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नीतिवचन 17:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

7 मूर्ख मनुष्‍य के मुख में शुभ वचन फबता नहीं; इससे अधिक अशोभनीय है शासक के मुख से झूठी बात का निकलना।

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पवित्र बाइबल

7 मूर्ख को जैसे अधिक बोलना नहीं सजता है वैसे ही गरिमापूर्ण व्यक्ति को झूठ बोलना नहीं सजता।

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Hindi Holy Bible

7 मूढ़ के मुख से उत्तम बात फबती नहीं, और अधिक करके प्रधान को झूठी बात नहीं फबती।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

7 मूढ़ के मुख से उत्तम बात फबती नहीं, और इससे अधिक प्रधान के मुख से झूठी बात नहीं फबती।

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नवीन हिंदी बाइबल

7 उत्तम बातें बोलना मूर्ख के मुँह से शोभा नहीं देतीं, शासक के लिए झूठ बोलना और भी अशोभनीय है।

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सरल हिन्दी बाइबल

7 अशोभनीय होती है मूर्ख द्वारा की गई दीर्घ बात; इससे कहीं अधिक अशोभनीय होती है प्रशासक द्वारा की गई झूठी बात.

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नीतिवचन 17:7
15 क्रॉस रेफरेंस  

यदि शासक झूठी बातों को सुनता है, तो निस्‍सन्‍देह उसके कर्मचारी भी दुष्‍ट बन जाते हैं।


ओ ढोंगी! पहले अपनी ही आँख का लट्ठा निकाल। तभी तू अपने भाई-बहिन की आँख से तिनका निकालने के लिए अच्‍छी तरह देख सकेगा।


जैसे पंगु मनुष्‍य के पैर व्‍यर्थ लटकते रहते हैं, वैसे ही मूर्ख के मुंह में नीति के वचन व्‍यर्थ लगते हैं।


सत्‍यनिष्‍ठ ओंठों के वचन अमर रहते हैं; किन्‍तु झूठी जीभ की बातें क्षणभंगुर होती हैं।


निस्‍सन्‍देह सच्‍चा परमेश्‍वर दुष्‍कर्म नहीं करता! सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर न्‍याय को अन्‍याय में नहीं बदलता!


इस्राएल का परमेश्‍वर बोला, “इस्राएल की चट्टान” ने मुझसे यह कहा : “मनुष्‍यों पर न्‍यायपूर्वक राज्‍य करने वाला, परमेश्‍वर की भक्‍ति करते हुए शासन करने वाला शासक


झूठ बोलने वाले ओंठ बन्‍द हो जाएं; जो तिरस्‍कार एवं अहंकार में धृष्‍ठता से धार्मिकों के विरुद्ध बोलते हैं।


घमण्‍ड से चढ़ी हुई आंखें, झूठ बोलनेवाली जीभ, निर्दोष व्यक्‍ति की हत्‍या करनेवाले हाथ,


प्रभु झूठ बोलनेवाले मनुष्‍यों से घृणा करता है; पर जो मनुष्‍य सच्‍चाई से काम करते हैं, उनसे प्रभु प्रसन्न होता है।


जब मूर्ख मनुष्‍य का शान-शौकत से रहना नहीं फबता, तब गुलाम मनुष्‍य का शासकों पर शासन करना कैसे फब सकता है?


मूर्ख के लिए बुद्धि उसकी पहुंच से परे होती है; वह सभा में अपना मुंह नहीं खोलता।


जैसे ग्रीष्‍म ऋतु में बरफ का गिरना, जैसे फसल की कटनी के समय पानी का बरसना ठीक नहीं, वैसे ही मूर्ख का सम्‍मान करना अनुचित है।


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