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प्रकाशितवाक्य 4:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 मैं तुरन्‍त आत्‍मा से आविष्‍ट हो गया। मैंने देखा कि स्‍वर्ग में एक सिंहासन रखा हुआ है और उस पर कोई विराजमान है,

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पवित्र बाइबल

2 फिर मैं तुरन्त ही आत्मा के वशीभूत हो उठा। मैंने देखा कि मेरे सामने स्वर्ग का सिंहासन था और उस पर कोई विराजमान था।

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Hindi Holy Bible

2 और तुरन्त मैं आत्मा में आ गया; और क्या देखता हूं, कि एक सिंहासन स्वर्ग में धरा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 तुरन्त मैं आत्मा में आ गया; और क्या देखता हूँ कि एक सिंहासन स्वर्ग में रखा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है।

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नवीन हिंदी बाइबल

2 मैं तुरंत आत्मा में आ गया, और देखो, स्वर्ग में एक सिंहासन लगा हुआ था और उस सिंहासन पर कोई बैठा हुआ था;

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सरल हिन्दी बाइबल

2 उसी क्षण ही मैं आत्मा में ध्यानमग्न की अवस्था में आ गया. मैंने स्वर्ग में एक सिंहासन पर किसी को बैठे देखा.

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प्रकाशितवाक्य 4:2
28 क्रॉस रेफरेंस  

मीकायाह ने आगे कहा, ‘अब प्रभु का वचन सुनिए। मैंने प्रभु को सिंहासन पर विराजमान देखा। उसके समीप स्‍वर्ग की समस्‍त सेना उसकी दाहिनी और बाईं ओर खड़ी थी।


प्रभु अपने पवित्र मंदिर में है, प्रभु का सिंहासन स्‍वर्ग में है। उसकी आंखें मानव-संतान को निहारती हैं, उसकी पलकें उनको जांचती हैं।


जिस वर्ष राजा उज्‍जियाह की मृत्‍यु हुई, मैंने यह दर्शन देखा : एक बहुत ऊंचे सिंहासन पर स्‍वामी बैठा है। उसकी राजसी पोशाक के छोर से मन्‍दिर भर गया है।


जहां आरम्‍भ से उच्‍च स्‍थान पर महिमामय सिंहासन प्रतिष्‍ठित है, वह हमारा आराधना-स्‍थल है।


जीवधारियों के सिर के ऊपर आकाश-मण्‍डल था। उस आकाशमण्‍डल के ऊपर सिंहासन के समान कुछ था। यह सिंहासन मानो नीलम का बना था। सिंहासन के समान इस आसन पर कोई बैठा था, जिसकी आकृति मनुष्‍य के समान थी।


जैसे वर्षा के दिन बादलों में धनुष दिखाई पड़ता है, वैसे ही उसके चारों ओर का प्रभा-मण्‍डल दिखाई दे रहा था। प्रभु के तेज का रूप मानो ऐसा ही दिखाई दे रहा था। जब मैंने प्रभु के तेज के दर्शन किए, तब मैं श्रद्धा और भक्‍ति से नतमस्‍तक हो गया, और मैंने किसी की आवाज सुनी। कोई व्यक्‍ति मुझसे कह रहा था:


मैंने आंखें ऊपर कीं और यह देखा: करूबों के सिर के ऊपर आकाशमण्‍डल है, और इस आकाशमण्‍डल में सिंहासन-सा कुछ है, जो नीलमणि के समान चमक रहा है।


“मैंने दर्शन में देखा कि सिंहासन रखे गए, और एक प्राचीन युग-पुरुष विराजमान हुआ। उसका परिधान बर्फ के सदृश सफेद था; और सिर के केश शुद्ध ऊन के समान उज्‍ज्‍वल थे। उसका सिंहासन अग्‍निमय था; और सिंहासन के पहिए धधकती हुई ज्‍वालाएं।


इस पर येशु ने उनसे कहा, “तब दाऊद आत्‍मा की प्रेरणा से उन्‍हें प्रभु क्‍यों कहते हैं? उनका कथन है :


