दाऊद ने उससे कहा, ‘मत डरो। मैं तुम्हारे पिता योनातन के कारण तुम्हारे साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करना चाहता हूँ। मैं तुम्हारे दादा शाऊल की समस्त भूमि तुम्हें लौटा दूँगा। अब तुम मेरे साथ सदा भोजन करोगे।’
जकर्याह 7:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: “प्रत्येक व्यक्ति अपने जाति-भाई के साथ सच्चाई से न्याय करे, उसके प्रति करुणा और दया का व्यवहार करे। पवित्र बाइबल “सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें कहीं, ‘तुम्हें जो सत्य और उचित हो, करना चाहिये। तम्हें हर एक को एक दुसरे के प्रति दयालु और करूणापूर्ण होना चाहिये। Hindi Holy Bible खराई से न्याय चुकाना, और एक दूसरे के साथ कृपा और दया से काम करना, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) खराई से न्याय चुकाना, और एक दूसरे के साथ कृपा और दया से काम करना, सरल हिन्दी बाइबल “सर्वशक्तिमान याहवेह ने यह कहा है: ‘निष्पक्ष न्याय करो; एक दूसरे के प्रति दया और सहानुभूति दिखाओ. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 खराई से न्याय चुकाना, और एक दूसरे के साथ कृपा और दया से काम करना, |
दाऊद ने उससे कहा, ‘मत डरो। मैं तुम्हारे पिता योनातन के कारण तुम्हारे साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करना चाहता हूँ। मैं तुम्हारे दादा शाऊल की समस्त भूमि तुम्हें लौटा दूँगा। अब तुम मेरे साथ सदा भोजन करोगे।’
और उसको अपनी भेड़ों के ऊन के वस्त्र नहीं दिए और उसने ठण्ड से मुक्त हो मुझे आशीर्वाद न दिया हो,
‘जो व्यक्ति अपने दु:खी मित्र पर करुणा नहीं करता, वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर की भक्ति छोड़ देता है।
प्रभु यह कहता है: न्याय और धर्म का आचरण करो; जो मनुष्य लूट लिया गया है, उसको अत्याचारी के हाथ से बचाओ। विदेशी, अनाथ और विधवा के साथ बुरा व्यवहार मत करो; उन पर अत्याचार मत करो; और न राजमहल के इस स्थान में किसी निर्दोष की हत्या करो।
किन्तु मैंने उनको यह आज्ञा दी थी: “मेरी वाणी को सुनोगे तो मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊंगा, और तुम मेरे निज लोग होगे। जिस मार्ग पर चलने का मैंने तुम्हें आदेश दिया है, उस पर चलते रहोगे तो तुम्हारा कल्याण होगा।”
‘यदि तुम सचमुच अपना आचरण सुधारोगे, अपना व्यवहार ठीक करोगे, एक-दूसरे के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करोगे;
वह अपना धन ब्याज पर नहीं देता और न ही सूद खाता है। वह किसी कुकर्म में हाथ नहीं डालता। वह वादी और प्रतिवादी के बीच सच्चाई से न्याय करता है।
‘स्वामी-प्रभु यों कहता है : ओ इस्राएल के शासको, बहुत हुआ! अब शोषण और अत्याचार करना बन्द करो, और धर्म तथा न्याय से शासन करो। मेरे निज लोगों की भूमि लूटना बन्द करो।’ स्वामी-प्रभु की यह वाणी है।
‘तुम न्याय करते समय अन्याय मत करना। तुम न तो दरिद्र व्यक्ति का पक्ष लेना और न बड़े मनुष्य के सम्मुख झुकना, वरन् धार्मिकता से अपने देश-भाई अथवा बहिन का न्याय करना।
ओ मानव, प्रभु ने तुझे बताया है कि उचित क्या है, और वह तुझसे क्या चाहता है। यही न कि तू न्याय-सिद्धान्त का पालन करे करुणा से प्रेम करे, और नम्रतापूर्वक अपने परमेश्वर के मार्ग पर चले?
जब यरूशलेम नगर, उसके आस-पास के नगर, उसका नेगेब और शफेलाह क्षेत्र आबाद और समृद्ध थे, तब क्या प्रभु ने प्राचीन काल के नबियों के द्वारा यह नहीं कहा था?’
“ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो! धिक्कार है तुम्हें! तुम पुदीने, सौंफ और जीरे का दशमांश तो देते हो, किन्तु धर्म-व्यवस्था की मुख्य बातों − न्याय, करुणा और विश्वास की उपेक्षा करते हो। तुम्हारे लिए उचित तो यह था कि तुम इन्हें करते रहते और उन को भी नहीं छोड़ते!
“फरीसियो! धिक्कार है तुम लोगों को! क्योंकि तुम पुदीने, सदाब और हर प्रकार के साग का दशमांश तो देते हो; लेकिन न्याय और परमेश्वर के प्रति प्रेम की उपेक्षा करते हो। तुम्हारे लिए उचित तो यह था कि तुम इन्हें भी करते रहते और उनकी भी उपेक्षा नहीं करते।
“क्या हमारी व्यवस्था किसी मनुष्य को, जब तक पहले उसकी बात न सुन ले और यह न पता लगा ले कि उसने क्या किया है, उसे दोषी ठहराती है?”
‘यदि तू अपने भाई-बन्धु के बैल अथवा भेड़ को भटकता हुआ देखे तो अनदेखा मत करना। तू सहायता करने से मुंह मत मोड़ना, वरन् उसको अपने भाई-बन्धु के पास लौटाकर अवश्य ले जाना।