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लूका 12:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 इतने में हजारों लोगों की भीड़ लग गई, यहाँ तक कि लोग एक दूसरे को कुचल रहे थे। तब येशु पहले अपने शिष्‍यों से कहने लगे, “फरीसियों के कपटरूपी खमीर से सावधान रहो।

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पवित्र बाइबल

1 और फिर जब हजारों की इतनी भीड़ आ जुटी कि लोग एक दूसरे को कुचल रहे थे तब यीशु पहले अपने शिष्यों से कहने लगा, “फरीसियों के ख़मीर से, जो उनका कपट है, बचे रहो।

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Hindi Holy Bible

1 इतने में जब हजारों की भीड़ लग गई, यहां तक कि एक दूसरे पर गिरे पड़ते थे, तो वह सब से पहिले अपने चेलों से कहने लगा, कि फरीसियों के कपटरूपी खमीर से चौकस रहना।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 इतने में जब हज़ारों की भीड़ लग गई, यहाँ तक कि वे एक दूसरे पर गिरे पड़ते थे, तो वह सबसे पहले अपने चेलों से कहने लगा, “फरीसियों के कपटरूपी खमीर से चौकस रहना।

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नवीन हिंदी बाइबल

1 उस समय जब वहाँ हज़ारों लोग इकट्ठे हो गए, यहाँ तक कि वे एक दूसरे पर गिरे जा रहे थे, तो यीशु ने पहले अपने शिष्यों से कहना आरंभ किया :“फरीसियों के ख़मीर, अर्थात् पाखंड से अपने आपको बचाए रखो।

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सरल हिन्दी बाइबल

1 इसी समय वहां हज़ारों लोगों का इतना विशाल समूह इकट्ठा हो गया कि वे एक दूसरे पर गिर रहे थे. प्रभु येशु ने सबसे पहले अपने शिष्यों को संबोधित करते हुए कहा, “फ़रीसियों के खमीर अर्थात् ढोंग से सावधान रहो.

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लूका 12:1
18 क्रॉस रेफरेंस  

इस्राएल के राजा ने सेना-नायक को, जिसके हाथ का सहारा वह लेता था, नगर के प्रवेश-द्वार पर नियुक्‍त किया। किन्‍तु लोगों ने प्रवेश-द्वार पर उसे कुचल दिया, और वह मर गया। ऐसा ही परमेश्‍वर के जन एलीशा ने उससे कहा था, जब वह राजा के साथ उनके पास आया था।


कि दुर्जन की विजय अल्‍पकालीन होती है, अधर्मी का आनन्‍द क्षणिक होता है,


जब परमेश्‍वर अधर्मी व्यक्‍ति का अन्‍त कर देता है, जब परमेश्‍वर उसका प्राण ले लेता है तब उसके लिए आशा कहाँ शेष रही?


‘जो हृदय से अधर्मी होते हैं, वे अपने मन में क्रोध को पालते हैं। जब परमेश्‍वर उनको जंजीर में जकड़ता है, तब वे दुहाई भी नहीं देते।


सियोन में रहनेवाले पापी भयभीत हैं; डर ने अधार्मिकों को दबोच लिया है। वे यह कहते हैं, “हम में से कौन व्यक्‍ति भस्‍म करनेवाली अग्‍नि में रह सकता है? हम में कौन व्यक्‍ति शाश्‍वत अग्‍नि में वास कर सकता है?”


धिक्‍कार है तुम लोगों को! क्‍योंकि तुम उन कबरों के समान हो, जो दीख नहीं पड़तीं और जिन पर लोग अनजाने ही चलते-फिरते हैं।”


ढोंगियो! यदि तुम आकाश और पृथ्‍वी के लक्षण पहचान सकते हो, तो इस समय के लक्षण क्‍यों नहीं पहचानते?


एक दिन येशु गिनेसरेत की झील के किनारे खड़े थे। लोग परमेश्‍वर का वचन सुनने के लिए उन पर गिरे पड़ रहे थे।


फिर भी येशु की चर्चा अधिकाधिक फैलती गई। भीड़-की-भीड़ उनका उपदेश सुनने और अपने रोगों से स्‍वस्‍थ होने के लिए उनके पास आने लगी।


येशु उन बारह प्रेरितों के साथ पहाड़ी से उतर कर एक मैदान में खड़े हो गये। वहाँ उनके बहुत-से शिष्‍य थे और एक विशाल जनसमूह भी था। वे लोग समस्‍त यहूदा प्रदेश, यरूशलेम नगर और सोर तथा सीदोन के समुद्र-तट से आए थे।


उन्‍होंने यह सुन कर परमेश्‍वर की स्‍तुति की और पौलुस से कहा, “भाई! आप देखते हैं कि हजारों यहूदियों ने विश्‍वास कर लिया है और वे सब व्‍यवस्‍था के कट्टर समर्थक भी हैं।


मैंने आप लोगों को सबसे पहले वह विश्‍वास सौंप दिया जो मुझे प्राप्‍त हुआ था, अर्थात धर्मग्रन्‍थ के अनुसार मसीह हमारे पापों के लिए मरे,


आप लोग सियोन पर्वत, जीवन्‍त परमेश्‍वर के नगर, स्‍वर्गीय यरूशलेम के पास पहुँचे हैं, जहाँ लाखों स्‍वर्गदूत आनन्‍द-उत्‍सव मनाते हैं


किन्‍तु ऊपर से आयी हुई प्रज्ञ सब से पहले निर्दोष है, और वह शान्‍तिप्रिय, सहनशील, विनम्र, करुणामय, परोपकारी, पक्षपातहीन और निष्‍कपट भी है।


आप लोग हर प्रकार की बुराई, छल-कपट, पाखण्‍ड, ईष्‍र्या और परनिन्‍दा को सर्वथा छोड़ दें।


हमारे पर का पालन करें:

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