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प्रकाशितवाक्य 7:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

इसके बाद मैंने सभी राष्‍ट्रों, कुलों, प्रजातियों और भाषाओं का एक ऐसा विशाल जनसमूह देखा, जिसकी गिनती कोई भी नहीं कर सकता था। वे उजले वस्‍त्र पहने तथा हाथ में खजूर की डालियाँ लिये सिंहासन तथा मेमने के सामने खड़े थे

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पवित्र बाइबल

इसके बाद मैंने देखा कि मेरे सामने एक विशाल भीड़ खड़ी थी जिसकी गिनती कोई नहीं कर सकता था। इस भीड़ में हर जाति के हर वंश के, हर कुल के तथा हर भाषा के लोग थे। वे उस सिंहासन और उस मेमने के आगे खड़े थे। वे श्वेत वस्त्र पहने थे और उन्होंने अपने हाथों में खजूर की टहनियाँ ली हुई थीं।

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Hindi Holy Bible

इस के बाद मैं ने दृष्टि की, और देखो, हर एक जाति, और कुल, और लोग और भाषा में से एक ऐसी बड़ी भीड़, जिसे कोई गिन नहीं सकता था श्वेत वस्त्र पहिने, और अपने हाथों में खजूर की डालियां लिये हुए सिंहासन के साम्हने और मेम्ने के साम्हने खड़ी है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

इसके बाद मैं ने दृष्‍टि की, और देखो, हर एक जाति और कुल और लोग और भाषा में से एक ऐसी बड़ी भीड़, जिसे कोई गिन नहीं सकता था, श्‍वेत वस्त्र पहिने और अपने हाथों में खजूर की डालियाँ लिये हुए सिंहासन के सामने और मेम्ने के सामने खड़ी है,

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नवीन हिंदी बाइबल

इन बातों के बाद मैंने दृष्‍टि की, और देखो, प्रत्येक जाति, कुल, राष्‍‍ट्र और भाषा बोलनेवालों की एक बड़ी भीड़, जिसे कोई गिन नहीं सकता था, श्‍वेत वस्‍त्र पहने और अपने हाथों में खजूर की डालियाँ लिए हुए सिंहासन और मेमने के सामने खड़ी थी।

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सरल हिन्दी बाइबल

इसके बाद मुझे इतनी बड़ी भीड़ दिखाई दी, जिसकी गिनती कोई नहीं कर सकता था. इस समूह में हर एक राष्ट्र, गोत्र, प्रजाति और भाषा के लोग थे, जो सफ़ेद वस्त्र धारण किए तथा हाथ में खजूर की शाखाएं लिए सिंहासन तथा मेमने के सामने खड़े हुए थे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

इसके बाद मैंने दृष्टि की, और हर एक जाति, और कुल, और लोग और भाषा में से एक ऐसी बड़ी भीड़, जिसे कोई गिन नहीं सकता था श्वेत वस्त्र पहने और अपने हाथों में खजूर की डालियाँ लिये हुए सिंहासन के सामने और मेम्ने के सामने खड़ी है;

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प्रकाशितवाक्य 7:9
41 क्रॉस रेफरेंस  

मैं तेरे वंशजों को पृथ्‍वी के रजकणों के सदृश बढ़ाऊंगा। उनकी गिनती करना असम्‍भव होगा: यदि कोई पृथ्‍वी के रजकणों को गिन सकेगा तो वह तेरे वंशजों को भी गिन सकेगा।


जब तक राजदण्‍ड का स्‍वामी न आए तब तक राजदण्‍ड यहूदा से दूर न होगा, और न प्रशासक का दण्‍ड उसके पैरों के मध्‍य से अलग होगा। समस्‍त जातियाँ उसकी आज्ञा का पालन करेंगी।


मुझसे मांग, और मैं राष्‍ट्रों को तेरी पैतृक- सम्‍पत्ति और सम्‍पूर्ण पृथ्‍वी को तेरे अधिकार में कर दूंगा।


समस्‍त पृथ्‍वी की कौमें प्रभु का नाम स्‍मरण करेंगी, और प्रभु की ओर उन्‍मुख होंगी; राष्‍ट्रों के परिवार उसके सम्‍मुख आराधना करेंगे।


