17 जिस आंख से कोई अपने पिता पर अनादर की दृष्टि करे, और अपमान के साथ अपनी माता की आज्ञा न माने, उस आंख को तराई के कौवे खोद खोद कर निकालेंगे, और उकाब के बच्चे खा डालेंगे॥
17 जिस आँख से कोई अपने पिता पर अनादर की दृष्टि करे, और अपमान के साथ अपनी माता की आज्ञा न माने, उस आँख को तराई के कौवे खोद खोदकर निकालेंगे, और उकाब के बच्चे खा डालेंगे।
17 जो आँख अपने पिता की हँसी उड़ाती है, और माता की आज्ञा मानने को तुच्छ जानती है, उस आँख को तराई के कौए नोच नोचकर निकालेंगे, और गिद्ध के बच्चे खा जाएँगे।
17 “वह नेत्र, जो अपने पिता का अनादर करते हैं, तथा जिसके लिए माता का आज्ञापालन घृणास्पद है, घाटी के कौवों द्वारा नोच-नोच कर निकाल लिया जाएगा, तथा गिद्धों का आहार हो जाएगा.
अय्याह की पुत्री रिस्पाह ने मृत्यु-शोक प्रकट करने के लिए टाट का वस्त्र लिया और उसको एक चट्टान पर फैला दिया। वह फसल के आरम्भ से तब तक शवों के पास बैठी रही जब तक आकाश से उन पर वर्षा नहीं हुई। उसने दिन के समय शवों पर आकाश के पक्षियों को बैठने नहीं दिया। वह रात के समय जंगल के जानवरों को उनके पास फटकने नहीं देती थी।
जो व्यक्ति अपनी माता अथवा पिता को अपशब्द कहेगा, उसे मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा। क्योंकि उसने अपनी माता अथवा पिता को अपशब्द कहे थे, अत: उसका रक्त उसी के सिर पर पड़ेगा।
प्रभु कहता है, ‘पुत्र अपने पिता का आदर करता है, सेवक अपने स्वामी से डरता है। यदि मैं तुम्हारा पिता हूं तो कहां है मेरा आदर? यदि मैं तुम्हारा स्वामी हूं तो तुम मुझसे डरते क्यों नहीं हो? मैं, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु तुमसे यों कहता हूं। ओ पुरोहितो, मेरे नाम को अपमानित करने वालो! तुम कहते हो, “हमने तेरे नाम का अपमान कैसे किया?”