यद्यपि मैं अभिषिक्त राजा हूँ, तो भी आज मैं कमजोर हूँ। ये लोग, सरूयाह के पुत्र कठोर हैं। ये मेरे वश के बाहर हैं। प्रभु ही बुराई करनेवाले को उसकी बुराई के अनुसार बदला दे!’
नीतिवचन 19:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब मूर्ख मनुष्य का शान-शौकत से रहना नहीं फबता, तब गुलाम मनुष्य का शासकों पर शासन करना कैसे फब सकता है? पवित्र बाइबल मूर्ख धनी नहीं बनना चाहिये। वह ऐसे होगा जैसे कोई दास युवराजाओं पर राज करें। Hindi Holy Bible जब सुख से रहना मूर्ख को नहीं फबता, तो हाकिमों पर दास का प्रभुता करना कैसे फबे! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब सुख से रहना मूर्ख को नहीं फबता, तो हाकिमों पर दास का प्रभुता करना कैसे फबे! नवीन हिंदी बाइबल मूर्ख को सुख-विलास से रहना शोभा नहीं देता, और दास का प्रधानों पर प्रभुता करना और भी अशोभनीय है। सरल हिन्दी बाइबल सुख से रहना मूर्ख को शोभा नहीं देता, ठीक जिस प्रकार दास का शासकों पर शासन करना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब सुख में रहना मूर्ख को नहीं फबता, तो हाकिमों पर दास का प्रभुता करना कैसे फबे! |
यद्यपि मैं अभिषिक्त राजा हूँ, तो भी आज मैं कमजोर हूँ। ये लोग, सरूयाह के पुत्र कठोर हैं। ये मेरे वश के बाहर हैं। प्रभु ही बुराई करनेवाले को उसकी बुराई के अनुसार बदला दे!’
हरकारे सम्राट की आज्ञा से शीघ्र ही आदेश-पत्र लेकर चले गए। राजाज्ञा की घोषणा शूशन नगर में भी की गई। तब सम्राट और हामान शराब पीने के लिए बैठे, पर शूशन नगर में घबराहट फैल गई।
मूर्ख मनुष्य के मुख में शुभ वचन फबता नहीं; इससे अधिक अशोभनीय है शासक के मुख से झूठी बात का निकलना।
जैसे ग्रीष्म ऋतु में बरफ का गिरना, जैसे फसल की कटनी के समय पानी का बरसना ठीक नहीं, वैसे ही मूर्ख का सम्मान करना अनुचित है।
लोग एक-दूसरे पर अत्याचार करेंगे, प्रत्येक मनुष्य अपने साथी को, अपने पड़ोसी को लूटेगा, युवाजन अपने से बड़ों के प्रति, और क्षुद्र व्यक्ति आदरणीय लोगों के प्रति धृष्टतापूर्ण व्यवहार करेंगे।
ओ इस्राएल, आनन्द मत मना, अन्य राष्ट्रों के समान आनन्दित मत हो। तूने अपने परमेश्वर को त्यागकर अन्य देवताओं के प्रति विश्वास प्रकट किया है। यों तूने वेश्यावृत्ति की। तूने सभी खलियानों में वेश्या की कमाई आनन्द से ली।
“एक धनवान मनुष्य था। वह राजसी बैंगनी वस्त्र और मलमल पहनता था, और प्रतिदिन दावत उड़ाया करता था।
उसने अधोलोक में जहाँ वह यन्त्रणाएँ भोग रहा था, अपनी आँखें ऊपर उठा कर दूर से अब्राहम और उनकी गोद में लाजर को देखा।
अपनी दुर्गति पहचान कर शोक मनाओ और आंसू बहाओ। अपनी हंसी शोक में और अपना आनन्द विषाद में बदल डालो।
अबीगइल नाबाल के पास लौटी। उसने देखा कि उसका पति घर में भव्य भोज कर रहा है, जैसे राजकीय भोज हो। उसका हृदय आनन्दमग्न है। वह नशे में चूर है। अत: अबीगइल ने उसे सबेरे तक कोई भी बात नहीं बतायी।