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यशायाह 40:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

28 क्‍या तुम नहीं जानते? क्‍या तुमने नहीं सुना? प्रभु शाश्‍वत परमेश्‍वर है, वह समस्‍त पृथ्‍वी का सृष्‍टिकर्ता है। वह न निर्बल है, और न थकता है। उसकी समझ अगम है!

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पवित्र बाइबल

28 सचमुच तूने सुना है और जानता है कि यहोवा परमेश्वर बुद्धिमान है। जो कुछ वह जानता है उन सभी बातों को मनुष्य नहीं सीख सकता। यहोवा कभी थकता नहीं, उसको कभी विश्राम की आवश्यकता नहीं होती। यहोवा ने ही सभी दूरदराज के स्थान धरती पर बनाये। यहोवा सदा जीवित है।

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Hindi Holy Bible

28 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

28 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुमने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्‍वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है।

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सरल हिन्दी बाइबल

28 क्या तुम नहीं जानते? तुमने नहीं सुना? याहवेह सनातन परमेश्वर है, पृथ्वी का सृजनहार, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अपरंपार है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

28 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सृजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है।

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यशायाह 40:28
37 क्रॉस रेफरेंस  

अब्राहम ने बएर-शबा में झाऊ-वृक्ष का एक पौधा लगाया, और वहाँ प्रभु के नाम से शाश्‍वत परमेश्‍वर की आराधना की।


क्‍या तूने पृथ्‍वी के विस्‍तार को समझ लिया है? अय्‍यूब, यदि तू इन प्रश्‍नों के उत्तर जानता है तो मुझे बता।


प्रभु, मेरे लिए अपने अभिप्राय को पूर्ण कर; हे प्रभु, तेरी करुणा शाश्‍वत है। मैं तेरे हाथों की रचना हूं, मुझ को मत त्‍याग।


प्रभु, यह ज्ञान मेरे लिए अद्भुत है, बहुत गहरा है, उस तक मैं नहीं पहुंच सकता।


प्रभु महान् है, वह अत्‍यन्‍त स्‍तुत्‍य है; प्रभु की महानता अगम है।


हमारा स्‍वामी महान और अत्‍यन्‍त शक्‍ति- सम्‍पन्न है; उसकी बुद्धि असीम है।


पर्वतों के उत्‍पन्न होने के पहिले, तेरे द्वारा संसार की सृष्‍टि होने के पूर्व, युग-युगान्‍त से तू ही परमेश्‍वर है।


‘ओ सनहेरिब, क्‍या तूने यह नहीं सुना? जिस को अब मैं कार्यरूप में परिणत कर रहा हूं, उसकी योजना पूर्वकाल में मैंने बनाई थी, बहुत पहले से ही मैं उसको निर्धारित कर चुका था। उस योजना में तेरा कार्य केवल यह था कि तू किलेबन्‍द नगरों को खण्‍डहर के ढेरों में बदल दे।


क्‍या तुम नहीं जानते? क्‍या तुमने नहीं सुना? क्‍या तुम्‍हें प्राचीन काल से नहीं बताया गया? जब से पृथ्‍वी की नींव डाली गई, सृष्‍टि के आरम्‍भ से ही तुम्‍हें यह समझाया जाता रहा है कि


जब तक वह पृथ्‍वी पर न्‍याय की स्‍थापना नहीं कर लेगा तब तक उसका उत्‍साह बुझेगा नहीं, वह हिम्‍मत नहीं हारेगा। द्वीप उसके धर्म-नियमों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।


ओ पृथ्‍वी के सीमान्‍तों तक रहनेवालो, मेरी ओर मुड़ो और मैं तुम्‍हें बचाऊंगा; क्‍योंकि मैं परमेश्‍वर हूं, और मुझे छोड़ दूसरा कोई नहीं है।


सर्वोच्‍च और महान परमेश्‍वर, जिसका नाम पवित्र है, जो अनन्‍तकाल तक जीवित है, यह कहता है : ‘मैं उच्‍च और पवित्र स्‍थान में निवास करता हूं, पर मैं उसके साथ भी विद्यमान रहता हूं जिसकी आत्‍मा विदीर्ण और विनम्र है। मैं उस विनम्र व्यक्‍ति की आत्‍मा को संजीव करता हूं, और उसके विदीर्ण हृदय को पुनर्जीवित।


देखो, प्रभु का हाथ इतना छोटा नहीं है कि वह बचा न सके। प्रभु के कान बहरे नहीं हैं, कि वह सुन न सके।


प्रभु कहता है, ‘क्‍या मैं जन्‍म का समय हो जाने पर भी जन्‍म न होने दूं? मैं ही जन्‍मदाता हूं : अत: क्‍या मैं गर्भ का द्वार ही बन्‍द कर दूं?’ यह तुम्‍हारे परमेश्‍वर की वाणी है।


किन्‍तु प्रभु ही सच्‍चा ईश्‍वर है। वह जीवंत परमेश्‍वर है, और शाश्‍वत महाराजाधिराज है। जब वह क्रुद्ध होता है, तब पृथ्‍वी कांप उठती है; उसके क्रोध को सहन करने की शक्‍ति किसी राष्‍ट्र में नहीं है।


