19 मैंने किसी गुप्त स्थान में, या कहीं अंधकारमय क्षेत्र में नहीं कहा; मैंने याकूब के वंशजों से यह नहीं कहा, “मुझे निर्जन स्थान में ढूंढ़ना।” मैं प्रभु हूं, मैं केवल सच बोलता हूं; मैं उचित बात बताता हूं।’
19 मैंने अकेले ये बातें नहीं कीं। मैंने मुक्त भाव से कहा है। संसार के किसी भी अन्धेरे में मैं अपने वचन नहीं छुपाता। मैंने याकूब के लोगों से नहीं कहा कि वे मुझे विरान स्थानों पर ढूँढे। मैं परमेश्वर हूँ, और मैं सत्य बोलता हूँ। मैं वही बातें कहता हूँ जो सत्य हैं।
19 मैं ने न किसी गुप्त स्थान में, न अन्धकार देश के किसी स्थान में बातें कीं; मैं ने याकूब के वंश से नहीं कहा, मुझे व्यर्थ में ढूंढ़ों। मैं यहोवा सत्य ही कहता हूं, मैं उचित बातें ही बताता आया हूं॥
19 मैं ने न किसी गुप्त स्थान में, न अन्धकार देश के किसी स्थान में बातें कीं; मैं ने याकूब के वंश से नहीं कहा, ‘मुझे व्यर्थ में ढूँढ़ो।’ मैं यहोवा सत्य ही कहता हूँ, मैं उचित बातें ही बताता आया हूँ।
19 मैंने जो कुछ कहा है वह गुप्त में नहीं कहा है, न ही अंधकार में; मैंने याकोब के वंश को यह नहीं कहा कि, ‘मेरी खोज व्यर्थ में करो.’ मैं, याहवेह, सत्य ही कहता हूं; मैं सही बातें ही बताता आया हूं.
19 मैंने न किसी गुप्त स्थान में, न अंधकार देश के किसी स्थान में बातें की; मैंने याकूब के वंश से नहीं कहा, ‘मुझे व्यर्थ में ढूँढ़ो।’ मैं यहोवा सत्य ही कहता हूँ, मैं उचित बातें ही बताता हूँ।
इसलिए अब समस्त इस्राएली राष्ट्र के सम्मुख, प्रभु की धर्मसभा के सम्मुख, अपने परमेश्वर को सुनाते हुए मैं तुम्हें यह आदेश दे रहा हूँ: प्रभु परमेश्वर की समस्त आज्ञाओं की ओर ध्यान दो, और उनका पालन करो। तब तुम इस उत्तम देश पर अधिकार कर सकोगे, और इसको अपने बाद स्थायी पैतृक-भूमि के रूप में अपनी सन्तान के लिए छोड़ जाओगे।
और वह राजा आसा से मिलने के लिए गया। अजर्याह ने उससे कहा, ‘महाराज आसा, यहूदा और बिन्यामिन भूमि-क्षेत्रों के निवासियो, मेरी बात सुनो। ‘जब तुम प्रभु के साथ रहोगे तब वह तुम्हारे साथ रहेगा; जब तुम उसको खोजोगे तब वह तुम्हें मिलेगा। किन्तु यदि तुम उसको त्याग दोगे तो वह तुम्हें भी त्याग देगा!
