नीतिवचन 1:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा को सुन, और अपनी मां की सीख को मत छोड़। पवित्र बाइबल हे मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा पर ध्यान दे और अपनी माता की नसीहत को मत भूल। Hindi Holy Bible हे मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा पर कान लगा, और अपनी माता की शिक्षा को न तज; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा पर कान लगा, और अपनी माता की शिक्षा को न तज; नवीन हिंदी बाइबल हे मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा को ध्यान से सुन, और अपनी माता की सीख को न त्याग, सरल हिन्दी बाइबल मेरे पुत्र, अपने पिता के अनुशासन पर ध्यान देना और अपनी माता की शिक्षा को न भूलना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा पर कान लगा, और अपनी माता की शिक्षा को न तज; |
प्रिय शिष्य! यदि तू मेरा कहना माने, और मेरी आज्ञाओं को निधि के सदृश अपने हृदय में रखे;
मेरे पुत्र, जिसने तुझे उत्पन्न किया है, उस पिता की बात पर ध्यान देना; जब तेरी मां बूढ़ी हो जाए तब भी उसकी उपेक्षा मत करना।
जो आंख पिता को टेढ़ी नजर से देखती है, मां की आज्ञा को अनदेखा करती है, उसको घाटी के कौए खोद-खोद कर निकालेंगे, उसको गिद्ध के बच्चे खाएंगे।
मैंने अपने गुरुओं की शिक्षाओं को नहीं सुना, मैंने अपने शिक्षकों के उपदेशों पर ध्यान नहीं दिया।
अत: हमने अपने सम्प्रदाय के प्रवर्तक योनादाब बेन-रेकाब की आज्ञा का सदा पालन किया है, हमने, हमारी पत्नियों, पुत्रों और पुत्रियों ने अपने जीवन में कभी शराब नहीं पी।
प्रत्येक व्यक्ति अपने माता-पिता का आदर करेगा। तुम मेरे विश्राम दिवसों का पालन करोगे। मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ।
उस समय कुछ लोग खाट पर पड़े हुए लकुवे के एक रोगी को उनके पास लाए। उनका विश्वास देख कर येशु ने लकुवे के रोगी से कहा, “पुत्र, धैर्य रखो! तुम्हारे पाप क्षमा हो गये।”
येशु ने मुड़ कर उसे देखा और कहा, “पुत्री, धैर्य रखो। तुम्हारे विश्वास ने तुम्हें स्वस्थ कर दिया है।” और वह स्त्री उसी क्षण स्वस्थ हो गयी।
तब मुझे तुम्हारा निष्कपट विश्वास सहज ही याद आता है। यह विश्वास पहले तुम्हारी नानी लोइस तथा तुम्हारी माता युनीके में विद्यमान था और मुझे निश्चय है, अब यह तुम में भी विद्यमान है।
यदि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के प्रति अपराध करता है, तो परमेश्वर उसके लिए हस्तक्षेप करता है। परन्तु यदि व्यक्ति स्वयं प्रभु के प्रति पाप करेगा तो कौन उसकी क्षमा के लिए प्रार्थना कर सकता है?’ पुत्रों ने अपने पिता की बातों पर कान नहीं दिया; क्योंकि यह प्रभु की इच्छा थी कि वे मर जाएँ।