ने कहा है, “मेरे दर्शन के खोजी हो।” इसलिये मेरा मन तुझ से कहता है, “हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूँगा।” नवीन हिंदी बाइबल तूने कहा है, “मेरे दर्शन के खोजी हो।” तब मेरे मन ने तुझसे कहा, “हे यहोवा, मैं तेरे दर्शन का खोजी रहूँगा।” सरल हिन्दी बाइबल आपने कहा, “मेरे खोजी बनो!” मेरा हृदय आपसे यह कहता है, याहवेह, मैं आपका ही खोजी बनूंगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तूने कहा है, “मेरे दर्शन के खोजी हो।” इसलिए मेरा मन तुझ से कहता है, “हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूँगा।” |
दाऊद के राज्य-काल में लगातार तीन वर्ष तक अकाल पड़ा। दाऊद ने प्रभु से इसका कारण पूछा। प्रभु ने कहा, ‘शाऊल और उसके राज-परिवार पर हत्या का दोष है, क्योंकि उसने गिबओनी जाति के लोगों का वध किया था।’
तब यदि मेरे निज लोग, जो मेरे अपने लोग हैं, जिनको मैंने अपना नाम दिया है, स्वयं को विनम्र और दीन बनाएंगे, मुझसे प्रार्थना करेंगे, और मेरे मुख का दर्शन प्राप्त करने का प्रयत्न करेंगे, और अपने बुरे आचरण को छोड़ देंगे, तो मैं स्वर्ग से उनकी प्रार्थना को सुनूंगा, और उनके पाप क्षमा कर दूंगा, मैं उनके देश को रोग-मुक्त कर दूंगा।
मैं तेरी कृपा के लिए सम्पूर्ण हृदय से गिड़गिड़ाता हूं, प्रभु, अपनी कृपा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर।
ऐसे हैं वे लोग, जो प्रभु के जिज्ञासु हैं, जो इस्राएल के परमेश्वर के दर्शनाभिलाषी हैं। सेलाह
प्रभु, हम संकट-काल में तुझे ढूंढ़ते हैं। जब तू हमें ताड़ित करता है, तब हम तुझसे निरन्तर प्रार्थना करते हैं।
मैंने किसी गुप्त स्थान में, या कहीं अंधकारमय क्षेत्र में नहीं कहा; मैंने याकूब के वंशजों से यह नहीं कहा, “मुझे निर्जन स्थान में ढूंढ़ना।” मैं प्रभु हूं, मैं केवल सच बोलता हूं; मैं उचित बात बताता हूं।’
मैं जा रहा हूं, मैं अपने स्थान को लौट रहा हूं, जब तक वे अपना अपराध स्वीकार न करेंगे और मेरा दर्शन पाने का प्रयत्न न करेंगे; जब तक अपने संकट में मुझे नहीं ढूंढ़ेंगे, मैं उनसे विमुख रहूंगा।