आह! मेरे स्‍वामी, मेरे प्रभु! तूने ही अपने महान सामर्थ्य से, अपने भुजबल से आकाश और पृथ्‍वी की रचना की है। तेरे लिए कुछ भी असंभव नहीं है।


प्रभु ने कहा, ‘मेरे निज लोग मूर्ख हैं; वे मुझे नहीं जानते। वे नासमझ बच्‍चे हैं; उनमें बिल्‍कुल समझ नहीं है। वे दुष्‍कर्म करने में चतुर हैं, पर सत्‍कर्म कैसे करना चाहिए, यह वे नहीं जानते।’


इसके बाद येशु ने ‘ग्‍यारह’ प्रेरितों को उनके भोजन करते समय दर्शन दिया और उनके अविश्‍वास और मन की कठोरता के लिए उनकी भत्‍र्सना की; क्‍योंकि उन्‍होंने उन लोगों पर विश्‍वास नहीं किया था, जिन्‍होंने येशु को उनके जी उठने के बाद देखा था।


येशु ने उत्तर दिया, “अविश्‍वासी पीढ़ी! मैं कब तक तुम्‍हारे साथ रहूँगा? कब तक मैं तुम्‍हें सहता रहूँगा? उस लड़के को मेरे पास लाओ।”


तब येशु ने उन से कहा, “निर्बुद्धियो! नबियों ने जो कुछ कहा है, तुम उस पर विश्‍वास करने में कितने मन्‍दमति हो!


येशु ने कहा, “फिलिप! मैं इतने समय तक तुम लोगों के साथ रहा, फिर भी तुम ने मुझे नहीं जाना? जिसने मुझे देखा है, उसने पिता को भी देखा है। फिर तुम यह क्‍या कहते हो : ‘हमें पिता के दर्शन कराइए’?


येशु ने उन्‍हें यह उत्तर दिया, “मेरा पिता अब तक कार्य कर रहा है और मैं भी कार्य कर रहा हूँ।”


प्रभु ने हमें यह आदेश दिया है, ‘मैंने तुम्‍हें अन्‍यजातियों के लिए ज्‍योति नियुक्‍त किया है जिससे तुम पृथ्‍वी के सीमान्‍तों तक मुक्‍ति का माध्‍यम बनो।’ ”


परन्‍तु अब प्रकाशित हो गया है। यह नबियों के ग्रंथों द्वारा, शाश्‍वत परमेश्‍वर के आदेशानुसार, सब जातियों में उद्घोषित किया गया है, जिससे वे विश्‍वास की अधीनता स्‍वीकार करें।


क्‍योंकि जैसा धर्मग्रंथ में कहा गया, “प्रभु का मन कौन जानता है? कौन उसे परामर्श दे सकता है?” और हम में तो मसीह का मन विद्यमान है।


क्‍या आप लोग यह नहीं जानते कि जिसका मिलन वेश्‍या से होता है, वह उसके साथ एक शरीर हो जाता है? क्‍योंकि धर्मग्रन्‍थ कहता है, “वे दोनों एक शरीर हो जायेंगे।”


क्‍या आप यह नहीं जानते कि आपका शरीर पवित्र आत्‍मा का मन्‍दिर है? वह आप को परमेश्‍वर से प्राप्‍त हुआ है और वह आप में निवास करता है। आपका अपने पर अधिकार नहीं है;


क्‍या आप यह नहीं जानते कि अन्‍याय करने वाले व्यक्‍ति परमेश्‍वर के राज्‍य के अधिकारी नहीं होंगे? धोखे में न रहें! व्‍यभिचारी, मूर्तिपूजक, परस्‍त्रीगामी, कामातुर और पुरुषगामी,


शाश्‍वत परमेश्‍वर तेरा आश्रय है; उसकी शाश्‍वत बाहें तेरा सहारा हैं। उसने तेरे सम्‍मुख से तेरे शत्रुओं को निकाला है। उसने ही तुझे यह आदेश दिया, “उन्‍हें नष्‍ट कर दो!”


जिस परमेश्‍वर ने आप लोगों में यह शुभ कार्य आरम्‍भ किया, वह येशु मसीह के दिन तक उसे पूर्ण भी करेगा, इसका मुझे पक्‍का विश्‍वास है।


युगों के अधिपति, अविनाशी, अदृश्‍य और अतुल्‍य परमेश्‍वर का सम्‍मान तथा महिमा युगानुयुग होती रहे!


तो फिर मसीह का रक्‍त, जिन्‍होंने अपने आपको शाश्‍वत आत्‍मा के द्वारा निर्दोष बलि के रूप में परमेश्‍वर को अर्पित किया, हमारे अन्‍त:करण को मृत कर्मों से क्‍यों नहीं शुद्ध करेगा और हमें जीवन्‍त परमेश्‍वर की सेवा के योग्‍य क्‍यों नहीं बनायेगा?


प्रभु के विरोधी टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाएँगे; सर्वोच्‍च प्रभु आकाश से उन पर गरजेगा। वह पृथ्‍वी के सीमांतों तक न्‍याय करेगा; वह अपने राजा को शक्‍ति प्रदान करेगा, और अपने अभिषिक्‍त का सिर ऊंचा उठाएगा।’


हमारे पर का पालन करें:

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