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यहोशू 13:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

3 मिस्र देश की सीमा पर शीहोर नदी से उत्तर में एक्रोन नगर-राज्‍य की सीमा के अन्‍तर्गत का भूमि-भाग कनानी जाति का देश माना जाता था। पलिश्‍ती जाति के पांच सामन्‍त गाजा, अश्‍दोद, एश्‍कलोन, गत और एक्रोन नगरों में रहते थे।) और दक्षिण में अव्‍वी जाति का प्रदेश।

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पवित्र बाइबल

3 तुमने मिस्र की सीमा पर शिहोर नदी से लेकर उत्तर में एक्रोन की सीमा तक का क्षेत्र नहीं लिया है। वह अभी तक कनानी लोगों का है। तुम्हें राजा, अशदोद, अशकलोन, गत तथा एक्रोन पाँचों पलिश्ती के प्रमुखों को हराना है। तुम्हें उन अब्बी लोगों को हराना चाहिये।

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Hindi Holy Bible

3 (मिस्र के आगे शीहोर से ले कर उत्तर की ओर एक्रोन के सिवाने तक जो कनानियों का भाग गिना जाता है; और पलिश्तियों के पांचों सरदार, अर्थात अज्जा, अशदोद, अशकलोन, गत, और एक्रोन के लोग), और दक्खिनी ओर अव्वी भी,

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

3 (मिस्र के आगे शीहोर से लेकर उत्तर की ओर एक्रोन की सीमा तक जो कनानियों का भाग गिना जाता है; और पलिश्तियों के पाँचों सरदार, अर्थात् अज्जा, अशदोद, अशकलोन, गत, और एक्रोन के लोग), और दक्षिण की ओर अव्वी भी,

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सरल हिन्दी बाइबल

3 मिस्र के पूर्व में स्थित शीहोर से लेकर उत्तर में एक्रोन की सीमा तक, जो कनान देश माना जाता था, हालांकि यह प्रदेश फिलिस्तीनियों के पांच शासकों के कब्जे में था. उनके नगर थे: गाज़ा, अशदोद, अश्कलोन, गाथ, एक्रोन; तथा दक्षिण में अव्वी,

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

3 (मिस्र के आगे शीहोर से लेकर उत्तर की ओर एक्रोन की सीमा तक जो कनानियों का भाग गिना जाता है; और पलिश्तियों के पाँचों सरदार, अर्थात् गाज़ा, अश्दोद, अश्कलोन, गत, और एक्रोन के लोग), और दक्षिणी ओर अव्वी भी,

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यहोशू 13:3
18 क्रॉस रेफरेंस  

हाम के पुत्र : कूश, मिस्र, पूट और कनान थे।


प्रभु ने उसी दिन अब्राम के साथ विधान का संबंध स्‍थापित किया। उसने कहा, ‘मैं तेरे वंश को यह देश, अर्थात् मिस्र देश की नदी से महानदी फरात तक की भूमि देता हूं,


सुलेमान ने उस समय प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख सात दिन तक यात्रा-पर्व मनाया। उसने एक विशाल भोज का आयोजन किया। पर्व में विशाल जनसमूह उपस्‍थित हुआ। हमात घाटी की सीमा से मिस्र देश की बरसाती नदी तक के समस्‍त इस्राएली एकत्र हुए।


अत: दाऊद ने किर्यत-यहारीम नगर से परमेश्‍वर की मंजूषा लाने के लिए इस्राएली कुलों के सब पुरुषों को एकत्र किया। उसने मिस्र देश की सीमा शीहोर नदी से हमात घाटी के प्रवेश-द्वार तक के भूमि-क्षेत्रों में रहने वाले सब इस्राएलियों को इकट्ठा किया।


वे अनेक सागरों की यात्रा करते थे। शिहोर का अनाज, नील नदी की फसल उन्‍हें आय में प्राप्‍त होती थी। वे अनेक राष्‍ट्रों से व्‍यापार करते थे।


अब मिस्र की ओर ताकने से क्‍या लाभ? नील नदी का पानी पीने से तुझे कुछ फायदा न होगा। असीरिया देश से संधि करने से तेरा भला न होगा। फरात नदी का जल भी तुझ में नवजीवन नहीं डाल सकेगा।


इसी प्रकार गांवों में रहने वाली अव्‍वी जाति के लोगों को, जो गाजा तक फैले थे, कप्‍तोर देश से बाहर निकले हुए कप्‍तोरी लोगों ने नष्‍ट कर दिया, और स्‍वयं उनके स्‍थान पर बस गए।)


फिर भी इस्राएली लोगों ने गशूरी और मअकाती जातियों को नहीं निकाला था। इसलिए गशूरी और मअकाती जातियां आज तक इस्राएली समाज के मध्‍य निवास करती हैं।


तब पलिश्‍ती जाति के सामंत दलीलाह के पास आए। उन्‍होंने उससे कहा, ‘शिमशोन को फुसलाओ। तुम पता लगाओ कि उसकी महाशक्‍ति का स्रोत कहाँ है। हम उसे किस प्रकार वश में कर सकते हैं, ताकि उसे बाँध कर शक्‍तिहीन कर सकें। हममें से प्रत्‍येक सामंत तुम्‍हें चांदी के ग्‍यारह सौ सिक्‍के देगा।’


प्रभु ने इन जातियों को छोड़ दिया था : पलिश्‍ती जाति के पांच नगर-राज्‍य, समस्‍त कनानी जाति, सीदोनी जाति, और हिव्‍वी जाति, जो बअल-हेर्मोन पहाड़ से हमात के प्रवेश-मार्ग तक लबानोन पहाड़ पर रहती थी।


पलिश्‍तियों ने परमेश्‍वर की मंजूषा पर कब्‍जा कर लिया। वे मंजूषा को एबन-एजर नगर से अश्‍दोद नगर ले गए।


इसलिए गत नगर के रहनेवालों ने परमेश्‍वर की मंजूषा एक्रोन नगर भेज दी। परन्‍तु जब परमेश्‍वर की मंजूषा एक्रोन नगर में आई, तब एक्रोन नगर के रहने वाले चिल्‍लाने लगे, ‘वे हमें और हमारे लोगों को मार डालने के लिए इस्राएल के परमेश्‍वर की मंजूषा को हमारे पास लाए हैं।’


अत: उन्‍होंने दूत भेजे और पलिश्‍तियों के सामंतों को एकत्र किया। उन्‍होंने उनसे पूछा, ‘हमें इस्राएल के परमेश्‍वर की मंजूषा के साथ क्‍या करना चाहिए?’ सामंतों ने उत्तर दिया, ‘इस्राएल के परमेश्‍वर की मंजूषा को गत नगर भेज दो।’ अत: वे इस्राएल के परमेश्‍वर की मंजूषा को गत नगर ले गए।


पलिश्‍तियों ने पूछा, ‘हमें उसको दोष-बलि में क्‍या चढ़ाना चाहिए?’ उन्‍होंने कहा, ‘पलिश्‍तियों के सामंतों की संख्‍या के अनुसार सोने की पाँच गिल्‍टियाँ, और सोने के पाँच चूहे चढ़ाना चाहिए, क्‍योंकि जिस प्‍लेग से तुम पीड़ित थे, उसी प्‍लेग से सामंत भी पीड़ित थे।


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