Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -

उत्पत्ति 28 - नवीन हिंदी बाइबल

1 तब इसहाक ने याकूब को बुलाकर उसे आशीर्वाद दिया, और यह आज्ञा दी, “तू किसी कनानी लड़की से विवाह न करना।

2 उठ, और पद्दनराम में अपने नाना बतूएल के घर जा, तथा वहाँ अपने मामा लाबान की बेटियों में से किसी एक से विवाह कर ले।

3 सर्वशक्‍तिमान ईश्‍वर तुझे आशिष दे, और फलवंत करे, तथा तुझे इतना बढ़ाए कि तू राज्य-राज्य की मंडली का मूलपुरुष हो जाए।

4 वह तुझे और तेरे वंश को वैसी ही आशिष दे जैसी उसने अब्राहम को दी थी कि वह देश जिसमें तू परदेशी होकर रहता है और जो परमेश्‍वर ने अब्राहम को दिया था, तेरे अधिकार में आ जाए।”

5 अतः इसहाक ने याकूब को विदा किया, और वह पद्दनराम को अरामी बतूएल के पुत्र लाबान के पास गया, जो याकूब और एसाव की माता रिबका का भाई था।


एसाव का एक और विवाह

6 एसाव ने देखा कि इसहाक ने याकूब को आशीर्वाद देकर पद्दनराम को भेजा है कि वह वहाँ से अपने लिए पत्‍नी चुने और उसे आशीर्वाद देते समय यह आज्ञा भी दी है, “तू किसी कनानी लड़की से विवाह न करना,”

7 और यह कि याकूब अपने माता-पिता की आज्ञा मानकर पद्दनराम को चला गया है।

8 जब एसाव ने देखा कि कनानी लड़कियाँ उसके पिता इसहाक को नापसंद हैं,

9 तो वह अब्राहम के पुत्र इश्माएल के पास गया, और अन्य पत्‍नियों के होते हुए भी उसने इश्माएल की बेटी महलत से, जो नबायोत की बहन थी, विवाह कर लिया।


याकूब का स्वप्‍न-दर्शन

10 फिर याकूब बेर्शेबा से निकला और हारान की ओर चला।

11 जब वह किसी स्थान पर पहुँचा तो उसने वहीं रात बिताई, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था। इसलिए उसने उस स्थान से एक पत्थर लिया और उसे अपने सिर के नीचे रखकर वहीं सो गया।

12 तब उसने स्वप्‍न में देखा कि एक सीढ़ी पृथ्वी पर खड़ी है, और उसका सिरा स्वर्ग तक पहुँचा है; और परमेश्‍वर के दूत उस पर से चढ़ और उतर रहे हैं।

13 और देखो, यहोवा उसके ऊपर खड़ा होकर कहता है, “मैं तेरे पिता अब्राहम का परमेश्‍वर, और इसहाक का परमेश्‍वर, यहोवा हूँ। जिस भूमि पर तू लेटा है, उसे मैं तुझे और तेरे वंश को दे दूँगा।

14 तेरा वंश भूमि के धूलकणों के समान बहुत होगा, और पश्‍चिम से पूर्व तक, तथा उत्तर से दक्षिण तक चारों ओर फैलता जाएगा; और तेरे तथा तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे कुल आशिष पाएँगे।

15 सुन, मैं तेरे साथ रहूँगा, और जहाँ कहीं तू जाए वहाँ तेरी रक्षा करूँगा, और तुझे इस देश में लौटा ले आऊँगा। निश्‍चय ही मैं तुझे तब तक न छोडूँगा जब तक उस प्रतिज्ञा को पूरा न कर लूँ जो मैंने तुझसे की है।”

16 तब याकूब नींद से जाग उठा और कहने लगा, “सचमुच यहोवा इस स्थान में है, और मैं यह बात नहीं जानता था।”

17 अतः उसने डरते हुए कहा, “यह स्थान कितना अद्भुत है! यह परमेश्‍वर के भवन को छोड़ और कुछ नहीं है, बल्कि यह तो स्वर्ग का फाटक ही है।”

18 तब याकूब भोर को उठा, और उसने अपने सिर के नीचे रखे पत्थर को लेकर उसका खंभा खड़ा किया, और उसके ऊपरी सिरे पर तेल डाला।

19 उसने उस स्थान का नाम बेतेल रखा; यद्यपि उस नगर का नाम पहले लूज था।

20 तब याकूब ने यह मन्‍नत मानी, “यदि परमेश्‍वर मेरे साथ रहकर इस यात्रा में मेरी रक्षा करे, और मुझे खाने के लिए रोटी, और पहनने के लिए वस्‍त्र दे,

21 और मैं सकुशल अपने पिता के घर लौट आऊँ, तो यहोवा मेरा परमेश्‍वर ठहरेगा।

22 यह पत्थर जिसका मैंने खंभा खड़ा किया है, परमेश्‍वर का भवन ठहरेगा, और जो कुछ तू मुझे दे मैं उसका दशमांश तुझे दिया करूँगा।”

HINDI STANDARD BIBLE©

Copyright © 2023 by Global Bible Initiative

Global Bible Initiative
हमारे पर का पालन करें:



विज्ञापनों