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उत्पत्ति 1:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 परमेश्‍वर ने आरम्‍भ में आकाश और पृथ्‍वी को रचा।

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पवित्र बाइबल

1 आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी को बनाया।

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Hindi Holy Bible

1 आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 आदि में परमेश्‍वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्‍टि की।

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नवीन हिंदी बाइबल

1 आदि में परमेश्‍वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्‍टि की।

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1 आदि में परमेश्वर ने आकाश एवं पृथ्वी को रचा.

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उत्पत्ति 1:1
67 क्रॉस रेफरेंस  

हिजकियाह ने प्रभु के सम्‍मुख यह प्रार्थना की। उसने कहा, ‘हे इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर! तू करूबों पर विराजमान है। केवल तू ही पृथ्‍वी के समस्‍त राज्‍यों का परमेश्‍वर है। तूने ही पृथ्‍वी और आकाश को बनाया है।


अन्‍य जातियों के देवतागण मात्र मूर्तियां हैं; पर प्रभु ने स्‍वर्ग को निर्मित किया है।


सोर के राजा हूराम ने राजा सुलेमान को उत्तर भेजा। उसने पत्र में यों लिखा, ‘प्रभु अपने निज लोगों से प्रेम करता है। इसलिए उसने आपको उनका राजा नियुक्‍त किया है।’


एज्रा ने कहा, ‘प्रभु, केवल तू ही प्रभु है! तूने ही आकाश को, सर्वोच्‍च आकाश को, नक्षत्रों और तारों को बनाया है। तूने पृथ्‍वी और सागर को, तथा उनमें जो कुछ है, उन-सब को रचा है। तू उनका पालन-पोषण भी करता है। प्रभु, स्‍वर्ग की सेना तेरी वन्‍दना करती है।


उसकी साँस से आकाश-मंडल साफ हो जाता है, उसने अपने हाथ से भागते हुए सर्प को मार डाला है।


‘जब मैंने पृथ्‍वी की नींव डाली थी तब तू कहाँ था? यदि तू स्‍वयं को समझदार समझता है तो तू मेरे इस प्रश्‍न का उत्तर दे।


केवल परमेश्‍वर ने ही आकाश को वितान की तरह फैलाया है; अपने सागर की उत्ताल तरंगों को वह वश में रखता है।


तूने आदि में पृथ्‍वी की नींव डाली, आकाश तेरे हाथों की कृति है।


हे प्रभु, तेरे कार्य कितने अधिक हैं। तूने उन सब कार्यों को बुद्धि से किया है; तेरे द्वारा रचे गए जीवों से पृथ्‍वी परिपूर्ण है।


जब तू अपना आत्‍मा भेजता है, तब वे उत्‍पन्न किए जाते हैं; तू धरती की सतह को नया करता है।


तुम प्रभु से आशिष पाओ; प्रभु आकाश और पृथ्‍वी का सृजक है।


मुझे प्रभु से सहायता प्राप्‍त होती है, जो आकाश और पृथ्‍वी का सृजक है।


हमारी सहायता प्रभु के नाम में है; वह आकाश और पृथ्‍वी का सृजक है।


प्रभु तुझे सियोन से आशिष दे; वह आकाश और पृथ्‍वी का सृजक है।


बुद्धि से आकाश बनाने वाले की सराहना करो, उसकी करुणा शाश्‍वत है।


वही प्रभु आकाश, पृथ्‍वी और सागर का एवं सबका सृजक है, जो उनमें हैं। प्रभु सदा के लिए सत्‍य का रक्षक है;


आकाश-मण्‍डल प्रभु के वचन से और उसकी समस्‍त स्‍वर्गिक सेना, उसके मुंह की सांस से निर्मित हुई।


क्‍योंकि प्रभु ने कहा, और वह हो गया; उसने आज्ञा दी, और वह स्‍थित हो गया।


जब मैं देखता हूं तेरे आकाश को, जो तेरा हस्‍त-शिल्‍प है, चंद्रमा एवं नक्षत्रों को जिन्‍हें तूने स्‍थापित किया है,


तब मनुष्‍य क्‍या है कि तू उसका स्‍मरण रखे? मानव-पुत्र क्‍या है कि तू उसकी सुधि ले?


