प्रेरितों के काम 26:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं उनकी आँखें खोलने के लिए, उन्हें अन्धकार से ज्योति की ओर उन्मुख करने के लिए, अर्थात् शैतान की शक्ति से विमुख हो परमेश्वर की ओर अभिमुख करने के लिए, तुझे उनके पास भेज रहा हूं, जिससे वे मुझ में विश्वास करने के कारण अपने पापों की क्षमा पाएं और पवित्र किए हुए भक्तों के बीच स्थान प्राप्त कर सकें।’ पवित्र बाइबल उनकी आँखें खोलने, उन्हें अंधकार से प्रकाश की ओर लाने और शैतान की ताकत से परमेश्वर की ओर मोड़ने के लिये, तुझे भेज रहा हूँ, उनसे तेरी रक्षा करता रहूँगा। इससे वे पापों की क्षमा प्राप्त करेंगे और उन लोगों के बीच स्थाऩ पायेंगे जो मुझ में विश्वास के कारण पवित्र हुए हैं।’” Hindi Holy Bible कि तू उन की आंखे खोले, कि वे अंधकार से ज्योति की ओर, और शैतान के अधिकार से परमेश्वर की ओर फिरें; कि पापों की क्षमा, और उन लोगों के साथ जो मुझ पर विश्वास करने से पवित्र किए गए हैं, मीरास पाएं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) कि तू उनकी आँखें खोले कि वे अंधकार से ज्योति की ओर, और शैतान के अधिकार से परमेश्वर की ओर फिरें; कि पापों की क्षमा और उन लोगों के साथ जो मुझ पर विश्वास करने से पवित्र किए गए हैं, मीरास पाएँ।’ नवीन हिंदी बाइबल कि तू उनकी आँखें खोले, ताकि वे अंधकार से ज्योति की ओर और शैतान के अधिकार से परमेश्वर की ओर फिरें,तथा पापों की क्षमा और उन लोगों के साथ उत्तराधिकार प्राप्त करें जो मुझ पर विश्वास करने के द्वारा पवित्र किए गए हैं।’ सरल हिन्दी बाइबल कि उनकी आंखें खोलूं तथा उन्हें अंधकार से निकालकर ज्योति में और शैतान के अधिकार से परमेश्वर के राज्य में ले आऊं कि वे पाप क्षमा प्राप्त कर सकें और उनके सामने आ जाएं, जो मुझमें विश्वास के द्वारा परमेश्वर के लिए अलग किए गए हैं.’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 कि तू उनकी आँखें खोले, कि वे अंधकार से ज्योति की ओर, और शैतान के अधिकार से परमेश्वर की ओर फिरें; कि पापों की क्षमा, और उन लोगों के साथ जो मुझ पर विश्वास करने से पवित्र किए गए हैं, विरासत पाएँ।’ (व्यव. 33:3,4, यशा. 35:5,6, यशा. 42:7, यशा. 42:16, यशा. 61:1) |
वह अन्धों को दृष्टि देता है। प्रभु झुके हुओं को उठाता है; प्रभु अपने भक्तों से प्रेम करता है।
उस दिन बहरा व्यक्ति पुस्तक के शब्द सुनेगा, और अन्धे व्यक्ति की आंखें गहन अन्धकार में देखेंगी!
