‘जबूलून समुद्र के तट पर निवास करेगा। वह जलयानों के लिए बन्दरगाह बनेगा, उसके राज्य की सीमा सीदोन देश तक होगी।
न्यायियों 3:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु ने इन जातियों को छोड़ दिया था : पलिश्ती जाति के पांच नगर-राज्य, समस्त कनानी जाति, सीदोनी जाति, और हिव्वी जाति, जो बअल-हेर्मोन पहाड़ से हमात के प्रवेश-मार्ग तक लबानोन पहाड़ पर रहती थी। पवित्र बाइबल पलिशती लोगों के पाँच शासक, सभी कनानी लोग, सीदोन के लोग और हिव्वी लोग जो लबानोन के पहाड़ों में बालहेर्मोन पर्वत से लेकर हमात तक रहते थे। Hindi Holy Bible अर्थात पांचो सरदारों समेत पलिश्तियों, और सब कनानियों, और सीदोनियों, और बालहेर्मोन नाम पहाड़ से ले कर हमात की तराई तक लबानोन पर्वत में रहने वाले हिव्वियों को। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अर्थात् पाँचों सरदारों समेत पलिश्तियों, और सब कनानियों, और सीदोनियों, और बालहेर्मोन नामक पहाड़ से लेकर हमात की तराई तक लबानोन पर्वत में रहनेवाले हिब्बियों को। सरल हिन्दी बाइबल वे जनता ये थे: फिलिस्तीनी, (जिनका शासन पांच नगरों में बंट कर हो रहा था), बाल-हरमोन पर्वत से लेकर लबो-हामाथ तक लबानोन पर्वत पर रह रहे सभी कनानी, सीदोनी तथा हिव्वी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अर्थात् पाँचों सरदारों समेत पलिश्तियों, और सब कनानियों, और सीदोनियों, और बालहेर्मोन नामक पहाड़ से लेकर हमात की तराई तक लबानोन पर्वत में रहनेवाले हिब्बियों को। |
‘जबूलून समुद्र के तट पर निवास करेगा। वह जलयानों के लिए बन्दरगाह बनेगा, उसके राज्य की सीमा सीदोन देश तक होगी।
वे सोर के किले में आए। वे हिव्वी और कनानी जातियों के सब नगरों में गए। तत्पश्चात् वे यहूदा प्रदेश के नेगब क्षेत्र में स्थित बएर-शेबा नगर को गए।
सुलेमान ने उस समय प्रभु परमेश्वर के सम्मुख सात दिन तक यात्रा-पर्व मनाया। उसने एक विशाल भोज का आयोजन किया। पर्व में विशाल जनसमूह उपस्थित हुआ। हमात घाटी की सीमा से मिस्र देश की बरसाती नदी तक के समस्त इस्राएली एकत्र हुए।
एमोरी, हित्ती, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी जाति के बचे हुए लोग, जो इस्राएली जाति के नहीं थे,
‘पश्चिमी सीमा − पश्चिमी सीमा दक्षिणी सीमा से लेकर हमात की घाटी के सामने भूमध्यसागर तक होगी। यही पश्चिम की सीमा होगी।
अमालेक जाति नेगेब प्रदेश में निवास करती है। हित्ती, यबूसी और अमोरी जातियाँ पहाड़ी प्रदेश में रहती हैं। कनानी जाति समुद्र तट तथा यर्दन नदी के किनारे निवास करती है।’
तत्पश्चात् होर पर्वत से हमात-घाटी के प्रवेश-द्वार तक एक रेखा खींचना। यह सीमा-रेखा सदाद पर समाप्त होगी।
अत: आगे बढ़ो। तुम प्रस्थान करो; और एमोरी जाति के पहाड़ी प्रदेश में, और अराबाह में निवास करनेवालों के पास, पर्वतीय क्षेत्र में, निचले मैदान में, नेगेब प्रदेश में और समुद्र-तट पर, कनानी जाति के देश और लबानोन में, महानदी तक, अर्थात् फरात नदी तक जाओ।
(सीदोनी-जाति के लोग हेर्मोन को सीर्योन कहते हैं, पर एमोरी जाति के लोग उसको सनीर कहते हैं।)
गिब्ओन नगर में रहने वाले हिव्वी जाति के लोगों के अतिरिक्त किसी भी नगर-राज्य ने इस्राएलियों से सुरक्षा का अभयदान नहीं मांगा था। अत: युद्ध में उन्हें पराजित होना पड़ा।
उसने यर्दन नदी के दोनों किनारों पर बसे कनानी लोगों को, एमोरी, हित्ती, परिज्जी और पहाड़ी यबूसी जाति के लोगों को, और मिस्पाह देश के हेर्मोन पहाड़ की तराई में रहनेवाले हिव्वी जाति के लोगों को भी दूत भेजे।
मिस्र देश की सीमा पर शीहोर नदी से उत्तर में एक्रोन नगर-राज्य की सीमा के अन्तर्गत का भूमि-भाग कनानी जाति का देश माना जाता था। पलिश्ती जाति के पांच सामन्त गाजा, अश्दोद, एश्कलोन, गत और एक्रोन नगरों में रहते थे।) और दक्षिण में अव्वी जाति का प्रदेश।
गबाली जाति का प्रदेश, पूर्व में हेर्मोन पर्वत के नीचे स्थित बअल-गाद नगर से हमात घाटी के प्रवेश-द्वार तक का समस्त लबानोन प्रदेश।
परन्तु इस्राएली सैनिकों ने उन हिव्वी लोगों से कहा, ‘हो सकता है, तुम हमारे क्षेत्र में ही रहते हो। तब हम तुम्हारे साथ सन्धि क्यों करें?’
