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भजन संहिता 11:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

प्रभु अपने पवित्र मंदिर में है, प्रभु का सिंहासन स्‍वर्ग में है। उसकी आंखें मानव-संतान को निहारती हैं, उसकी पलकें उनको जांचती हैं।

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पवित्र बाइबल

यहोवा अपने विशाल पवित्र मन्दिर में विराजा है। यहोवा स्वर्ग में अपने सिंहासन पर बैठता है। यहोवा सब कुछ देखता है, जो भी घटित होता है। यहोवा की आँखें लोगों की सज्जनता व दुर्जनता को परखने में लगी रहती हैं।

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Hindi Holy Bible

परमेश्वर अपने पवित्र भवन में है; परमेश्वर का सिंहासन स्वर्ग में है; उसकी आंखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं और उसकी पलकें उन को जांचती हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

परमेश्‍वर अपने पवित्र भवन में है; परमेश्‍वर का सिंहासन स्वर्ग में है; उसकी आँखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं और उसकी पलकें उनको जाँचती हैं।

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नवीन हिंदी बाइबल

यहोवा अपने पवित्र मंदिर में है; यहोवा का सिंहासन स्वर्ग में है। उसकी आँखें मनुष्य की संतान को देखती रहती हैं, और उसकी पलकें उन्हें जाँचती हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

याहवेह अपने पवित्र मंदिर में हैं; उनका सिंहासन स्वर्ग में बसा है. उनकी दृष्टि सर्वत्र मनुष्यों को देखती है; उनकी सूक्ष्मदृष्टि हर एक को परखती रहती है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

यहोवा अपने पवित्र भवन में है; यहोवा का सिंहासन स्वर्ग में है; उसकी आँखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं और उसकी पलकें उनको जाँचती हैं।

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भजन संहिता 11:4
28 क्रॉस रेफरेंस  

जिस दिन से मैं इस्राएलियों को बाहर निकाल लाया, उस दिन से आज तक मैं भवन में नहीं रहा। मैं एक तम्‍बू से दूसरे तम्‍बू में, एक निवास-स्‍थान से दूसरे निवास-स्‍थान में यात्रा करता रहा।


सम्‍पूर्ण पृथ्‍वी पर प्रभु की दृष्‍टि यहां से वहां दौड़ती रहती है, ताकि वह अपने उन भक्‍तों को अपना सामर्थ्य दिखा सके जो निष्‍कलंक हृदय से प्रभु पर विश्‍वास करते हैं। किन्‍तु महाराज, आपने यह बहुत मूर्खतापूर्ण कार्य किया। इसलिए अब से आप निरन्‍तर युद्ध में जूझते रहेंगे।’


परमेश्‍वर उन्‍हें सुरक्षित रखता, और उन्‍हें सम्‍भालता है; वह उनके कुमार्गों पर उनकी रक्षा करता है


प्रभु ने अपना सिंहासन स्‍वर्ग में स्‍थापित किया है, और उसकी सत्ता सब पर शासन करती है।


हमारे प्रभु परमेश्‍वर के सदृश और कौन है? वह उच्‍च स्‍थान पर विराजमान है,


हे परमेश्‍वर, मुझे परख और मेरा हृदय पहचान, मुझे जांच और मेरे विचारों को जान!


प्रभु स्‍वर्ग से मनुष्‍यों पर दृष्‍टिपात करता है यह देखने के लिए कि क्‍या कोई ऐसा मनुष्‍य है, जो समझ से काम लेता है, जो परमेश्‍वर को खोजता है?


मैंने संकट में प्रभु को पुकारा, मैंने अपने परमेश्‍वर की दुहाई दी। उसने अपने मंदिर से मेरी वाणी सुनी, मेरी दुहाई उसके कानों में पहुँची।


स्‍वामी, जो स्‍वर्ग में विराजमान है, हंसता है; वह उनका उपहास करता है।


प्रभु स्‍वर्ग से नीचे निहारता है; वह समस्‍त मानव-जाति को देखता है;


तो क्‍या परमेश्‍वर ने इसका पता नहीं लगा लिया होता? वह हृदय के भेदों को जानता है।


वह अपनी शक्‍ति से सदा शासन करता है। उसकी आंखें राष्‍ट्रों का अवलोकन करती हैं; अत: विद्रोही गर्व से न फूलें। सेलाह


सियोन पर विराजने वाले प्रभु का गुणगान करो; जाति-जाति के लोगों में उसके कार्य प्रकट करो।


प्रभु की दृष्‍टि सर्वव्‍यापी है; प्रभु हमारे प्रत्‍येक कार्य को देखता है, चाहे हम भला करें, चाहे बुरा!


प्रभु यों कहता है : ‘आकाश मेरा सिंहासन है और पृथ्‍वी मेरे चरणों की चौकी है! तब तुम मेरे लिए कैसा घर बनाओगे? वह स्‍थान कहाँ है, जहाँ मैं विश्राम कर सकता हूं?’


केवल मैं हृदय की जांच करता हूँ; मैं प्रभु, मनुष्‍य के मन को परखता हूँ, और हर एक मनुष्‍य को उसके आचरण के अनुकूल उसके कर्मों के फल के अनुसार पुरस्‍कार देता हूं।


क्‍या मनुष्‍य अपने को ऐसे गुप्‍त स्‍थानों में छिपा सकता है कि मैं उसको न देख सकूं? क्‍या मेरी उपस्‍थिति से आकाश और पृथ्‍वी परिपूर्ण नहीं हैं?’ प्रभु की यह वाणी है।


हे लोगो, तुम सब सुनो; हे पृथ्‍वी, और पृथ्‍वी के निवासियो, ध्‍यान दो। स्‍वामी-प्रभु तुम्‍हारे विरुद्ध साक्षी देगा। स्‍वामी अपने पवित्र मन्‍दिर से बाहर आए।


प्रभु अपने पवित्र भवन में है। समस्‍त पृथ्‍वी उसके सम्‍मुख शान्‍त रहे।


ओ सब प्राणियो, प्रभु के सम्‍मुख मौन रहो। प्रभु उत्तेजित हो कर अपने पवित्र निवास-स्‍थान से बाहर निकल रहा है।


जो मन्‍दिर की शपथ खाता है, वह उसकी और उस में निवास करने वाले की शपथ खाता है


परन्‍तु मैं तुम से कहता हूँ : शपथ कभी नहीं खाना − न स्‍वर्ग की, क्‍योंकि वह परमेश्‍वर का सिंहासन है;


‘आकाश मेरा सिंहासन है और पृथ्‍वी मेरे चरणों की चौकी। प्रभु कहता है- तुम मेरे लिए कैसा मन्‍दिर बनाओगे? मेरा विश्राम-स्‍थल कहाँ होगा?


वह अपने घमण्‍ड में उन सब का विरोध करता और उन से अपने को बड़ा मानता है, जो देवता कहलाते या पूज्‍य समझे जाते हैं, यहाँ तक कि वह परमेश्‍वर के मन्‍दिर में विराजमान हो कर स्‍वयं ईश्‍वर होने का दावा करता है।


परमेश्‍वर से कोई भी सृष्‍ट वस्‍तु छिपी नहीं है। उसकी आंखों के सामने सब कुछ खुला और अनावृत्त है। उसी को हमें लेखा देना पड़ेगा।


मैं तुरन्‍त आत्‍मा से आविष्‍ट हो गया। मैंने देखा कि स्‍वर्ग में एक सिंहासन रखा हुआ है और उस पर कोई विराजमान है,