पर्वतों के उत्‍पन्न होने के पहिले, तेरे द्वारा संसार की सृष्‍टि होने के पूर्व, युग-युगान्‍त से तू ही परमेश्‍वर है।


अन्‍य जातियों के देवतागण मात्र मूर्तियां हैं; पर प्रभु ने स्‍वर्ग को निर्मित किया है।


क्‍योंकि प्रभु ने छ: दिन में आकाश, पृथ्‍वी, समुद्र एवं उन सबको बनाया, जो उनमें हैं, तथा सातवें दिन विश्राम किया। अत: प्रभु ने विश्राम दिवस को आशीष दी, और उसे पवित्र घोषित किया।


जब प्रभु ने सीनय पर्वत पर मूसा से वार्तालाप समाप्‍त किया तब उन्‍हें साक्षी की दो पट्टियाँ, अपने हाथ से लिखी पत्‍थर की दो पट्टियाँ दीं।


प्रभु ने हर एक वस्‍तु को विशेष उद्देश्‍य के लिए रचा है; अत: दुर्जन निस्‍सन्‍देह दु:ख भोगेगा!


प्रभु ने बुद्धि से पृथ्‍वी की नींव डाली है; उसने समझ से आकाश को स्‍थिर किया है।


अपनी जवानी के दिनों में अपने सृष्‍टिकर्ता परमेश्‍वर को स्‍मरण रख, अन्‍यथा इन दिनों के बाद वे दिन और वर्ष आएंगे जब तू यह कहेगा, ‘अब जीवन में मुझे आनन्‍द नहीं मिलता।’


“हे स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु, इस्राएल के परमेश्‍वर! तू करूबों पर विराजमान है। केवल तू ही पृथ्‍वी के समस्‍त राज्‍यों का परमेश्‍वर है। तूने ही पृथ्‍वी और आकाश को बनाया है।


क्‍या तुम नहीं जानते? क्‍या तुमने नहीं सुना? क्‍या तुम्‍हें प्राचीन काल से नहीं बताया गया? जब से पृथ्‍वी की नींव डाली गई, सृष्‍टि के आरम्‍भ से ही तुम्‍हें यह समझाया जाता रहा है कि


आकाश की ओर आंखें उठाओ, और देखो: इन तारों को किसने रचा है? मैं-प्रभु ने! मैं सेना के सदृश उनकी गणना करता हूं; और हर एक तारे को उसके नाम से पुकारता हूं। मेरी शक्‍ति असीमित है, मेरा बल अपार है, अत: प्रत्‍येक तारा मुझे उत्तर देता है।”


क्‍या तुम नहीं जानते? क्‍या तुमने नहीं सुना? प्रभु शाश्‍वत परमेश्‍वर है, वह समस्‍त पृथ्‍वी का सृष्‍टिकर्ता है। वह न निर्बल है, और न थकता है। उसकी समझ अगम है!


प्रभु परमेश्‍वर, जिसने आकाश को बनाया और उसको विस्‍तृत फैलाया है, जिसने पृथ्‍वी और उस पर होनेवाली प्रत्‍येक वस्‍तु की रचना की है; जो पृथ्‍वी के सब लोगों में प्राण डालता है, जो पृथ्‍वी पर विचरनेवालों को आत्‍मा प्रदान करता है, वह यों कहता है:


तेरा मुक्‍तिदाता, तुझे गर्भ में गढ़नेवाला प्रभु यों कहता है: “मैं ही प्रभु हूं, मैं ही सबका बनानेवाला हूं। मैंने ही आकाश को वितान के समान ताना है, मैंने ही पृथ्‍वी को आकार दिया है। उस समय मेरे साथ कौन था?