उनके राज्य-काल में लोग, जो अपनी आंखों से देख सकते हैं, वे ध्यान से देखेंगे; जो अपने कानों से सुन सकते हैं, वे प्रभु का सन्देश ध्यान से सुनेंगे।
मैं अनजान मार्ग पर अंधों का मार्ग-दर्शन करूंगा, मैं अपरिचित राह पर उनका पथ-प्रदर्शन करूंगा। मैं उनके सम्मुख अंधकार को प्रकाश में बदल दूंगा, ऊबड़-खाबड़ स्थानों को समतल मैदान बना दूंगा। मैं यह सब आश्चर्यपूर्ण कार्य करूंगा, और उनको कभी नहीं त्यागूंगा।
ताकि तू अंधी आंखों को दृष्टि प्रदान करे, बन्दियों को बन्दीगृह से बाहर निकाले, कारागार के अंधकार में बैठे हुओं को बाहर प्रकाश में लाए।
‘उन लोगों को मेरे सम्मुख प्रस्तुत करो, जिनको आंखें हैं, पर वे देखते नहीं, जिनके कान हैं, पर वे सुनते नहीं।
वह कहता है, ‘यह साधारण-सी बात है कि याकूब के कुलों को पुन: स्थापित करने के लिए, इस्राएल के बचे हुए लोगों को वापस लाने के लिए तू मेरा सेवक बने; पर यह पर्याप्त नहीं है : मैं तुझे राष्ट्रों के लिए ज्योति बनाऊंगा, जिससे मेरा उद्धार पृथ्वी के सीमान्तों तक पहुँच सके।’
जो लोग अन्धकार में भटक रहे थे, उन्होंने बड़ी ज्योति देखी; जो लोग गहन अन्धकार के क्षेत्र में रहते थे, उन पर ज्योति उदित हुई।
पर तुम मेरे नाम के प्रति श्रद्धा-भक्ति रखते हो, इसलिए तुम पर धार्मिकता का सूर्य उदय होगा, उसके पंखों में रोग-निवारण की किरणें होंगी, जिनके स्पर्श से तुम स्वस्थ होगे। जैसे पशुशाला से छूटकर बछड़ा आनन्द से कूदता-फांदता है, वैसे ही तुम मुक्त होकर आनन्द से विचरण करोगे।
येशु ने उत्तर दिया, “हट जा, शैतान! क्योंकि धर्मग्रन्थ में लिखा है : ‘अपने प्रभु परमेश्वर की आराधना करो और केवल उसी की सेवा करो।’ ”
अन्धकार में रहने वाले लोगों ने एक महती ज्योति देखी; मृत्यु के अन्धकारमय प्रदेश में रहने वालों पर ज्योति का उदय हुआ।”
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।”
और उनके नाम पर यरूशलेम से ले कर सभी राष्ट्रों को पापक्षमा के लिए पश्चात्ताप का संदेश सुनाया जाएगा।
“प्रभु का आत्मा मुझ पर है, क्योंकि उसने मेरा अभिषेक किया है कि मैं गरीबों को शुभ-समाचार सुनाऊं, उसने मुझे भेजा है जिससे मैं बन्दियों को मुक्ति का और अन्धों को दृष्टि-प्राप्ति का सन्देश दूँ, मैं दलितों को स्वतन्त्र करूँ
दोषी ठहराने का कारण यह है कि ज्योति संसार में आयी है और मनुष्यों ने ज्योति की अपेक्षा अन्धकार को अधिक पसन्द किया, क्योंकि उनके कार्य बुरे थे।
येशु ने उत्तर दिया, “यदि तुम परमेश्वर का वरदान पहचानती और यह जानती कि वह कौन है, जो तुम से कह रहा है, ‘मुझे पानी पिलाओ’, तो तुम उससे माँगती और वह तुम्हें संजीवन जल देता।”
किन्तु जो मेरा दिया हुआ जल पीता है, उसे फिर कभी प्यास नहीं लगेगी। जो जल मैं उसे प्रदान करूँगा, वह उस में जल-स्रोत बन जाएगा, जो शाश्वत जीवन तक उमड़ता रहेगा।”
येशु ने लोगों से फिर कहा, “संसार की ज्योति मैं हूँ। जो मेरा अनुसरण करता है, वह अन्धकार में कभी नहीं चलेगा वरन् वह जीवन की ज्योति प्राप्त करेगा।”
येशु ने कहा, “मैं संसार में न्याय के लिए आया हूँ, जिससे जो अन्धे हैं, वे देखने लगें और जो देखते हैं, वे अन्धे हो जाएँ।”
