Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




मत्ती 12:34 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

34 साँप के बच्‍चो! तुम बुरे हो कर अच्‍छी बातें कैसे कह सकते हो? जो हृदय में भरा है, वही तो मुँह से बाहर आता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

34 अरे ओ साँप के बच्चो! जब तुम बुरे हो तो अच्छी बातें कैसे कह सकते हो? व्यक्ति के शब्द, जो उसके मन में भरा है, उसी से निकलते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

34 हे सांप के बच्चों, तुम बुरे होकर क्योंकर अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुंह पर आता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

34 हे साँप के बच्‍चो, तुम बुरे होकर कैसे अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुँह पर आता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

34 हे साँप के बच्‍चो, तुम बुरे होकर अच्छी बातें कैसे कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है वही मुँह पर आता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

34 अरे तुम! तुम, जो विषैले सांप की संतान हो, भला तुम्हारे बुरे होने पर तुम्हारे मुख से अच्छी बातें कैसे निकल सकती हैं? क्योंकि मुख से वही मुखरित होता है जो हृदय में भरा होता है.

अध्याय देखें प्रतिलिपि




मत्ती 12:34
28 क्रॉस रेफरेंस  

मूर्ख अपने हृदय में यह कहते हैं: “परमेश्‍वर है ही नहीं।” वे भ्रष्‍ट हो गए हैं, वे अन्‍याय के घृणास्‍पद कार्य करते हैं; ऐसा कोई भी नहीं, जो भलाई करता है।


उन्‍होंने अपनी जीभ को तलवार के समान चोखा किया है, उन्‍होंने कटु वचन-रूपी बाण संधान किया है,


वे दुष्‍प्रयोजन को पूर्ण करने का साहस करते हैं। वे जाल बिछाने के लिए छिपकर वार्तालाप करते हैं, वे यह कहते हैं, “हमें कौन देख सकता है?”


बुद्धिमान मनुष्‍य का मन उसके वचन को ज्ञान से परिपूर्ण करता है, और उसकी वाणी में विद्या की वृद्धि करता है।


मेरे पुत्र, सबसे अधिक अपने हृदय की रक्षा कर; क्‍योंकि जीवन के स्रोत उससे ही फूटते हैं।


क्‍योंकि मूर्ख मूर्खता की बातें करता है, उसका हृदय दुष्‍कर्म की योजना रचता है। उसका हर कार्य धर्महीन होता है, वह प्रभु के विषय में कुतर्क करता है। वह भूखे को भूखा ही रहने देता है। वह प्‍यासे की प्‍यास नहीं बुझाता है।


अत: न्‍याय ने हम से मुंह मोड़ लिया; धार्मिकता हमसे दूर चली गई। चौराहे पर सच्‍चाई की धज्‍जियाँ उड़ गईं, सद्आचरण प्रवेश नहीं पा सकता।


कोई भी व्यक्‍ति सच्‍चाई से नालिश नहीं करता, और न कोई ईमानदारी से मुकदमा लड़ता है। वे सब झूठे तर्कों पर भरोसा करते हैं, वे झूठ ही बोलते हैं, उन्‍हें अनिष्‍ट का गर्भ रहता है, और वे अधर्म को जन्‍म देते हैं!


अत: स्‍वामी इन लोगों के नवयुवकों से प्रसन्न नहीं है, और न वह उनके अनाथ बच्‍चों पर, और न उनकी विधवा स्‍त्रियों पर दया करता है। ये सब भक्‍तिहीन और कुकर्मी हैं; हर आदमी मूर्खतापूर्ण बातें करता है। प्रभु का क्रोध इस विनाश के बाद भी शान्‍त नहीं होगा; विनाश के लिए उसका हाथ अब तक उठा हुआ है।


अच्‍छा मनुष्‍य अपने अच्‍छे भण्‍डार से अच्‍छी वस्‍तुएँ निकालता है और बुरा मनुष्‍य अपने बुरे भण्‍डार से बुरी वस्‍तुएँ।


परन्‍तु जो मुँह से बाहर निकलता है, वह मन से आता है और वही मनुष्‍य को अशुद्ध करता है।


“अरे साँपो! करैतों की संतान! तुम नरक के दण्‍ड से कैसे बचोगे?


बहुत से फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्‍मा के लिए आते देख कर योहन ने उन से कहा, “साँप के बच्‍चो! किसने तुम लोगों को परमेश्‍वर के आने वाले कोप से भागने के लिए सचेत कर दिया?


जो लोग योहन से बपतिस्‍मा लेने उनके पास आते थे, वह उनसे कहते थे, “साँप के बच्‍चो! किसने तुम लोगों को परमेश्‍वर के आने वाले कोप से भागने के लिए सचेत कर दिया?


अच्‍छा मनुष्‍य अपने हृदय के अच्‍छे भण्‍डार से अच्‍छी वस्‍तु निकालता है और जो बुरा है, वह अपने बुरे भण्‍डार से बुरी वस्‍तु निकालता है; क्‍योंकि जो हृदय में भरा है, वही तो मुँह से बाहर आता है।


“तुम तो अपने पिता शैतान से हो और अपने पिता की इच्‍छा पूरी करना चाहते हो। वह तो प्रारम्‍भ से ही हत्‍यारा था। वह सत्‍य पर स्‍थिर नहीं रहता, क्‍योंकि उसमें सत्‍य है ही नहीं। जब वह झूठ बोलता है, तो अपने ही स्‍वभाव के अनुसार बोलता है; क्‍योंकि वह झूठा है और झूठ का पिता है।


आपके मुख से कोई अश्‍लील बात नहीं, बल्‍कि ऐसे शब्‍द निकलें, जो अवसर के अनुरूप हों, और दूसरों के निर्माण तथा कल्‍याण में सहायक हों।


और न भद्दी, मूर्खतापूर्ण या अश्‍लील बातचीत; क्‍योंकि यह अशोभनीय है-बल्‍कि आप परमेश्‍वर को धन्‍यवाद दिया करें।


हम सब बारम्‍बार गलत काम करते हैं। जो कभी गलत बात नहीं कहता, वह पहुँचा हुआ मनुष्‍य है और वह अपने पूर्ण शरीर को नियंत्रण में रख सकता है।


परमेश्‍वर की सन्‍तान और शैतान की सन्‍तान की पहचान यह है: जो भी व्यक्‍ति धर्माचरण नहीं करता, वह परमेश्‍वर की सन्‍तान नहीं है और वह भी नहीं, जो अपने भाई अथवा बहिन से प्रेम नहीं करता।


जैसी प्राचीन काल की यह कहावत है : “दुर्जन व्यक्‍ति से दुष्‍टता का जन्‍म होता है।” मेरा हाथ आप पर कभी नहीं उठेगा।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों