2 राजा ने भविष्यद्वक्ता नाथान पर अपनी यह इच्छा प्रकट की: अब विचार कीजिए, “मैं तो देवदार से बने भव्य घर में निवास कर रहा हूं, जबकि परमेश्वर का संदूक तंबू और पर्दों में.”
ऊरियाह ने दाऊद को उत्तर दिया, ‘महाराज, मंजूषा तथा इस्राएल और यहूदा प्रदेशों के सैनिक झोपड़ियों में निवास कर रहे हैं। मेरे स्वामी योआब और उनके सेवक खुले मैदान में पड़ाव डाले हुए हैं। ऐसी स्थिति में मैं अपने घर जाऊं? खाऊं-पीऊं और अपनी पत्नी के साथ सोऊं? जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! मैं यह कार्य कदापि नहीं करूँगा।’
वे प्रभु की मंजूषा को भीतर लाए। दाऊद ने उसके लिए एक तम्बू गाड़ा था। उन्होंने उसको तम्बू के भीतर उसके निर्धारित स्थान पर प्रतिष्ठित कर दिया। दाऊद ने प्रभु के सम्मुख अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि अर्पित की।
वे परमेश्वर की मंजूषा भीतर लाए। उन्होंने मंजूषा को तम्बू के मध्य में प्रतिष्ठित किया। यह तम्बू दाऊद ने मंजूषा के लिए गाड़ा था। तत्पश्चात् उन्होंने परमेश्वर के सम्मुख अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि चढ़ाई।
राजा दाउद के कार्यों का वर्णन, आदि से अन्त तक निम्नलिखित इतिहास-ग्रन्थों में लिखा हुआ है: द्रष्टा शमूएल का इतिहास-ग्रन्थ, नबी नातान का इतिहास-ग्रन्थ और द्रष्टा गाद का इतिहास-ग्रन्थ।
(किन्तु राजा दाऊद ने यरूशलेम नगर में उसके लिए एक तम्बू गाड़ा था। अत: वह परमेश्वर की मंजूषा को किर्यत-यआरीम नगर से यरूशलेम नगर में ले आया, और उसको उस स्थान में रखा जो उसने उसके लिए तैयार किया था।)
जैसा कि राजा दाऊद, राजा दाऊद के द्रष्टा गाद तथा नबी नातान ने आदेश दिया था कि प्रभु के भवन में उप-पुरोहित स्तुति-गान के लिए नियुक्त किए जाएंगे और उनके हाथों में वाद्य-यन्त्र−झांझ, सारंगी और वीणा−रहेंगे, वैसा राजा हिजकियाह ने किया; क्योंकि स्वयं परमेश्वर ने इस प्रथा का आदेश अपने नबियों के माध्यम से दिया था।
राजा सुलेमान के शेष कार्यों का विवरण, आदि से अन्त तक, इन पुस्तकों में लिखा हुआ है : ‘नबी नातान का इतिहास-ग्रन्थ’, ‘शीलोह-वासी अहियाह का नबूवत-ग्रन्थ’ और ‘द्रष्टा इद्दो का दर्शन ग्रन्थ।’ द्रष्टा इद्दो ने यारोबआम बेन-नबाट के विषय में दर्शन देखे थे।