प्रभु परमेश्वर ने स्त्री से पूछा, ‘यह तूने क्या किया?’ स्त्री ने उत्तर दिया, ‘सांप ने मुझे बहका दिया और मैंने फल खा लिया।’
भजन संहिता 140:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे अपनी जीभ को सांप के दांत जैसा तेज करते हैं, उनके ओंठों के नीचे नाग का विष है। सेलाह पवित्र बाइबल उन लोगों की जीभें विष भरे नागों सी है। जैसे उनकी जीभों के नीचे सर्प विष हो। Hindi Holy Bible उनका बोलना सांप का काटना सा है, उनके मुंह में नाग का सा विष रहता है॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उनका बोलना साँप का काटना सा है, उनके मुँह में नाग का सा विष रहता है। (सेला) नवीन हिंदी बाइबल उनका बोलना सर्प के काटने जैसा है; उनके होंठों के नीचे साँप का सा विष रहता है। सेला। सरल हिन्दी बाइबल उन्होंने अपनी जीभ सर्प सी तीखी बना रखी है; उनके होंठों के नीचे नाग का विष भरा है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उनका बोलना साँप के काटने के समान है, उनके मुँह में नाग का सा विष रहता है। (सेला) (रोम. 3:13, याकू. 3:8) |
प्रभु परमेश्वर ने स्त्री से पूछा, ‘यह तूने क्या किया?’ स्त्री ने उत्तर दिया, ‘सांप ने मुझे बहका दिया और मैंने फल खा लिया।’
मेरा प्राण सिंहों के मध्य है; मैं धधकती ज्वाला में सोता हूँ; ऐसे मनुष्यों के बीच जिन के दांत भाले और तीर हैं, जिनकी जीभ दुधारी तलवार है।
देख, वे अपने मुंह से डकार रहे हैं। उनके मुंह में तलवारें हैं; वे यह कहते हैं, “कौन सुनता है?”
बिना सोच-विचार के बोलनेवाले मनुष्य के शब्द तलवार की तरह बेधते हैं; पर बुद्धिमान की बातें मलहम का काम करती हैं।
हमने प्रभु को अस्वीकार किया; उसके प्रति अपराध किया; अपने परमेश्वर का अनुसरण करना छोड़ दिया, उससे अपना मुंह फेर लिया। हमने अत्याचार और विरोध की बातें कहीं, हमने मन में झूठी बातें गढ़ीं, और उनको अपने मुंह से निकाला भी।
वे झूठ का शब्द फेंकने के लिए धनुष के सदृश अपनी जीभ को, प्रत्यंचा पर चढ़ाते हैं; सच्चाई नहीं, वरन् असत्य की फसल सारे देश में खूब पैदा हो रही है! वे दुष्कर्म पर दुष्कर्म करते जाते हैं। उनके विषय में स्वयं प्रभु कहता है: ‘वे मेरी उपस्थिति का अनुभव नहीं करते हैं।’
हर आदमी अपने पड़ोसी को ठगता है, उन्होंने सच न बोलने की कसम खा रखी है, वे सदा झूठ बोलते हैं, वे दुष्कर्म करते हैं, और पश्चात्ताप से मुंह फेर लेते हैं।
साँप के बच्चो! तुम बुरे हो कर अच्छी बातें कैसे कह सकते हो? जो हृदय में भरा है, वही तो मुँह से बाहर आता है।
मुझे डर है कि जिस प्रकार सांप ने अपनी धूर्तता से हव्वा को धोखा दिया था, उसी प्रकार आप लोगों का मन भी न बहका दिया जाए और आप मसीह के प्रति अपनी निष्कपट और सच्ची भक्ति न खो बैठें;