जब सीदोनी, अमालेकी और माओनी जातियों ने तुम पर अत्याचार किया और तुमने मेरी दुहाई दी, तब मैंने तुम्हें उनके हाथ से मुक्त नहीं किया था?
अत: प्रभु का क्रोध इस्राएलियों के प्रति भड़क उठा। उसने उन्हें पलिश्ती तथा अम्मोनी जातियों के हाथ में बेच दिया।
शिमशोन के माता-पिता नहीं जानते थे कि यह बात प्रभु की ओर से है; क्योंकि प्रभु पलिश्ती जाति को उभाड़ने के लिए अवसर ढूँढ़ रहा था। उस समय पलिश्ती इस्राएलियों पर शासन करते थे।
अत: वे पाँच पुरुष चले गए। वे लइश नगर में आए। उन्होंने उसमें रहने वाले लोगों को देखा कि वे सीदोनी जाति के समान निश्चिन्तता से निवास करते हैं। वे शान्तिपूर्वक तथा निश्चिन्त ढंग से रहते हैं। उन्हें पृथ्वी की किसी भी वस्तु का अभाव नहीं है। वे सीदोन देश से दूर रहते हैं। सीरिया देश से भी उनका सम्बन्ध नहीं है।
यह इस्राएल की पीढ़ियों के हित में था कि वे युद्ध का ज्ञान प्राप्त करें। कम से कम वे इस्राएली लोग युद्ध-कला को सीखें जिन्हें पहले से युद्ध का व्यावहारिक ज्ञान नहीं था।
अत: प्रभु ने उन्हें कनानी जाति के राजा याबीन के हाथ में बेच दिया। याबीन हासोर नगर में राज्य करता था। उसका सेनापति सीसरा था, जो हरोशेत-ह-गोइम में रहता था।
पलिश्ती इस्राएलियों से युद्ध करने के लिए एकत्र हुए। उनके पास तीस हजार रथ, और छ: हजार घुड़सवार थे। पैदल सैनिक तो समुद्रतट के रेत-कणों के सदृश असंख्य थे। उन्होंने बेत-आवेन की पूर्व दिशा से चढ़ाई की, और मिकमाश में पड़ाव डाला।
पलिश्ती सामन्त सौ-सौ सैनिक-दल और हजार-हजार सैनिक दल में पड़ाव से निकल रहे थे। सेना के अन्त-भाग में आकीश के साथ दाऊद और उसके सैनिक निकले।
इनके अतिरिक्त, पलिश्तियों के पाँच सामंतों के अधीन सब किलाबन्द नगरों और बिना परकोटे वाले गाँवों की ओर से, उनकी कुल संख्या के अनुसार, चूहों की सोने की मूर्तियाँ चढ़ाई गई थीं। जिस बड़े पत्थर पर उपपुरोहित लेवियों ने प्रभु की मंजूषा उतारकर रखी थी, वह आज भी बेतशेमश नगर के यहोशुअ के खेत में साक्षी दे रहा है।
पलिश्तियों ने पूछा, ‘हमें उसको दोष-बलि में क्या चढ़ाना चाहिए?’ उन्होंने कहा, ‘पलिश्तियों के सामंतों की संख्या के अनुसार सोने की पाँच गिल्टियाँ, और सोने के पाँच चूहे चढ़ाना चाहिए, क्योंकि जिस प्लेग से तुम पीड़ित थे, उसी प्लेग से सामंत भी पीड़ित थे।