तू तेजोमय है, पुरातन पर्वतों से अधिक ऐश्‍वर्यपूर्ण है।


संकट के दिन मैं स्‍वामी को खोजता हूँ, रात भर मेरे हाथ बिना थके उसकी ओर फैले रहे; मेरा प्राण धैर्य धारण करने में असमर्थ है।


प्रभु ने इस्राएल के घराने के प्रति अपनी करुणा और सच्‍चाई को स्‍मरण किया है; पृथ्‍वी के समस्‍त सीमान्‍तों ने हमारे परमेश्‍वर के उद्धार को देखा है।


हे प्रभु, तू ही मेरा बल और मेरा गढ़ है; संकट के समय मैं तेरी ही शरण में आता हूं। प्रभु, विश्‍व के कोने-कोने से, सब राष्‍ट्रों के लोग तेरे सम्‍मुख आएंगे, और यह कहेंगे : ‘निस्‍सन्‍देह, हमारे पूर्वजों को पैतृक अधिकार में असत्‍य के अतिरिक्‍त कुछ नहीं मिला; उन्‍हें निस्‍सार वस्‍तुएं प्राप्‍त हुई जो मनुष्‍य को लाभ नहीं पहुंचातीं।


‘उन दिनों में यरूशलेम नगर “प्रभु का सिंहासन” कहलाएगा। विश्‍व की सब जातियां यरूशलेम में प्रभु की उपस्‍थिति में एकत्र होंगी। वे हठ-पूर्वक अपने हृदय के अनुरूप बुरे मार्ग पर नहीं चलेंगी।


उसने फिर पांच सौ मीटर नापा, और मुझे पानी में चलाया। किन्‍तु मैं उसमें चल न सका; क्‍योंकि वह एक नदी थी, और उसका पानी बढ़ गया था। वह इतना गहरा था कि उसको केवल तैर कर पार किया जा सकता था। नदी इतनी गहरी थी कि उसको कोई पैदल चलकर पार नहीं कर सकता था।


नबूकदनेस्‍सर का परिपत्र: “पृथ्‍वी के सब कौमों, राष्‍ट्रों और भाषाओं के लोगो! तुम्‍हारी सुख-समृद्धि दिन दूनी रात चौगुनी बढ़े।


सम्राट दारा ने अपने साम्राज्‍य के अन्‍तर्गत पृथ्‍वी की सब कौमों, राष्‍ट्रों और भाषाओं के लोगों को यह परिपत्र लिखा : ‘तुम्‍हारी सुख-समृद्धि दिन दूनी रात चौगुनी बढ़े!


इस्राएली राष्‍ट्र की जनसंख्‍या सागर-तट के रेत कणों के सदृश असंख्‍य हो जाएगी, जिनको न मापा जा सकता है और न जिनकी गणना ही की जा सकती है। जिस स्‍थान में उनको ‘लो-अम्‍मी’ अर्थात् ‘मेरे लोग नहीं’ कहा गया था, वही उन्‍हें कहा जाएगा, ‘जीवित परमेश्‍वर की संतान’।


प्रथम दिन तुम सर्वोत्तम वृक्ष के फल, खजूर वृक्ष की शाखाएं, पत्तेदार पेड़ों की डालें और झरनों के भिंसा वृक्ष की शाखाएं लेकर अपने प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख सात दिन तक आनन्‍द मनाना।


‘मैं सीटी बजाकर उन्‍हें एकत्र करूंगा; क्‍योंकि मैंने उनको छुड़ाया है। वे संख्‍या में बढ़ जाएंगे। जैसे वे प्राचीन काल में असंख्‍य थे।


उस दिन अनेक राष्‍ट्र मुझ-प्रभु से मिल जाएंगे, और वे मेरे निज लोग बन जाएंगे। मैं तुम्‍हारे मध्‍य में रहूंगा।’ तब तुम्‍हें ज्ञात होगा कि स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने मुझे तुम्‍हारे पास भेजा है।


इतने में हजारों लोगों की भीड़ लग गई, यहाँ तक कि लोग एक दूसरे को कुचल रहे थे। तब येशु पहले अपने शिष्‍यों से कहने लगे, “फरीसियों के कपटरूपी खमीर से सावधान रहो।


इसलिए सदा जागते रहो और प्रार्थना करते रहो, जिससे तुम इन सब आने वाले संकटों से बचने और मानव-पुत्र के सामने खड़े होने में समर्थ हो सको।”


इसलिए वे खजूर की डालियाँ लिये उनका स्‍वागत करने निकले। वे यह नारा लगा रहे थे, “जय हो! जय हो! धन्‍य है वह, जो प्रभु के नाम पर आता है! धन्‍य है, इस्राएल का राजा!”