आकाश का स्रष्‍टा (वह परमेश्‍वर है!), पृथ्‍वी को आकार देनेवाला और बनानेवाला प्रभु यों कहता है: (उसने ही पृथ्‍वी को स्‍थिर किया है, उसने उसको इसलिए नहीं रचा कि वह निर्जन रहे, उसने उसे आबाद करने के लिए बनाया है।) ‘मैं ही प्रभु हूं, मुझे छोड़ दूसरा कोई प्रभु नहीं है।


तू अपने सृजक प्रभु को क्‍यों भूल गया, जिसने आकाश को फैलाया, जिसने पृथ्‍वी की नींव डाली? तू दिन-भर, निरन्‍तर अत्‍याचार करनेवाले के क्रोध से क्‍यों भयभीत रहता है? जब वह तुझे नष्‍ट करने को तत्‍पर होता है तब तू क्‍यों थर-थर कांपता है? कहां है अत्‍याचार करनेवाले का क्रोध?


मैंने अपने शब्‍द तेरे मुंह में रखे हैं; मैंने अपने हाथ की छाया में तुझे छिपाकर रखा है। मैंने ही आकाश को फैलाया है, मैंने ही पृथ्‍वी की नींव डाली है। मैं सियोन से यह कहता हूं : “तू ही मेरी प्रजा है।” ’


‘देखो, मैं नया आकाश और नयी पृथ्‍वी बनाने जा रहा हूं। अतीत की बातें भुला दी जाएंगी, वे मन में भी नहीं आएंगी।


प्रभु परमेश्‍वर ने ही पृथ्‍वी को अपने सामर्थ्य से बनाया है; उसने ही संसार को अपनी बुद्धि से स्‍थित किया है। प्रभु परमेश्‍वर ने आकाश को अपनी समझ से फैलाया है।


आह! मेरे स्‍वामी, मेरे प्रभु! तूने ही अपने महान सामर्थ्य से, अपने भुजबल से आकाश और पृथ्‍वी की रचना की है। तेरे लिए कुछ भी असंभव नहीं है।


प्रभु परमेश्‍वर ने ही पृथ्‍वी को अपने सामर्थ्य से बनाया है; उसने ही संसार को अपनी बुद्धि से स्‍थित किया है। प्रभु परमेश्‍वर ने आकाश को अपनी समझ से फैलाया है।


प्रभु की ओर से यह एक गंभीर चेतावनी है। जिस प्रभु ने आकाश को ताना है, जिसने पृथ्‍वी की नींव डाली है और जिसने मानव के भीतर की आत्‍मा को निर्मित किया है, उस प्रभु की इस्राएल के सम्‍बन्‍ध में यह वाणी है। प्रभु यों कहता है:


उस समय येशु ने कहा, “पिता! स्‍वर्ग और पृथ्‍वी के प्रभु! मैं तेरी स्‍तुति करता हूँ; क्‍योंकि तूने इन सब बातों को ज्ञानियों और बुद्धिमानों से गुप्‍त रखा; किन्‍तु बच्‍चों पर प्रकट किया है।


क्‍योंकि उन दिनों ऐसा दु:ख-कष्‍ट होगा, जैसा परमेश्‍वर-रचित सृष्‍टि के प्रारम्‍भ से अब तक न कभी हुआ है और न कभी होगा।


“मित्रो! आप यह क्‍या कर रहे हैं? हम भी तो आप लोगों के समान सुख-दु:ख भोगने वाले मनुष्‍य हैं। हम यह शुभ-समाचार देने आये हैं कि आप इन नि: सार वस्‍तुओं को छोड़ कर उस जीवन्‍त परमेश्‍वर की ओर अभिमुख हों, जिसने आकाश, पृथ्‍वी, समुद्र और उन में जो कुछ है, वह सब बनाया है।


“जिस परमेश्‍वर ने विश्‍व तथा उसमें जो कुछ है, वह सब बनाया है, और जो आकाश और पृथ्‍वी का प्रभु है, वह हाथ से बनाये हुए मन्‍दिरों में निवास नहीं करता।


वे उनकी बातें सुन कर एक स्‍वर से परमेश्‍वर को सम्‍बोधित करते हुए बोले, “हे स्‍वामी! तूने ही आकाश और पृथ्‍वी तथा समुद्र और जो कुछ उन में है सबको बनाया है।


सब कुछ परमेश्‍वर से, परमेश्‍वर के द्वारा तथा परमेश्‍वर के लिए है। उसी की युगयुगों तक महिमा हो! आमेन!


