किन्तु जो कुटिल मार्गों की ओर मुड़ते हैं, उन्हें प्रभु कुकर्मियों के साथ निकाल देगा। इस्राएल को शान्ति मिले!
कुलुस्सियों 1:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु आप को विश्वास के आधार पर दृढ़ और अटल बना रहना चाहिए और उस आशा से विचलित नहीं होनी चाहिए, जो आप को शुभसमाचार द्वारा दिलायी गयी है। वह शुभसमाचार आकाश के नीचे की समस्त सृष्टि को सुनाया गया है और मैं, पौलुस, उसका सेवक बना हूँ। पवित्र बाइबल यह तभी हो सकता है जब तुम अपने विश्वास में स्थिरता के साथ अटल बने रहो और सुसमाचार के द्वारा दी गयी उस आशा का परित्याग न करो, जिसे तुमने सुना है। इस आकाश के नीचे हर किसी प्राणी को उसका उपदेश दिया गया है, और मैं पौलुस उसी का सेवक बना हूँ। Hindi Holy Bible यदि तुम विश्वास की नेव पर दृढ़ बने रहो, और उस सुसमाचार की आशा को जिसे तुम ने सुना है न छोड़ो, जिस का प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्टि में किया गया; और जिस का मैं पौलुस सेवक बना॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि तुम विश्वास की नींव पर दृढ़ बने रहो और उस सुसमाचार की आशा को जिसे तुम ने सुना है न छोड़ो, जिसका प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्टि में किया गया, और जिसका मैं, पौलुस, सेवक बना। नवीन हिंदी बाइबल यह तभी होगा यदि तुम विश्वास में दृढ़ होकर स्थिर बने रहो और उस सुसमाचार की आशा को न छोड़ो जिसे तुमने सुना, जिसका प्रचार आकाश के नीचे सारी सृष्टि में किया गया, और जिसका मैं पौलुस सेवक बना। सरल हिन्दी बाइबल कि वास्तव में तुम विश्वास में बने रहो तथा दृढतापूर्वक स्थिर रहते हुए उन्नत होते जाओ, और ईश्वरीय सुसमाचार में बसी आशा न छोड़ो, जिसे तुमने सुना था, जिसकी घोषणा स्वर्ग के नीचे सारी सृष्टि में की गई और मैं, पौलॉस, जिसका सेवक चुना गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यदि तुम विश्वास की नींव पर दृढ़ बने रहो, और उस सुसमाचार की आशा को जिसे तुम ने सुना है न छोड़ो, जिसका प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्टि में किया गया; और जिसका मैं पौलुस सेवक बना। |
किन्तु जो कुटिल मार्गों की ओर मुड़ते हैं, उन्हें प्रभु कुकर्मियों के साथ निकाल देगा। इस्राएल को शान्ति मिले!
यदि कोई धार्मिक व्यक्ति अपने धर्म के आचरण से विमुख हो जाता है और अधर्म के काम करता है, तो वह अपने इस पाप के कारण निस्सन्देह मरेगा। जो पाप वह करता है, उसका फल मृत्यु है।
इन्होंने मेरा अनुसरण करना छोड़ दिया है। ये मुझ-प्रभु की खोज नहीं करते; ये मुझसे विमुख हो गए हैं; ये मेरी इच्छा जानने के लिए मेरे पास नहीं आते।’
तब येशु ने उन से कहा, “संसार के कोने-कोने में जाओ और प्रत्येक प्राणी को शुभ समाचार सुनाओ।
परन्तु सिमोन, मैंने तुम्हारे लिए प्रार्थना की है, जिससे तुम्हारा विश्वास नष्ट न हो। समय आने पर जब तुम फिरो, तब अपने भाइयों को भी संभालना।”
वह उस मनुष्य के सदृश है, जिसने घर बनाते समय भूमि को गहरा खोदा और उसकी नींव चट्टान पर डाली है। बाढ़ आई और नदी का जल उस मकान से टकराया, किन्तु वह उसे ढा नहीं सका; क्योंकि वह घर बहुत मजबूत बना था।