तब यदि मेरे निज लोग, जो मेरे अपने लोग हैं, जिनको मैंने अपना नाम दिया है, स्वयं को विनम्र और दीन बनाएंगे, मुझसे प्रार्थना करेंगे, और मेरे मुख का दर्शन प्राप्त करने का प्रयत्न करेंगे, और अपने बुरे आचरण को छोड़ देंगे, तो मैं स्वर्ग से उनकी प्रार्थना को सुनूंगा, और उनके पाप क्षमा कर दूंगा, मैं उनके देश को रोग-मुक्त कर दूंगा।
यात्रा के दौरान शत्रुओं से अपनी रक्षा के लिए सम्राट से सिपाहियों का दल और घुड़सवार मांगना मुझे अच्छा नहीं लगा; क्योंकि हमने सम्राट से यह कहा था, ‘परमेश्वर का वरदहस्त उसके भक्तों पर रहता है, पर उसका क्रोध उन लोगों पर भड़क उठता है, जो उसको छोड़ देते हैं।’
जब तुम प्रार्थना करते समय मेरी ओर हाथ फैलाओगे तब मैं तुम्हारी ओर से अपनी आंखें फेर लूंगा। चाहे तुम एक के बाद एक, कितनी ही प्रार्थनाएँ क्यों न करो, मैं उन्हें नहीं सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से सने हैं।
मैंने प्रकट किया था, मैंने ही घोषित किया था, मैंने ही तुम्हें बचाया था, उन दिनों में जब तुम्हारे मध्य अन्य ईश्वर नहीं था।’ प्रभु कहता है, ‘तुम ही मेरे गवाह हो।
मत डरो, भयभीत मत हो। मैं प्राचीनकाल से ये बातें तुम्हें बताता आ रहा हूं, तुम पर प्रकट करता आ रहा हूं। तुम मेरे गवाह हो। क्या मुझे छोड़ और कोई ईश्वर है? नहीं, मुझे छोड़ तुम्हारी कोई “चट्टान” नहीं है। मैं किसी अन्य को नहीं जानता।’
मैंने स्वयं अपनी शपथ खाई है, मेरी धार्मिकता से मेरे मुंह से यह वचन निकला है, और वह नहीं टलेगा: ‘हर एक मनुष्य मेरे सम्मुख घुटना टेकेगा, प्रत्येक जीभ मेरे नाम से शपथ लेगी।’
समीप आओ, मेरी यह बात सुनो। आरम्भ से ही मैंने तुमसे गुप्त रूप में कोई बात नहीं कही। सृष्टि के रचना-काल से मैं वहाँ हूं।’ − अब स्वामी प्रभु ने मुझे अपने आत्मा के साथ भेजा है।
यह कौन है जो एदोम देश से, लाल वस्त्र पहिने हुए बोसरा नगर से आ रहा है? उसका पहनावा फूला हुआ है, वह अति बलवान है। वह झूमता हुआ चला आ रहा है। ‘यह मैं हूं, मैं विजय की घोषणा करता हूं, मैं मुक्त करने में समर्थ हूं।’
मैं याकूब की संतति में से एक वंश, यहूदा कुल में से अपने पर्वतों का एक वारिस उत्पन्न करूंगा। मेरे मनोनीत लोग उन पर अधिकार करेंगे; मेरे सेवक वहाँ निवास करेंगे।
ओ मेरे शिष्यो! जब लोग तुमसे यह कहेंगे, ‘बुदबुदानेवाले और गुनगुनानेवाले भूत-प्रेत के साधकों और जादू-टोना करनेवालों से मार्गदर्शन प्राप्त करो’ तो तुम यह कहना, ‘क्या हमें परमेश्वर से मार्गदर्शन नहीं प्राप्त करना चाहिए? क्या जीवित जाति के लिए मुर्दों से मार्ग-दर्शन प्राप्त करना उचित है?’
ओ लोगो, मुझ-प्रभु के वचन पर ध्यान दो। क्या मैं इस्राएली कौम के लिए निर्जन प्रदेश के सदृश अथवा घोर अन्धकारमय क्षेत्र के सदृश भटकाने वाला था? तब मेरे निज लोग यह क्यों कहते हैं, “हम स्वतन्त्र हैं, हम तेरे पास नहीं आएंगे” ?
येशु ने उत्तर दिया, “मैं संसार के सामने प्रकट रूप से बोला हूँ। मैंने सदा सभागृह और मन्दिर में, जहाँ सब धर्मगुरु एकत्र हुआ करते हैं, शिक्षा दी है। मैंने गुप्त रूप से कुछ नहीं कहा।
येशु ने मन्दिर में शिक्षा देते हुए पुकार कर कहा, “तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहाँ का हूँ। मैं अपनी इच्छा से नहीं आया हूँ। जिसने मुझे भेजा है, वह सच्चा है और तुम उसे नहीं जानते।
गुप्त बातें केवल हमारा प्रभु परमेश्वर ही जानता है। पर जो बातें प्रकट की गई हैं, उन्हें हम और हमारी सन्तान सदा-सर्वदा जानेंगे, ताकि हम इस व्यवस्था के वचनों के अनुसार कार्य कर सकें।
‘प्रभु चट्टान है। उसका शासन-कार्य सिद्ध है; क्योंकि उसके समस्त मार्ग न्यायपूर्ण हैं। वह सच्चा परमेश्वर है, उसमें पक्षपात नहीं, वह निष्पक्ष न्यायी और निष्कपट है।