फिर भी हमारे लिए तो एक ही परमेश्‍वर है-वह पिता, जिससे सब कुछ उत्‍पन्न होता है और जिसके पास हमें जाना है-और एक ही प्रभु हैं, अर्थात् येशु मसीह, जिनके द्वारा सब कुछ बना है और हम भी उन्‍हीं के द्वारा अस्‍तित्‍व में है।


और सब मनुष्‍यों पर वह रहस्‍यमय प्रबन्‍ध प्रकट करूँ, जो युगों से समस्‍त विश्‍व के सृष्‍टिकर्ता परमेश्‍वर में गुप्‍त रहा है।


और फिर, “हे प्रभु! तूने आदि में पृथ्‍वी की नींव डाली। आकाश तेरे हाथों का कार्य है।


परन्‍तु वर्तमान अन्‍तिम युग में वह हम से पुत्र द्वारा बोला है। उसने उस पुत्र के द्वारा समस्‍त विश्‍व की सृष्‍टि की और उसी को सब कुछ का उत्तराधिकारी नियुक्‍त किया है।


विश्‍वास द्वारा हम जान लेते हैं कि परमेश्‍वर के शब्‍द द्वारा विश्‍व का निर्माण हुआ है और अदृश्‍य से दृश्‍य की उत्‍पत्ति हुई है।


क्‍योंकि हर घर किसी के द्वारा निर्मित किया जाता है, किन्‍तु परमेश्‍वर सबका निर्माता है।


वे जान-बूझकर यह भूल जाते हैं कि प्राचीन काल में एक आकाश था और एक पृथ्‍वी, जो परमेश्‍वर के शब्‍द द्वारा जल से उत्‍पन्न हो कर जल पर बनी हुई थी।


हमारा विषय वह शब्‍द है, जो आदि से विद्यमान था। हम ने उसे सुना है। हमने उसे अपनी आँखों से देखा है। हमने उसका अवलोकन किया और अपने हाथों से उसका स्‍पर्श किया है। वह शब्‍द जीवन है


जो युग-युगों तक जीता रहता है, जिसने स्‍वर्ग और उस में जो कुछ है, पृथ्‍वी और उस पर जो कुछ है एवं समुद्र और उस में जो कुछ है, उसकी सृष्‍टि की, उसकी शपथ खा कर स्‍वर्गदूत ने यह कहा, “अब और देर नहीं होगी।


वह ऊंचे स्‍वर से यह कह रहा था, “परमेश्‍वर पर श्रद्धा रखो! उसकी स्‍तुति करो! क्‍योंकि उसके न्‍याय का दिन आ गया है। जिसने स्‍वर्ग और पृथ्‍वी, समुद्र और जलस्रोतों की रचना की, उसकी आराधना करो।”


उसने फिर मुझ से कहा, “कार्य समाप्‍त हो गया। अलफा और ओमेगा, आदि और अन्‍त मैं हूँ। मैं प्‍यासे को संजीवन जल के स्रोत से मुफ्‍त में पिलाऊंगा।


मैं अलफा और ओमेगा हूँ, प्रथम और अन्‍तिम, आदि और अन्‍त हूँ।”


“लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिखो : “जो ‘आमेन’ है, जो विश्‍वस्‍त तथा सच्‍चा साक्षी एवं परमेश्‍वर की सृष्‍टि का मूलस्रोत है, उसका सन्‍देश इस प्रकार है :


“हमारे प्रभु परमेश्‍वर! तू महिमा, सम्‍मान और सामर्थ्य का अधिकारी है; क्‍योंकि तूने समस्‍त विश्‍व की सृष्‍टि की। तेरी ही इच्‍छा से वह अस्‍तित्‍व में आया और उसकी सृष्‍टि हुई है।”


हमारे पर का पालन करें:

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