प्रकाशितवाक्य 4:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “हमारे प्रभु परमेश्वर! तू महिमा, सम्मान और सामर्थ्य का अधिकारी है; क्योंकि तूने समस्त विश्व की सृष्टि की। तेरी ही इच्छा से वह अस्तित्व में आया और उसकी सृष्टि हुई है।” पवित्र बाइबल “हे हमारे प्रभु और हमारे परमेश्वर! तू ही महिमा, आदर और शक्ति पाने को सुयोग्य है। क्योंकि तूने ही अपनी इच्छा से सभी वस्तु सृजी हैं। तेरी ही इच्छा से उनका अस्तित्व है। और तेरी ही इच्छा से हुई है उनकी सृष्टि।” Hindi Holy Bible कि हे हमारे प्रभु, और परमेश्वर, तू ही महिमा, और आदर, और सामर्थ के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएं सृजीं और वे तेरी ही इच्छा से थीं, और सृजी गईं॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “हे हमारे प्रभु और परमेश्वर, तू ही महिमा और आदर और सामर्थ्य के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएँ सृजीं और वे तेरी ही इच्छा से थीं और सृजी गईं।” नवीन हिंदी बाइबल हे हमारे प्रभु और परमेश्वर! तू ही महिमा, आदर और सामर्थ्य के योग्य है, क्योंकि तूने ही सब वस्तुओं को सृजा है, और तेरी ही इच्छा से वे सृजी गईं और अस्तित्व में हैं। सरल हिन्दी बाइबल “हमारे प्रभु और हमारे परमेश्वर, आप ही स्तुति, सम्मान तथा सामर्थ्य के योग्य हैं, क्योंकि आपने ही सब कुछ बनाया, तथा आपकी ही इच्छा में इन्हें बनाया गया तथा इन्हें अस्तित्व प्राप्त हुआ.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “हे हमारे प्रभु, और परमेश्वर, तू ही महिमा, और आदर, और सामर्थ्य के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएँ सृजीं और तेरी ही इच्छा से, वे अस्तित्व में थीं और सृजी गईं।” |
मैं प्रभु को पुकारता हूँ, जो सर्वथा स्तुति के योग्य है। मैं अपने शत्रुओं से मुक्त हुआ हूँ।
तत्पश्चात् उपपुरोहित येशुअ, कदमीएल, बानी, हशबन्याह, शेरेब्याह, होदियाह, शबन्याह और पतहयाह ने कहा, ‘खड़े हो, और अपने प्रभु परमेश्वर को अनादि काल से अनंत काल तक धन्य कहो : हे प्रभु, तेरे महिमामय नाम को जो सब प्रकार की प्रशंसा और स्तुति से परे है, हम धन्य कहते हैं।’
मैं प्रभु को पुकारता हूँ, जो सर्वथा स्तुति के योग्य है। मैं अपने शत्रुओं से मुक्त हुआ हूँ।
परमेश्वर के सामर्थ्य के लिए, उसकी स्तुति करो! उसका प्रताप इस्राएल पर छाया है; उसकी शक्ति नभ-मण्डल में है।
क्योंकि प्रभु ने छ: दिन में आकाश, पृथ्वी, समुद्र एवं उन सबको बनाया, जो उनमें हैं, तथा सातवें दिन विश्राम किया। अत: प्रभु ने विश्राम दिवस को आशीष दी, और उसे पवित्र घोषित किया।
प्रभु ने हर एक वस्तु को विशेष उद्देश्य के लिए रचा है; अत: दुर्जन निस्सन्देह दु:ख भोगेगा!
आकाश की ओर आंखें उठाओ, और देखो: इन तारों को किसने रचा है? मैं-प्रभु ने! मैं सेना के सदृश उनकी गणना करता हूं; और हर एक तारे को उसके नाम से पुकारता हूं। मेरी शक्ति असीमित है, मेरा बल अपार है, अत: प्रत्येक तारा मुझे उत्तर देता है।”
क्या तुम नहीं जानते? क्या तुमने नहीं सुना? प्रभु शाश्वत परमेश्वर है, वह समस्त पृथ्वी का सृष्टिकर्ता है। वह न निर्बल है, और न थकता है। उसकी समझ अगम है!
