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नीतिवचन 30:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

पहला वरदान: छल-कपट और झूठ से मुझे बचा। दूसरा वरदान: न मुझे धन दे, और न गरीबी। केवल उतना भोजन दे जो मेरे जीवन के लिए आवश्‍यक है;

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पवित्र बाइबल

तू मुझसे मिथ्या को, व्यर्थ को दूर रख। मुझे दरिद्र मत कर और न ही मुझको धनी बना। मुझको बस प्रतिदिन खाने को देता रह।

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Hindi Holy Bible

अर्थात व्यर्थ और झूठी बात मुझ से दूर रख; मुझे न तो निर्धन कर और न धनी बना; प्रतिदिन की रोटी मुझे खिलाया कर।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

अर्थात् व्यर्थ और झूठी बात मुझ से दूर रख; मुझे न तो निर्धन कर और न धनी बना; प्रतिदिन की रोटी मुझे खिलाया कर।

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नवीन हिंदी बाइबल

धोखे और झूठ को मुझसे दूर कर दे; मुझे न तो निर्धन कर और न धनी बना। मेरे प्रतिदिन का भोजन मुझे दिया कर।

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सरल हिन्दी बाइबल

मुझसे वह सब अत्यंत दूर कर दीजिए, जो झूठ है, असत्य है; न तो मुझे निर्धनता में डालिए और न मुझे धन दीजिए, मात्र मुझे उतना ही भोजन प्रदान कीजिए, जितना आवश्यक है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

अर्थात् व्यर्थ और झूठी बात मुझसे दूर रख; मुझे न तो निर्धन कर और न धनी बना; प्रतिदिन की रोटी मुझे खिलाया कर। (1 तीमु. 6:8)

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नीतिवचन 30:8
28 क्रॉस रेफरेंस  

याकूब ने यह मन्नत मानी, ‘परमेश्‍वर, यदि तू मेरे साथ रहेगा, और मेरे इस मार्ग पर, जिस पर मैं चल रहा हूँ, मेरी रक्षा करेगा, मुझे खाने को रोटी और पहनने को वस्‍त्र देगा


उसे भरण-पोषण निरन्‍तर मिलता रहा। जब तक वह जीवित रहा, उसे राजा की ओर से दैनिक भत्ता प्रतिदिन मिलता रहा।


मैं उसकी आज्ञा का पालान करने से कभी विचलित नहीं हुआ; मैंने उसके वचनों को अपने हृदय में सदा सुरक्षित रखा।


प्रभु, असत्‍य का मार्ग मुझ से दूर कर; मुझ पर कृपा कर अपनी व्‍यवस्‍था सिखा।


व्‍यर्थ वस्‍तुओं की ओर से मेरी आंखें हटा; मुझे अपने मार्ग के लिए जीवन दे।


जब इस्राएलियों ने उसे देखा तब वे एक दूसरे से कहने लगे, ‘यह क्‍या है?’। क्‍योंकि वे नहीं जानते थे कि वह क्‍या है। मूसा ने उनसे कहा, ‘यह रोटी है, जो प्रभु ने तुम्‍हें खाने के लिए दी है।


किन्‍तु जब उन्‍होंने ओमेर पात्र से मापा तब अधिक एकत्र करने वाले के पास अतिरिक्‍त न निकला, और न कम एकत्र करने वाले के पास आवश्‍यकता से कम। प्रत्‍येक व्यक्‍ति ने अपनी खुराक के अनुसार एकत्र किया था।


देखो, मैंने तुम्‍हें विश्राम-दिवस प्रदान किया है। इसलिए मैं तुम्‍हें छठे दिन दो दिन के लिए भोजन प्रदान करता हूं। अत: प्रत्‍येक व्यक्‍ति अपने स्‍थान पर रहे। सातवें दिन कोई भी व्यक्‍ति अपने निवास-स्‍थान से बाहर न जाये।’


जब तक इस्राएली आबाद देश में नहीं पहुँच गए, वे चालीस वर्ष ‘मन्ना’ ही खाते रहे। कनान देश की सीमा पहुँचने तक इस्राएलियों ने ‘मन्ना’ ही खाया।


धार्मिक मनुष्‍य झूठ से घृणा करता है; पर दुर्जन निर्लज्‍जता और बदनामी के काम करता है।


जो धन झूठ से प्राप्‍त होता है, वह हवा में उड़ जानेवाली भाप है, वह मृत्‍यु का फंदा है।


जो मनुष्‍य अन्‍याय के बीज बोता है, वह विपत्ति की फसल काटता है; उसके क्रोध की छड़ी टूट जाती है।


धन-सम्‍पत्ति चंचल होती है, पलक झपकते वह हाथ से निकल जाती है; मानो उसको पंख उग आते हैं, और वह गरुड़ के समान तीव्र गति से आकाश की ओर उड़ जाती है।


“हे परमेश्‍वर, मैं तुझ से दो वरदान मांगता हूं। मेरे मरने के पहले, उन्‍हें देने से इन्‍कार मत कर।


सभा-उपदेशक यह कहता है: सब व्‍यर्थ है, सब निस्‍सार है। निस्‍सन्‍देह सब व्‍यर्थ है, सब निस्‍सार है; सब कुछ व्‍यर्थ है!


धिक्‍कार है तुम्‍हें! तुम अधर्म को झूठ की डोरियों से, और पाप को गाड़ी की रस्‍सी से खींचते हो।


कोई भी व्यक्‍ति सच्‍चाई से नालिश नहीं करता, और न कोई ईमानदारी से मुकदमा लड़ता है। वे सब झूठे तर्कों पर भरोसा करते हैं, वे झूठ ही बोलते हैं, उन्‍हें अनिष्‍ट का गर्भ रहता है, और वे अधर्म को जन्‍म देते हैं!


अत: राजा सिदकियाह ने आदेश दिया, और सिपाहियों ने यिर्मयाह को राजमहल के पहरे के आंगन में रख दिया। जब तक नगर में रोटी उपलब्‍ध रही, यिर्मयाह को रोटी वालों की गली से प्रति दिन एक रोटी मिलती रही। इस प्रकार यिर्मयाह राजमहल के पहरे के आंगन में रहने लगे।


प्रतिदिन के खर्च के लिए उसको राजकीय कोष से भत्ता मिलता था। जब तक यहोयाकीन जीवित रहा, उसको राजा नियमित रूप से भत्ता देता रहा।


हमारा प्रतिदिन का भोजन आज हमें दे।


तुम सब से पहले परमेश्‍वर के राज्‍य और उसकी धार्मिकता की खोज करो तो ये सब वस्‍तुएँ भी तुम्‍हें मिल जाएँगी।


हमें प्रतिदिन हमारा दैनिक भोजन दिया कर।


फिर येशु ने उन से कहा, “अब निकाल कर भोज के प्रबन्‍धक के पास ले जाओ।” उन्‍होंने ऐसा ही किया।


“मित्रो! आप यह क्‍या कर रहे हैं? हम भी तो आप लोगों के समान सुख-दु:ख भोगने वाले मनुष्‍य हैं। हम यह शुभ-समाचार देने आये हैं कि आप इन नि: सार वस्‍तुओं को छोड़ कर उस जीवन्‍त परमेश्‍वर की ओर अभिमुख हों, जिसने आकाश, पृथ्‍वी, समुद्र और उन में जो कुछ है, वह सब बनाया है।