Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




उत्पत्ति 28:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

20 याकूब ने यह मन्नत मानी, ‘परमेश्‍वर, यदि तू मेरे साथ रहेगा, और मेरे इस मार्ग पर, जिस पर मैं चल रहा हूँ, मेरी रक्षा करेगा, मुझे खाने को रोटी और पहनने को वस्‍त्र देगा

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

20 तब याकूब ने एक वचन दिया। उसने कहा, “यदि परमेश्वर मेरे साथ रहेगा और अगर परमेश्वर, जहाँ भी मैं जाता हूँ, वहाँ मेरी रक्षा करेगा, अगर परमेश्वर मुझे खाने को भोजन और पहनने को वस्त्र देगा।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

20 और याकूब ने यह मन्नत मानी, कि यदि परमेश्वर मेरे संग रहकर इस यात्रा में मेरी रक्षा करे, और मुझे खाने के लिये रोटी, और पहिनने के लिये कपड़ा दे,

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

20 तब याक़ूब ने यह मन्नत मानी, “यदि परमेश्‍वर मेरे संग रहकर इस यात्रा में मेरी रक्षा करे, और मुझे खाने के लिये रोटी, और पहिनने के लिये कपड़ा दे,

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

20 तब याकूब ने यह मन्‍नत मानी, “यदि परमेश्‍वर मेरे साथ रहकर इस यात्रा में मेरी रक्षा करे, और मुझे खाने के लिए रोटी, और पहनने के लिए वस्‍त्र दे,

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

20 फिर याकोब ने प्रण लिया, “यदि परमेश्वर की उपस्थिति मेरे साथ साथ बनी रहेगी, और मुझे सुरक्षित रखेंगे, मुझे भोजन एवं वस्त्रों की कमी नहीं होगी

अध्याय देखें प्रतिलिपि




उत्पत्ति 28:20
29 क्रॉस रेफरेंस  

देख, मैं तेरे साथ हूँ। जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरी रक्षा करूँगा। मैं तुझे इस देश में वापस लाऊंगा। जो बातें मैंने तुझसे कही हैं, जब तक उनको पूर्ण नहीं कर लूँगा तब तक तुझे नहीं छोड़ूँगा।’


मैं उसी बेत-एल स्‍थान का परमेश्‍वर हूँ, जहाँ तूने स्‍तम्‍भ को तेल से अभिसिंचित किया था, जहाँ तूने मेरी मन्नत मानी थी। अब उठ! इस देश से बाहर निकल और अपनी जन्‍मभूमि को लौट जा।”


तत्‍पश्‍चात् हम तैयार होंगे और बेत-एल नगर को जाएंगे। मैं वहाँ उस ईश्‍वर के लिए एक वेदी निर्मित करूँगा जिसने संकट के दिन मुझे उत्तर दिया था।’


जब मैं, आपका सेवक, सीरिया देश के गशूर नगर में था तब मैंने यह मन्नत मानी थी, “यदि प्रभु मुझे यरूशलेम वापस ले जाएगा तो मैं हेब्रोन नगर में बलि चढ़ाऊंगा, और प्रभु की आराधना करूँगा।”


यअबेस ने इस्राएली राष्‍ट्र के परमेश्‍वर से यह प्रार्थना की, ‘प्रभु, काश! तू मुझे आशिष देता, और मेरी रहने की सीमा को बढ़ाता। तेरा वरद-हस्‍त मुझ पर होता, तू मुझ को विपत्ति से बचाता, और तब मेरा अनिष्‍ट न होता!’ परमेश्‍वर ने उसकी इच्‍छा को पूरा किया।


प्रभु के लोगों के सम्‍मुख मैं प्रभु के प्रति अपनी समस्‍त मन्नतें पूरी करूंगा।


प्रभु की प्रजा के समक्ष, प्रभु के घर के आंगन में, ओ यरूशलेम, तेरे मध्‍य मैं प्रभु के प्रति अपनी समस्‍त मन्नतें पूरी करूंगा। प्रभु की स्‍तुति करो!