यदि कोई मुझ में नहीं रहता, तो वह डाली की तरह फेंक दिया जाता है और सूख जाता है। लोग ऐसी सूखी डालियाँ बटोर लेते हैं और आग में झोंककर जला देते हैं।
ताकि वह उस धर्मसेवा तथा प्रेरित-पद का स्थान ग्रहण करे, जिस से पतित हो कर यूदस अपने स्थान को चला गया।”
किन्तु पवित्र आत्मा तुम पर उतरेगा और तुम्हें सामर्थ्य प्रदान करेगा और तुम यरूशलेम में, समस्त यहूदा और सामरी प्रदेशों में तथा पृथ्वी के अन्तिम छोर तक मेरे साक्षी होगे।”
जब बरनबास ने वहाँ पहुच कर परमेश्वर का अनुग्रह देखा, तो वह आनन्दित हो उठे। उन्होंने सब को प्रोत्साहित किया कि वे सम्पूर्ण हृदय से प्रभु के प्रति निष्ठावान बने रहें;
वे शिष्यों का मन सुदृढ़ करते और उन्हें विश्वास में स्थिर रहने के लिए प्रोत्साहित करते थे, और कहते थे कि हमें बहुत-से कष्ट सह कर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना है।
किन्तु मेरी दृष्टि में मेरे जीवन का कोई मूल्य नहीं। मैं तो केवल अपनी दौड़ समाप्त करना और वह सेवाकार्य पूरा करना चाहता हूँ, जिसे प्रभु येशु ने मुझे सौंपा है − अर्थात् मैं परमेश्वर के अनुग्रह के शुभ समाचार की साक्षी देता रहूँ।
उठ और अपने पैरों पर खड़ा हो। मैंने तुझे इसलिए दर्शन दिया है कि तुझे अपना सेवक और साक्षी नियुक्त करूँ। तू मेरे विषय में जो देख चुका है और बाद में जो देखेगा, उसके सम्बन्ध में साक्षी देगा।
किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा मुक्ति नहीं है; क्योंकि समस्त संसार में मनुष्यों को कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया है, जिसके द्वारा हमें मुक्ति मिल सकती है।”
अब मैं यह पूछता हूँ: “क्या उन्होंने सुना नहीं?” उन्होंने अवश्य सुना है, क्योंकि “उनकी वाणी समस्त संसार में फैल गयी है और उनके शब्द पृथ्वी के सीमान्तों तक।”
कि मैं, गैर-यहूदियों को लिए येशु मसीह का जन्म-सेवक बनकर, परमेश्वर के शुभ समाचार की सेवा पुरोहित के रूप में करूँ, जिससे गैर-यहूदी, पवित्र आत्मा द्वारा पवित्र किये जाने के बाद, परमेश्वर को अर्पित और सुग्राह्य हो जायें।
जो लोग धैर्यपूर्वक भलाई करते हुए महिमा, सम्मान और अमरत्व की खोज में लगे रहते हैं, परमेश्वर उन्हें शाश्वत जीवन प्रदान करेगा;
आशा व्यर्थ नहीं होती, क्योंकि परमेश्वर ने हमें पवित्र आत्मा प्रदान किया है और उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम ही हमारे हृदय में उंडेला गया है।
मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप विश्वास में दृढ़ तथा अटल बने रहें। आप प्रभु के कार्य में निरंतर बढ़ते जाएं, और आप यह निश्चित जानिए कि प्रभु के लिए किया गया आप का परिश्रम व्यर्थ नहीं है।
अपुल्लोस क्या है? पौलुस क्या है? हम तो धर्मसेवक मात्र हैं, जिन के माध्यम से आप लोग विश्वासी बने, हममें प्रत्येक ने वही कार्य किया, जिसे प्रभु ने उस को सौंपा।
मैं-पौलुस-मसीह की नम्रता और दयालुता के नाम पर आप लोगों से यह निवेदन कर रहा हूँ। कुछ लोग कहते हैं कि मैं आप लोगों के सामने दीन-हीन हूँ, किन्तु दूर रहने पर निर्भीक।
वे मसीह के सेवक हैं? मैं नादानी की झोंक में कहता हूँ कि मैं इस में उन से बढ़ कर हूँ। मैंने उन से अधिक परिश्रम किया, अधिक समय बन्दीगृह में बिताया और अधिक बार कोड़े खाए। मैं बारम्बार मौत के मुँह में पड़ा।
