जब दाऊद पलिश्ती सेना के साथ शाऊल से युद्ध करने आया था, तब मनश्शे गोत्र के कुछ योद्धा आकर उससे मिल गए थे। (दाऊद युद्ध में पलिश्तियों की सहायता नहीं कर सका था; क्योंकि पलिश्ती सामन्तों ने परस्पर सम्मति की, और उसे युद्ध से भेज दिया था। उन्होंने कहा, ‘यह हमारे सिर कटवाकर अपने स्वामी शाऊल से मिल जाएगा।’)
अन्त में, पीछे की ओर से समस्त पड़ाव की रक्षा करनेवाले दान वंशियों के पड़ाव की ध्वजा ने दल-बल सहित प्रस्थान किया। उनके दल का सेनापति अम्मीशद्दय का पुत्र अहीएजर था।
मिस्र देश की सीमा पर शीहोर नदी से उत्तर में एक्रोन नगर-राज्य की सीमा के अन्तर्गत का भूमि-भाग कनानी जाति का देश माना जाता था। पलिश्ती जाति के पांच सामन्त गाजा, अश्दोद, एश्कलोन, गत और एक्रोन नगरों में रहते थे।) और दक्षिण में अव्वी जाति का प्रदेश।
पलिश्तियों ने पूछा, ‘हमें उसको दोष-बलि में क्या चढ़ाना चाहिए?’ उन्होंने कहा, ‘पलिश्तियों के सामंतों की संख्या के अनुसार सोने की पाँच गिल्टियाँ, और सोने के पाँच चूहे चढ़ाना चाहिए, क्योंकि जिस प्लेग से तुम पीड़ित थे, उसी प्लेग से सामंत भी पीड़ित थे।