उन्हीं के विषय में सब नबी साक्षी देते हैं कि जो कोई येशु में विश्वास करेगा, उसे उनके नाम द्वारा पापों की क्षमा मिलेगी।”
प्रभु ने हमें यह आदेश दिया है, ‘मैंने तुम्हें अन्यजातियों के लिए ज्योति नियुक्त किया है जिससे तुम पृथ्वी के सीमान्तों तक मुक्ति का माध्यम बनो।’ ”
पतरस ने उन्हें यह उत्तर दिया, “आप लोग पश्चात्ताप करें। आप लोगों में से प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने पापों की क्षमा के लिए येशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले। इस प्रकार आप पवित्र आत्मा का वरदान प्राप्त करेंगे;
मैं यहूदियों तथा यूनानियों, दोनों के सम्मुख स्पष्ट साक्षी देता रहा कि वे पश्चात्ताप कर परमेश्वर की ओर अभिमुख हो जाएं और हमारे प्रभु येशु में विश्वास करें।
अब मैं आप लोगों को परमेश्वर के तथा उसके अनुग्रहपूर्ण वचन के संरक्षण में सौंपता हूं, जो आपका निर्माण करने तथा सब पवित्र किए हुए भक्तों के साथ आप को विरासत दिलाने में समर्थ है।
“इस कारण, हे महाराज अग्रिप्पा! मैंने उस स्वर्गिक दर्शन की आज्ञा का उल्लंघन नहीं किया।
अर्थात्, यह कि मसीह दु:ख भोगेंगे और मृतकों में सब से पहले पुनर्जीवित हो कर निज लोगों को तथा अन्य जातियों को भी ज्योति का सन्देश देंगे।”
परमेश्वर ने उन्हें अधिनायक तथा मुक्तिदाता का उच्च पद देकर अपने दाहिने हाथ से उन्नत किया, कि वह इस्राएल को पश्चात्ताप और पापक्षमा प्रदान करें।
यदि हम सन्तान हैं, तो हम विरासत के अधिकारी भी हैं—हां, परमेश्वर के उत्तराधिकारी, वरन् मसीह के सह-उत्तराधिकारी। केवल एक शर्त है कि हम मसीह के साथ दु:ख सहें, जिससे हम उनके साथ महिमान्वित भी हों।
आप लोग येशु मसीह द्वारा पवित्र किये गये हैं और उन सब के साथ सन्त बनने के लिए बुलाये गये हैं, जो कहीं भी हमारे प्रभु येशु मसीह-अर्थात अपने तथा हमारे प्रभु-का नाम लेते हैं।
उसी परमेश्वर के वरदान से आप लोग येशु मसीह के अंग बन गये हैं। परमेश्वर ने मसीह को हमारा ज्ञान, धार्मिकता, पवित्रता और पापमुक्ति बना दिया है।
इस युग-संसार के देवता ने अविश्वासियों का मन इतना अन्धा कर दिया है कि वे परमेश्वर के प्रतिरूप, अर्थात् मसीह के तेजोमय शुभ समाचार की ज्योति को देखने में असमर्थ हैं।
परमेश्वर ने आदेश दिया था कि “अन्धकार में प्रकाश हो जाये।” उसी ने हमारे हृदय को अपनी ज्योति से आलोकित कर दिया है, जिससे हम परमेश्वर का वह तेज जान जायें, जो येशु मसीह के मुखमण्डल पर चमकता है।
आप लोग अविश्वासियों के साथ बेमेल जूए में मत जुतें। धार्मिकता का अधर्म से क्या नाता? ज्योति का अन्धकार से क्या सम्बन्ध?
मैं अब जीवित नहीं रहा, बल्कि मसीह मुझ में जीवित हैं। अब मैं अपने शरीर में जो जीवन जीता हूँ, उसका एकमात्र प्रेरणा-स्रोत है-परमेश्वर के पुत्र में विश्वास, जिसने मुझ से प्रेम किया और मेरे लिए अपने को अर्पित किया।
यह इसलिए हुआ कि येशु मसीह के द्वारा अब्राहम का आशीर्वाद गैर-यहूदियों को भी प्राप्त हो और हमें विश्वास द्वारा वह आत्मा मिले, जिसकी प्रतिज्ञा की गयी थी।
मैं आप लोगों से इतना ही जानना चाहता हूँ: आप को व्यवस्था के कर्मकाण्ड के कारण आत्मा का वरदान मिला या विश्वास का शुभ संदेश सुनने के कारण?