इन बातों का सारांश यह है: हमारे एक ऐसे महापुरोहित हैं, जो स्‍वर्ग में महामहिम परमेश्‍वर के सिंहासन की दाहिनी ओर विराजमान हो कर


मैं प्रभु-दिवस पर आत्‍मा से आविष्‍ट हो गया और मैंने अपने पीछे तुरही- जैसी वाणी को उच्‍च स्‍वर से यह कहते सुना,


उस महिला ने एक पुत्र को जन्‍म दिया, जो पुरुष होकर लोह-दण्‍ड से सब राष्‍ट्रों पर शासन करेगा। किन्‍तु उस शिशु को उठा कर परमेश्‍वर और उसके सिंहासन तक पहुँचा दिया गया।


मैं आत्‍मा से आविष्‍ट हो गया और स्‍वर्गदूत मुझे निर्जन प्रदेश की ओर ले गया। मैंने वहाँ एक स्‍त्री को एक लाल पशु पर बैठा हुआ देखा। पशु के सारे शरीर पर ईश-निन्‍दक शब्‍द अंकित थे। उसके सात सिर और सात सींग थे।


चौबीस धर्मवृद्ध और चार प्राणी मुँह के बल गिर पड़े और उन्‍होंने यह कहते हुए सिंहासन पर विराजमान परमेश्‍वर की आराधना की, “आमेन! प्रभु की स्‍तुति करो!”


इसके बाद मैंने एक विशाल श्‍वेत सिंहासन और उस पर विराजमान व्यक्‍ति को देखा। पृथ्‍वी और आकाश उसके सामने लुप्‍त हो गये और उनका कहीं भी पता नहीं चला।


मैं आत्‍मा से आविष्‍ट हो गया और स्‍वर्गदूत ने मुझे एक विशाल तथा ऊंचे पर्वत पर ले जा कर पवित्र नगरी यरूशलेम दिखायी। वह स्‍वर्ग से परमेश्‍वर के यहाँ से उतर रही थी।


तब सिंहासन पर विराजमान व्यक्‍ति ने कहा, “देखो, मैं सब कुछ नया कर रहा हूँ।” इसके बाद उसने कहा, “ये बातें लिखो, क्‍योंकि ये विश्‍वसनीय और सत्‍य हैं।”


“जो विजय प्राप्‍त करता है, उसको मैं उसी तरह अपने साथ अपने सिंहासन पर विराजमान होने का अधिकार दूँगा, जिस तरह मैं विजय प्राप्‍त कर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर विराजमन हूँ।


तब-तब चौबीस धर्मवृद्ध सिंहासन पर विराजमान को दण्‍डवत करते हैं, युग-युगों तक जीवित रहने वाले की आराधना करते और यह कहते हुए सिंहासन के सामने अपने मुकुट डाल देते हैं :


सिंहासन में से बिजलियाँ, वाणियाँ और मेघगर्जन निकल रहे हैं। सिंहासन के सामने सात अग्‍निदीप जल रहे हैं; वे परमेश्‍वर की सात आत्‍माएँ हैं।


जब-जब प्राणी सिंहासन पर विराजमान, युग-युगों तक जीवित रहने वाले को महिमा, सम्‍मान और धन्‍यवाद देते हैं,


इसके बाद मैंने देखा कि जो सिंहासन पर विराजमान है, उसके दाहिने हाथ में एक लपेटी हुई पुस्‍तक है, जिस पर दोनों ओर लिखा हुआ है और जिसे सात मोहरें लगा कर बन्‍द कर दिया गया है।


तब मैंने समस्‍त सृष्‍टि को-आकाश में और पृथ्‍वी पर और पृथ्‍वी कि नीचे और समुद्र के अन्‍दर के प्रत्‍येक जीव को-यह कहते सुना : “सिंहासन पर विराजमान को तथा मेमने को युगानुयुग स्‍तुति, सम्‍मान, महिमा तथा सामर्थ्य!”


और वे पहाड़ों और चट्टानों से बोल उठे : “हम पर गिर पड़ो और सिंहासन पर विराजमान की दृष्‍टि से और मेमने के क्रोध से हमें छिपा लो।”


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