तेरे धर्ममय न्‍याय-सिद्धान्‍तों के पालन हेतु मैंने शपथ खाकर संकल्‍प किया है।


प्रभु, उसने तेरी शपथ खाई है, उसने याकूब के सर्वशक्‍तिमान प्रभु की यह मन्नत मानी है:


महासभा में मेरे स्‍तुतिगान का स्रोत तू ही है; मैं तेरे भक्‍तों के समक्ष अपने व्रत पूर्ण करूँगा।


हे परमेश्‍वर, तेरे प्रति अपने व्रतों का दायित्‍व मुझ पर है; मैं तुझ को स्‍तुति बलि चढ़ाऊंगा।


हे परमेश्‍वर, तूने मेरे व्रत स्‍वीकार किए हैं। जो तेरे नाम के भक्‍त हैं, तूने उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण की हैं।


जैसे मैं प्रति दिन अपने व्रत पूर्ण करता हूँ, वैसे मैं निरन्‍तर तेरे नाम की स्‍तुति गाता रहूँगा।


मैं तेरे भवन में अग्‍निबलि के साथ प्रवेश करूंगा; मैं तुझ को अपनी मन्नतें चढ़ाऊंगा।


मन्नत मानो, और अपने प्रभु परमेश्‍वर के लिए उसको पूर्ण करो; प्रभु के चारों ओर रहने वाले लोग उस को भेंट चढ़ाएं। प्रभु भय योग्‍य है,


प्रभु मिस्र-निवासियों पर स्‍वयं को प्रकट करेगा, और उस दिन मिस्र-निवासी प्रभु का अनुभव करेंगे, और वे पशु-बलि और अग्‍नि-बलि के द्वारा प्रभु की आराधना करेंगे। वे प्रभु के लिए मन्नतें मानेंगे और उनको पूर्ण करेंगे।


उसकी परिपूर्णता से हम सब को अनुग्रह पर अनुग्रह मिला है।


पौलुस बहुत दिन तक कुरिन्‍थुस में रहे। इसके पश्‍चात् वह भाई-बहिनों से विदा ले कर प्रिस्‍किल्‍ला तथा अिक्‍वला के साथ, जलमार्ग द्वारा सीरिया देश चले गये। उन्‍होंने किसी व्रत के कारण किंख्रेअय बन्‍दरगाह में सिर मुंड़ा लिया।


यदि हमारे पास भोजन-वस्‍त्र है, तो हमें इस से सन्‍तुष्‍ट रहना चाहिए।


उसने प्रभु से यह स्‍पष्‍ट मन्नत मानी, ‘हे स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु, यदि तू अपनी सेविका के दु:ख पर निश्‍चय ही दृष्‍टि करेगा, मेरी सुधि लेगा, अपनी सेविका को नहीं भूलेगा, और मुझे, अपनी सेविका को एक पुत्र प्रदान करेगा तो मैं उसे जीवन भर के लिए तुझ-प्रभु की सेवा में अर्पित कर दूँगी। उसके सिर पर उस्‍तरा कभी नहीं फेरा जाएगा।’


इसलिए मैं इसे प्रभु को अर्पित करती हूँ कि जब तक यह जीवित रहेगा, तब तक प्रभु को समर्पित रहेगा।’ तब हन्नाह ने वहाँ प्रभु की वंदना की।


शाऊल ने उस दिन उतावली में एक मन्नत मानी। उसने अपने सैनिकों को एक महाशपथ दी। उसने कहा, ‘सन्‍ध्‍या के पूर्व, तथा जब तक मैं अपने शत्रुओं से बदला न ले लूँ, उसके पहले भोजन करने वाला व्यक्‍ति अभिशप्‍त होगा।’ अत: किसी भी सैनिक ने मुँह में दाना भी नहीं डाला।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों