मनश्शे ने यहूदा प्रदेश से पाप-कर्म कराए थे। उसने वे काम किये थे, जो प्रभु की दृष्टि में बुरे हैं। इसके अतिरिक्त मनश्शे ने बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों का रक्त बहाया था। उसने यरूशलेम के एक छोर से दूसरे छोर तक निर्दोष रक्त की नदी बहाई थी!
नीतिवचन 6:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) घमण्ड से चढ़ी हुई आंखें, झूठ बोलनेवाली जीभ, निर्दोष व्यक्ति की हत्या करनेवाले हाथ, पवित्र बाइबल गर्वीली आँखें, झूठ से भरी वाणी, वे हाथ जो अबोध के हत्यारे हैं। Hindi Holy Bible अर्थात घमण्ड से चढ़ी हुई आंखें, झूठ बोलने वाली जीभ, और निर्दोष का लोहू बहाने वाले हाथ, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अर्थात् घमण्ड से चढ़ी हुई आँखें, झूठ बोलनेवाली जीभ, और निर्दोष का लहू बहानेवाले हाथ, नवीन हिंदी बाइबल घमंड से चढ़ी हुई आँखें, झूठ बोलनेवाली जीभ, निर्दोष का लहू बहानेवाले हाथ, सरल हिन्दी बाइबल घमंड से भरी आंखें, झूठ बोलने वाली जीभ, वे हाथ, जो निर्दोष की हत्या करते हैं, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अर्थात् घमण्ड से चढ़ी हुई आँखें, झूठ बोलनेवाली जीभ, और निर्दोष का लहू बहानेवाले हाथ, |
मनश्शे ने यहूदा प्रदेश से पाप-कर्म कराए थे। उसने वे काम किये थे, जो प्रभु की दृष्टि में बुरे हैं। इसके अतिरिक्त मनश्शे ने बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों का रक्त बहाया था। उसने यरूशलेम के एक छोर से दूसरे छोर तक निर्दोष रक्त की नदी बहाई थी!
इनके अतिरिक्त मनश्शे ने बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों का रक्त बहाया था। उसने यरूशलेम के एक छोर से दूसरे छोर तक निर्दोष रक्त की नदी बहाई थी। प्रभु ने उसको क्षमा नहीं किया था।
जो व्यक्ति गुप्त रूप से अपने पड़ोसी की निन्दा करता है, उसको मैं नष्ट करूंगा; जिसकी आखें घमण्ड से चढ़ी हैं और जिसके हृदय में अहंकार है, उसको मैं सहन नहीं करूंगा।
हे प्रभु, न मेरे हृदय में अहंकार है, और न मेरी आंखें घमण्ड से चढ़ी हैं। अपनी पहुंच से दूर बड़ी और अद्भुत वस्तुओं के पीछे मैं नहीं भागता।
झूठ बोलने वाले ओंठ बन्द हो जाएं; जो तिरस्कार एवं अहंकार में धृष्ठता से धार्मिकों के विरुद्ध बोलते हैं।
पर मैं तेरी अपार करुणा के कारण तेरे घर में प्रवेश करूँगा, मैं तेरे पवित्र मंदिर की ओर भयभाव से वंदना करूंगा।
यदि वे तुझसे यह कहें, ‘हमारे साथ आ। हम हत्या के लिए घात लगाएं; हम अकारण ही निर्दोष पर छिप कर वार करें;
प्रभु झूठ बोलनेवाले मनुष्यों से घृणा करता है; पर जो मनुष्य सच्चाई से काम करते हैं, उनसे प्रभु प्रसन्न होता है।
प्रत्येक अहंकारी व्यक्ति से प्रभु घृणा करता है; मैं निश्चय के साथ कहता हूं: प्रभु उसको अवश्य दण्ड देगा।
मूर्ख मनुष्य के मुख में शुभ वचन फबता नहीं; इससे अधिक अशोभनीय है शासक के मुख से झूठी बात का निकलना।
यदि झूठा मनुष्य सच्चे मनुष्य को नष्ट करे, तो वह उससे सदा घृणा करता रहेगा; चाटुकारी ओंठ विनाश का जाल ही बुनते हैं।
यदि किसी मनुष्य ने दूसरे की हत्या की है, तो वह मृत्यु पर्यन्त यहां वहां मारा-मारा फिरे; कोई भी व्यक्ति उसकी सहायता न करे।
संसार में कुछ आदमी हैं जिनकी आंखें घमण्ड से भरी रहती हैं, जिनकी भौंहें गर्व से चढ़ी रहती हैं।
जब तुम प्रार्थना करते समय मेरी ओर हाथ फैलाओगे तब मैं तुम्हारी ओर से अपनी आंखें फेर लूंगा। चाहे तुम एक के बाद एक, कितनी ही प्रार्थनाएँ क्यों न करो, मैं उन्हें नहीं सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से सने हैं।
मनुष्य-जाति की चढ़ी हुई आंखें नीची की जाएंगी; मनुष्य का घमण्ड चूर-चूर किया जाएगा। उस दिन केवल प्रभु ही उच्च स्थान पर विराजमान होगा।
प्रभु ने आगे यह कहा : ‘सियोन की स्त्रियाँ घमण्डी हैं, वे सिर उठाये, आंखें मटकाती और घुंघरुओं को छमछमाती, ठुमक-ठुमक कर चलती हैं।’
उनका मुख उनके विरुद्ध साक्षी दे रहा है! वे सदोम नगर-राज्य के समान अपने पाप की घोषणा करते हैं, वे उसको छिपाते नहीं! धिक्कार है उन्हें! उन्होंने स्वयं ही विपत्ति मोल ली है।
पर यह अच्छी तरह समझ लो कि अगर तुम मुझे प्राण-दण्ड दोगे, तो तुम निर्दोष मनुष्य की हत्या करने के कारण दोषी ठहरोगे, और मेरी हत्या का दोष तुम पर, इस नगर पर और नगर-निवासियों के मत्थे पड़ेगा। क्योंकि यह सच है कि प्रभु ने मुझे तुम्हें यह वचन सुनाने के लिए भेजा है।’
“तुम तो अपने पिता शैतान से हो और अपने पिता की इच्छा पूरी करना चाहते हो। वह तो प्रारम्भ से ही हत्यारा था। वह सत्य पर स्थिर नहीं रहता, क्योंकि उसमें सत्य है ही नहीं। जब वह झूठ बोलता है, तो अपने ही स्वभाव के अनुसार बोलता है; क्योंकि वह झूठा है और झूठ का पिता है।
इस प्रकार निर्दोष व्यक्ति का रक्त तेरे उस देश में नहीं बहेगा, जिसको पैतृक-अधिकार के लिए तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे प्रदान कर रहा है। अन्यथा उसके रक्त का दोष तुझ पर लगेगा।
“निर्दोष मनुष्य की हत्या करने के लिए घूस लेनेवाला व्यक्ति शापित है।” सब लोग प्रत्युत्तर में कहेंगे, “ऐसा ही हो!”
और तुम, नवयुवको! धर्मवृद्धों की अधीनता स्वीकार करो। आप सब नम्रतापूर्वक एक दूसरे की सेवा के लिए कमर कस कर तैयार रहें; क्योंकि परमेश्वर घमण्डियों का विरोध करता है, किन्तु वह विनम्र लोगों पर दया करता है।
कुत्ते, ओझे, व्यभिचारी, हत्यारे, मूर्तिपूजक, असत्य से प्रेम करनेवाले और मिथ्याचारी बाहर ही रहेंगे।