भाइयो और बहिनो! कहीं ऐसा न हो कि आप अपने को बहुत बुद्धिमान समझ बैठें। इसलिए मैं आप लोगों पर यह रहस्‍य प्रकट करना चाहता हूँ—इस्राएल का एक भाग तब तक अन्‍धा बना रहेगा, जब तक गैर-यहूदियों की पूरी जनसंख्‍या का प्रवेश न हो जाये।


इसलिए आप परमेश्‍वर के अस्‍त्र-शस्‍त्र से सुसज्‍जित हों, जिससे आप दुर्दिन में शत्रु का सामना करने में समर्थ हों और अन्‍त तक अपना कर्त्तव्‍य पूरा कर विजय प्राप्‍त करें।


और इसलिए एक मरणासन्न व्यक्‍ति, अर्थात् अब्राहम से वह सन्‍तति उत्‍पन्न हुई, जो आकाश के तारों की तरह असंख्‍य है और सागर-तट के बालू के कणों की तरह अगणित।


आप लोग सियोन पर्वत, जीवन्‍त परमेश्‍वर के नगर, स्‍वर्गीय यरूशलेम के पास पहुँचे हैं, जहाँ लाखों स्‍वर्गदूत आनन्‍द-उत्‍सव मनाते हैं


सातवें स्‍वर्गदूत ने तुरही बजायी। इस पर स्‍वर्ग में वाणियाँ सुनाई पड़ीं, जो ऊंचे स्‍वर से कह रही थीं : “इस संसार का राज्‍य हमारे प्रभु और उसके मसीह का राज्‍य बन गया है। वह युग-युगों तक राज्‍य करेंगे।”


वहाँ कुछ भी नहीं रहेगा, जो अभिशाप के योग्‍य हो। वहाँ परमेश्‍वर और मेमने का सिंहासन होगा। उसके सेवक उसकी आराधना करेंगे।


मेरी बात मानो। मुझ से आग में तपाया हुआ सोना खरीद कर धनी हो जाओ; उजले वस्‍त्र खरीद कर पहन लो और अपने नंगेपन की लज्‍जा ढक लो; अंजन खरीद कर आंखों पर लगाओ, जिससे तुम देख सको।


सिंहासन के चारों ओर चौबीस धर्मवृद्ध विराजमान हैं। वे उजले वस्‍त्र पहने हैं और उनके सिर पर सोने के मुकुट हैं।


मैंने पुन: देखा, और सिंहासन, प्राणियों और धर्मवृद्धों के चारों ओर खड़े बहुत-से स्‍वर्गदूतों की आवाज सुनी − उनकी संख्‍या लाखों और करोड़ों में थी।


वे यह कहते हुए एक नया गीत गा रहे थे : “तू पुस्‍तक ग्रहण कर उसकी मोहरें खोलने योग्‍य है, क्‍योंकि तू वध किया गया था। और तूने अपना रक्‍त बहा कर परमेश्‍वर के लिए प्रत्‍येक कुल, भाषा, प्रजाति और राष्‍ट्र से मनुष्‍यों को ख़रीद लिया।


उन में प्रत्‍येक को एक उजला वस्‍त्र दिया गया और उन से थोड़ा समय और धैर्य रखने को कहा गया, जब तक उनके साथी-सेवकों एवं भाई-बहिनों की संख्‍या पूरी न हो जाए, जो उनके समान मारे जानेवाले थे।


जबूलून-कुल के बारह हजार, यूसूफ-कुल के बारह हजार, और बिन्‍यामिन-कुल के बारह हजार मुहर लगे लोग।