परमेश्वर सब बातों में अपने मन की योजना पूरी करता है। अपने उद्देश्य के अनुसार उसने निर्धारित किया कि हम मसीह में विरासत प्राप्त करें और हम लोगों के कारण उसकी महिमा की स्तुति हो। हम लोगों ने तो सब से पहले मसीह पर भरोसा रखा था।
पवित्र आत्मा हमें विरासत की अग्रिम राशि के रूप में उस उद्देश्य से दिया गया है, कि सम्पूर्णता प्राप्त करने पर हमारा पूर्ण विमोचन हो, जिससे परमेश्वर की महिमा और स्तुति हो।
वह आप लोगों के मन की आंखों को ज्योति प्रदान करे, जिससे आप यह देख सकें कि उसके द्वारा बुलाये जाने के कारण आप लोगों की आशा कितनी महान है और सन्तों के साथ आप लोगों को जो विरासत मिली है, वह कितनी वैभवपूर्ण तथा महिमामय है,
जो अपने रक्त द्वारा हमें विमोचन, अर्थात् अपराधों की क्षमा दिलाते हैं। यह परमेश्वर की अपार कृपा का परिणाम है,
परमेश्वर की कृपा ने विश्वास द्वारा आप लोगों का उद्धार किया है। यह आपके किसी पुण्य का फल नहीं है। यह तो परमेश्वर का वरदान है।
उनकी बुद्धि पर अन्धकार छाया हुआ है। वे अपने अज्ञान और हृदय की कठोरता के कारण ईश्वरीय जीवन से विमुख हो गये हैं।
जो व्यर्थ के काम लोग अन्धकार में करते हैं, उन में आप सम्मिलित न हों, वरन् उनकी बुराई प्रकट करें।
ज्योति जिसे आलोकित करती है, वह स्वयं ज्योति बन जाता है। इसलिए कहा गया है : “हे सोने वाले, जाग! मृतकों में से जी उठ और मसीह तुम को आलोकित करेंगे।”
आप लोग पहले ‘अन्धकार’ थे, अब प्रभु के शिष्य होने के नाते ‘ज्योति’ बन गये हैं। इसलिए ज्योति की सन्तान की तरह आचरण करें।
क्योंकि हमें निरे मनुष्यों से नहीं, बल्कि वर्तमान अन्धकार के अधिपतियों, अधिकारियों तथा महाशासकों से, स्वर्गिक क्षेत्र के दुष्ट आत्माओं से ही संघर्ष करना पड़ता है।
इस प्रकार होश में आ कर वे शैतान के फन्दे से निकल जायें, जिस में फंस कर वे उसकी इच्छापूर्ति के दास बन गये हैं।
उसी ईश्वरीय इच्छा के अनुसार, येशु मसीह की देह के अर्पण द्वारा, जो सदा के लिए एक ही बार सम्पन्न हुआ, हम पवित्र किये गये हैं।
मसीह ने अपने एकमात्र अर्पण द्वारा उन लोगों को सदा के लिए पूर्णता तक पहुँचा दिया है, जिनको वह पवित्र करते हैं।
और विश्वास के बिना परमेश्वर को प्रसन्न करना, असंभव है। अत: जो परमेश्वर के निकट पहुँचना चाहता है, उसे विश्वास करना आवश्यक है कि परमेश्वर है और वह उन लोगों को प्रतिफल देता है, जो उसकी खोज में लगे रहते हैं।
मसीह प्रथम विधान के अन्तर्गत किये हुए अपराधों की क्षमा के लिए मर गये हैं और इस प्रकार वह एक नये विधान के मध्यस्थ हैं। परमेश्वर जिन्हें बुलाता है, वे अब उसकी प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त काल तक बनी रहने वाली विरासत प्राप्त करते हैं।
मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! सुन लीजिए। क्या परमेश्वर ने उन लोगों को नहीं चुना है, जो संसार की दृष्टि में दरिद्र हैं, ताकि वे विश्वास के धनी हो जायें और उस राज्य के उत्तराधिकारी बनें, जिसे उसने अपने भक्तों को प्रदान करने की प्रतिज्ञा की है?
आप लोग भेड़ों की तरह भटक गये थे, किन्तु अब आप अपनी आत्मा के चरवाहे तथा रक्षक के पास लौट आये हैं।
परन्तु आप लोग चुने हुए वंश, राजकीय पुरोहित-वर्ग, पवित्र राष्ट्र तथा परमेश्वर की अपनी निजी प्रजा हैं, जिससे आप उसी के महान् कार्यों की घोषणा करें, जो आप लोगों को अन्धकार में से निकाल कर अपनी अलौकिक ज्योति में बुला लाया है।
यदि हम अपने पाप स्वीकार करते हैं, तो परमेश्वर हमारे पाप क्षमा करेगा और हमें हर अपराध से शुद्ध करेगा; क्योंकि वह विश्वसनीय तथा धार्मिक है।
बच्चो! मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ कि येशु के नाम के कारण तुम्हारे पाप क्षमा किये गये हैं।
जो पाप करता है, वह शैतान से है; क्योंकि शैतान प्रारम्भ से पाप करता आया है। परमेश्वर का पुत्र इसीलिए प्रकट हुआ कि वह शैतान के कार्य समाप्त कर दे।
यह पत्र येशु मसीह के सेवक और याकूब के भाई यहूदा की ओर से उन के नाम है, जो परमेश्वर द्वारा बुलाए गए हैं, जो पिता परमेश्वर द्वारा पवित्र किए गए हैं, और जो येशु मसीह के आगमन के लिए सुरक्षित हैं।
लेकिन उस में न तो कोई अपवित्र वस्तु प्रवेश कर पायेगी और न कोई ऐसा व्यक्ति, जो घृणित काम करता या झूठ बोलता है। वे ही प्रवेश कर पायेंगे, जिनके नाम मेमने के जीवन-ग्रन्थ में अंकित हैं।