‘तू उन से यह कहना: ‘ये देवता, जिन्होंने आकाश और पृथ्वी को नहीं बनाया, आकाश और पृथ्वी से मिट जाएंगे।” ’
आह! मेरे स्वामी, मेरे प्रभु! तूने ही अपने महान सामर्थ्य से, अपने भुजबल से आकाश और पृथ्वी की रचना की है। तेरे लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
“मित्रो! आप यह क्या कर रहे हैं? हम भी तो आप लोगों के समान सुख-दु:ख भोगने वाले मनुष्य हैं। हम यह शुभ-समाचार देने आये हैं कि आप इन नि: सार वस्तुओं को छोड़ कर उस जीवन्त परमेश्वर की ओर अभिमुख हों, जिसने आकाश, पृथ्वी, समुद्र और उन में जो कुछ है, वह सब बनाया है।
“जिस परमेश्वर ने विश्व तथा उसमें जो कुछ है, वह सब बनाया है, और जो आकाश और पृथ्वी का प्रभु है, वह हाथ से बनाये हुए मन्दिरों में निवास नहीं करता।
सब कुछ परमेश्वर से, परमेश्वर के द्वारा तथा परमेश्वर के लिए है। उसी की युगयुगों तक महिमा हो! आमेन!
और सब मनुष्यों पर वह रहस्यमय प्रबन्ध प्रकट करूँ, जो युगों से समस्त विश्व के सृष्टिकर्ता परमेश्वर में गुप्त रहा है।
‘प्रभु चट्टान है। उसका शासन-कार्य सिद्ध है; क्योंकि उसके समस्त मार्ग न्यायपूर्ण हैं। वह सच्चा परमेश्वर है, उसमें पक्षपात नहीं, वह निष्पक्ष न्यायी और निष्कपट है।
परन्तु वर्तमान अन्तिम युग में वह हम से पुत्र द्वारा बोला है। उसने उस पुत्र के द्वारा समस्त विश्व की सृष्टि की और उसी को सब कुछ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है।
और अपने पिता परमेश्वर के लिए हमें पुरोहितों का राजवंश बनाया। उनकी महिमा और उनका सामर्थ्य युग-युगों तक बना रहे! आमेन!
जो युग-युगों तक जीता रहता है, जिसने स्वर्ग और उस में जो कुछ है, पृथ्वी और उस पर जो कुछ है एवं समुद्र और उस में जो कुछ है, उसकी सृष्टि की, उसकी शपथ खा कर स्वर्गदूत ने यह कहा, “अब और देर नहीं होगी।
वह ऊंचे स्वर से यह कह रहा था, “परमेश्वर पर श्रद्धा रखो! उसकी स्तुति करो! क्योंकि उसके न्याय का दिन आ गया है। जिसने स्वर्ग और पृथ्वी, समुद्र और जलस्रोतों की रचना की, उसकी आराधना करो।”
इसके बाद मैंने स्वर्ग में एक विशाल जनसमुदाय की-सी ऊंची आवाज को यह गाते हुए सुना, “प्रभु की स्तुति करो! हमारे परमेश्वर को विजय, महिमा और सामर्थ्य!
वे ऊंचे स्वर से कह रहे थे : “बलि किया हुआ मेमना सामर्थ्य, वैभव, प्रज्ञ, शक्ति, सम्मान, महिमा तथा स्तुति का अधिकारी है।”
और मैंने एक शक्तिशाली स्वर्गदूत को देखा, जो ऊंचे स्वर से पुकार रहा था, “पुस्तक खोलने और उसकी मोहरें तोड़ने योग्य कौन है?”
वे यह कहते हुए एक नया गीत गा रहे थे : “तू पुस्तक ग्रहण कर उसकी मोहरें खोलने योग्य है, क्योंकि तू वध किया गया था। और तूने अपना रक्त बहा कर परमेश्वर के लिए प्रत्येक कुल, भाषा, प्रजाति और राष्ट्र से मनुष्यों को ख़रीद लिया।