तेरे वचन मेरी जीभ को कितने स्वादिष्ट लगते हैं! वे मेरे मुंह में मधु से अधिक मीठे हैं।
नीतिवचन 22:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि तुम इन बातों को अपने हृदय में धारण करोगे और ये तुम्हारे ओंठों से निकला करेंगी तो यह आनन्द की बात होगी। पवित्र बाइबल तू यदि उनको अपने मन में बसा ले तो बहुत अच्छा होगा; तू उन्हें हरदम निज होठों पर तैयार रख। Hindi Holy Bible यदि तू उस को अपने मन में रखे, और वे सब तेरे मुंह से निकला भी करें, तो यह मन भावनी बात होगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि तू उसको अपने मन में रखे, और वे सब तेरे मुँह से निकला भी करें, तो यह मनभावनी बात होगी। नवीन हिंदी बाइबल यदि तू उन्हें अपने मन में बसा ले, और वे तेरे मुँह से सदा निकला करें, तो यह मनभावनी बात होगी। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि यह करना तुम्हारे लिए सुखदायी होगा, यदि ये तुम्हारे मन में बसे हुए होंगे, यदि ये सभी तुम्हें मुखाग्र होंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यदि तू उसको अपने मन में रखे, और वे सब तेरे मुँह से निकला भी करें, तो यह मनभावनी बात होगी। |
तेरे वचन मेरी जीभ को कितने स्वादिष्ट लगते हैं! वे मेरे मुंह में मधु से अधिक मीठे हैं।
मैंने तेरी सािक्षयां सदा के लिए उत्तराधिकार में ग्रहण की हैं; वे मेरे हृदय का हर्ष हैं।
जैसे बड़ी लूट पाने वाला व्यक्ति हर्षित होता है, वैसे मैं भी तेरे वचनों से हर्षित होता हूं।
वे सोने से अधिक चाहने योग्य हैं; शुद्ध सोने से भी अधिक वांछनीय हैं; वे मधु से अधिक मधुर हैं; मधुकोष से टपकती मधु की बूंदों से भी अधिक मधुर हैं।
जिस मनुष्य में समझ है, उसके ओंठों पर बुद्धि निवास करती है; पर मूर्ख को छड़ी से हांकना पड़ता है।
धार्मिक मनुष्य के शब्दों से अनेक लोगों का भला होता है; पर मूर्ख मनुष्य समझ के अभाव में मर जाता है।
बुद्धिमान अपनी वाणी से ज्ञान का प्रसार करता है; पर मूर्ख का मस्तिष्क ऐसा नहीं कर पाता।
जिसके मस्तिष्क में बुद्धि का निवास है, वह समझदार कहलाता है; मधुर वचन बोलने से मनुष्य अपनी विद्या में वृद्धि करता है।
मेरी बात सुनो, क्योंकि मैं तुम से श्रेष्ठ वचन कहूंगी; मेरे मुख से केवल उचित बातें ही निकलेंगी।
जब मुझे तेरे वचन मिले तब मैंने उन्हें ऐसा ग्रहण किया था कि मानो मैं कोई स्वादिष्ट व्यंजन खा रहा हूं। तेरे वचन मेरे लिए हर्ष का कारण बन गए। वे मेरे हृदय का आनन्द थे। क्योंकि, हे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु परमेश्वर, मैं तेरा नबी कहलाता हूं।
‘पुरोहित को अपने मुंह से ज्ञान की रक्षा करनी चाहिए। उसके मुंह से लोगों को व्यवस्था प्राप्त होनी चाहिए। पुरोहित स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का सन्देशवाहक है।
जो मुझ में विश्वास करता है, वह अपनी प्यास बुझाए। जैसा कि धर्मग्रन्थ का कथन है : ‘उसके अन्तस्तल से संजीवन-जल की नदियाँ बह निकलेंगी।’ ”
हम येशु के द्वारा परमेश्वर को स्तुति-रूपी बलि-अर्थात् उसके नाम की महिमा करने वाले होंठों का फल-निरन्तर चढ़ाया करें।