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निर्गमन 26:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

‘तू दस परदों का एक निवास-स्‍थान बनाना। ये परदे पतले सूत से बुने हुए नीले, बैंजनी और लोहित रंग के वस्‍त्र के होने चाहिए। तू उन पर कुशलता से करूबों के चित्रों की कढ़ाई करना।

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पवित्र बाइबल

यहोवा ने मूसा से कहा, “पवित्त्र तम्बू दस कनातों से बनाओ। इन कनातों को अच्छे रेशम तथा नीले, लाल और बैंगनी कपड़ों से बनाओ। किसी कुशल कारीगर को चाहिए कि वह करूबों को पंख सहित कनातों पर काढ़े।

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Hindi Holy Bible

फिर निवासस्थान के लिये दस परदे बनवाना; इन को बटी हुई सनी वाले और नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के साथ बनवाना।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

“फिर निवास–स्थान के लिये दस परदे बनवाना; इनको बटी हुई सनीवाले और नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के साथ बनवाना।

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नवीन हिंदी बाइबल

“तू निवासस्थान को दस परदों से बनवाना; ये परदे बटे हुए महीन मलमल और नीले, बैंजनी तथा लाल रंग के कपड़ों के बने हों, और उन पर करूबों के चित्रों की कढ़ाई करवाना।

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सरल हिन्दी बाइबल

“फिर पवित्र स्थान के लिए कुशल कारीगरों द्वारा दस पर्दे बनाना, जो बंटी हुई मलमल और नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों से बने हों और उस पर कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के चित्र हों.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

“फिर निवास-स्थान के लिये दस पर्दे बनवाना; इनको बटी हुई सनीवाले और नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े का कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के साथ बनवाना।

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निर्गमन 26:1
29 क्रॉस रेफरेंस  

एक दिन राजा दाऊद ने नबी नातान से यह कहा, ‘देखिए, मैं तो देवदार के महल में रहता हूँ, परन्‍तु परमेश्‍वर की मंजूषा तम्‍बू के भीतर पड़ी है।’


सुलेमान ने भवन की सब दीवारों पर, पवित्र अन्‍तर्गृह और मध्‍यभाग की दीवारों पर करूबों, खजूर के वृक्षों और खिले हुए फूलों की आकृतियां खोदकर बनाईं।


दाऊद अपने महल में रहने लगा। उसने एक दिन नबी नातान से यह कहा, ‘देखिए मैं तो देवदार के महल में रहता हूं, परन्‍तु प्रभु की विधान-मंजूषा तम्‍बू में परदों के मध्‍य पड़ी है!’


प्रभु का शिविर, जो मूसा ने निर्जन प्रदेश में बनाया था, और अग्‍नि-बलि की वेदी दोनों उस समय गिब्ओन के पहाड़ी शिखर पर थे।


सोने के दो करूब बनाना। तू दया-आसन के दोनों छोर पर उन्‍हें ढाल पर बनाना:


नीले, बैंजनी और लोहित रंग के वस्‍त्र, पतले सूत से बुना हुआ कपड़ा, बकरी के बाल,


वे मेरे लिए एक पवित्र स्‍थान बनाएँगे जिससे मैं उनके मध्‍य निवास करूँगा।


प्रत्‍येक परदे की लम्‍बाई बारह मीटर साठ सेंटीमीटर और चौड़ाई एक मीटर अस्‍सी सेंटीमीटर होगी। सब परदे एक ही नाप के होंगे।


‘तू नीले, बैंजनी और लोहित रंग के वस्‍त्र से, पतले सूत से बुने हुए वस्‍त्र से एक अन्‍त:पट बनाना। उस पर कुशलता से करूबों के चित्र काढ़ना।


‘तू तम्‍बू के द्वार के लिए नीले, बैंजनी और लोहित रंग के वस्‍त्र से, पतले सूत से बुने हुए वस्‍त्र से, जिसपर बेल-बूटे काढ़े गए हों, एक परदा बनाना।


मिलन-शिविर, साक्षी-मंजूषा, उस पर लगा दया-आसन, तम्‍बू की सब वस्‍तुएँ,


उसके तम्‍बू, आच्‍छादन, अंकड़े, तख्‍ते, छड़ें, खम्‍भे, और आधार-पीठिकाएँ,


प्रभु ने उनके हृदय में बुद्धि का प्रकाश भरा है कि वे उन सब कार्यों को करें, जिन्‍हें कुशल कारीगर, अभिकल्‍पी और नीले, बैंजनी और लोहित रंग के वस्‍त्रों पर, पतले सूत से बुने हुए कपड़ों पर बेल-बूटा काढ़ने वाले करते हैं, अथवा जिनको कोई भी बुनकर, कामगार या कुशल अभिकल्‍पी करता है।


नीले, बैंजनी और लोहित रंग के वस्‍त्र; पतले सूत से बुना हुआ कपड़ा; बकरी के बाल,


उसने नीले, बैंजनी और लोहित रंग के वस्‍त्र से, पतले सूत के बुने हुए वस्‍त्र से एक अन्‍त:पट बनाया। उसने उस पर कुशलता से करूबों के चित्र काढ़े।


उन्‍होंने सोने को पीटकर पतली पत्तियाँ बनाईं और उनमें से तार काटे। तत्‍पश्‍चात् उन तारों के द्वारा पतले सूत से बुने हुए नीले, बैंजनी और लोहित रंग के वस्‍त्रों पर निपुणता से बेल-बूटे काढ़े।


‘तू पहले महीने के पहले दिन मिलन-शिविर के निवास-स्‍थान को खड़ा करना।


मिलन शिविर में गेर्शोन वंशीय पुरुषों को यह दायित्‍व सौंपा गया था : वे निवास-स्‍थान, आच्‍छादन सहित तम्‍बू, मिलन-शिविर के द्वार का परदा,


वे निवास-स्‍थान के परदे, आच्‍छादन सहित मिलन-शिविर, उसके ऊपर का सूंस के चमड़े का आच्‍छादन, मिलन-शिविर के द्वार का परदा,


शब्‍द ने देह धारण कर हमारे बीच निवास किया। हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी जैसी पिता के एकलौते पुत्र की महिमा, जो अनुग्रह और सत्‍य से परिपूर्ण है।


येशु तो अपने देह-रूपी मन्‍दिर के विषय में कह रहे थे।


उस वास्‍तविक पवित्र स्‍थान तथा शिविर के धर्मसेवक हैं जो मनुष्‍य द्वारा नहीं, बल्‍कि प्रभु द्वारा संस्‍थापित है।


एक शिविर खड़ा कर दिया गया। उसके अगले कक्ष में दीपाधार था, मेज थी और भेंट की रोटियाँ थीं। यह पवित्र-स्‍थान कहलाता था।


वह वर्तमान समय का प्रतीक है। वहाँ जो भेंट और बलि चढ़ायी जाती है, वह उपासक के आभ्‍यन्‍तर को पूर्णता तक नहीं पहुँचा सकती।


और स्‍वच्‍छ उज्‍ज्‍वल मलमल के वस्‍त्र से उसे सुसज्‍जित होने का अनुग्रह प्राप्‍त हुआ है; क्‍योंकि यह मलमल सन्‍तों के धर्माचरण से बना है।”


तब मुझे सिंहासन से एक गम्‍भीर वाणी यह कहते सुनाई पड़ी, “देखो, यह है मनुष्‍यों के बीच परमेश्‍वर का निवास! वह उनके बीच निवास करेगा। वे उसकी प्रजा होंगे और परमेश्‍वर स्‍वयं उनके बीच रह कर उनका अपना परमेश्‍वर होगा।