उसने हमें एक नये विधान के सेवक होने के योग्य बनाया है और यह विधान अक्षरों में लिखी हुई व्यवस्था का नहीं, बल्कि आत्मा का है; क्योंकि अक्षर तो मृत्यु-जनक है, किन्तु आत्मा जीवनदायक है।
परमेश्वर के सहकर्मी होने के नाते हम आप लोगों से यह अनुरोध करते हैं कि परमेश्वर की जो कृपा आप को मिली है, उसे व्यर्थ न होने दें;
हम तो उस धार्मिकता की तीव्र अभिलाषा करते हैं, जो विश्वास पर आधारित है और आत्मा द्वारा प्राप्त होती है।
हम भलाई करते-करते हिम्मत न हार बैठें; क्योंकि यदि हम दृढ़ बने रहेंगे तो समय आने पर अवश्य फसल काटेंगे।
वह आप लोगों के मन की आंखों को ज्योति प्रदान करे, जिससे आप यह देख सकें कि उसके द्वारा बुलाये जाने के कारण आप लोगों की आशा कितनी महान है और सन्तों के साथ आप लोगों को जो विरासत मिली है, वह कितनी वैभवपूर्ण तथा महिमामय है,
उन्हीं के द्वारा समस्त भवन संघटित हो कर प्रभु के लिए पवित्र मन्दिर का रूप धारण कर रहा है।
जिससे विश्वास द्वारा मसीह आपके हृदय में निवास करें, प्रेम में आपकी जड़ें गहरी हों और नींव सुदृढ़ हो।
और उनसे समस्त देह को बल मिलता है। तब देह अपनी सब सन्धियों द्वारा सुसंघटित हो कर प्रत्येक अंग की समुचित सक्रियता से अपनी परिपूर्णता तक पहुंचती और प्रेम द्वारा अपना निर्माण करती है।
मैं आज आकाश के नीचे रहने वाले सब लोगों में तुम्हारा आतंक और भय उत्पन्न करूंगा। वे तुम्हारे आगमन की सूचना सुनकर कांपने लगेंगे; वे तुम्हारे कारण आतंकित होंगे।”
सावधान! ऐसा न हो कि जब तुम आकाश की ओर अपनी आंखें उठाओ और सूर्य, चन्द्रमा और तारों को, आकाश की समस्त सेना को देखो, तब उनकी ओर खिंच जाओ, और उनकी वन्दना करो, उनकी सेवा करो। तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने आकाश के नीचे की समस्त जातियों में उनको बांट दिया है।
मैं परमेश्वर के प्रबन्ध के अनुसार कलीसिया का सेवक नियुक्त हुआ, ताकि मैं आप लोगों के हित के लिए
उन्हीं में आपकी जड़ें गहरी हों और उन्हीं में अपना आध्यात्मिक निर्माण करें। आप को जिस विश्वास की शिक्षा प्राप्त हुई है, उसी में दृढ़ बने रहें और आपके हृदय में धन्यवाद की प्रार्थना उमड़ती रहे।
जिससे कोई भी विश्वासी भाई और बहिन इन विपत्तियों के कारण विचलित न हों। आप लोग जानते हैं कि हमारे लिए ऐसे कष्टों का आना अनिवार्य है।
इसलिए जब मुझ से नहीं रहा गया, तो आप लोगों के विश्वास का समाचार जानने के लिए मैंने तिमोथी को भेजा, क्योंकि हम डरते थे कि कहीं लुभाने वाले शैतान ने आप को लुभाया हो और हमारा परिश्रम व्यर्थ हो गया हो।
हम, जो दिन के हैं, विश्वास एवं प्रेम का कवच और मुक्ति की आशा का टोप पहन कर सतर्क बने रहें।
स्वयं हमारे प्रभु येशु मसीह तथा हमारा पिता परमेश्वर, जिसने हमसे इतना प्रेम किया और हमें चिरस्थायी सान्त्वना तथा उज्ज्वल आशा का वरदान दिया है,
हमारे प्रभु येशु मसीह को मैं धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने मुझे बल दिया और मुझे विश्वास के योग्य समझ कर अपनी सेवा में नियुक्त किया है।
मैं सच कहता हूँ, झूठ नहीं बोलता। मैं इसी का प्रचारक तथा प्रेरित, गैर-यहूदियों के लिए विश्वास तथा सत्य का शिक्षक नियुक्त हुआ हूँ।
धर्म का यह रहस्य निस्सन्देह महान् है : मसीह मनुष्य के रूप में प्रकट हुए, पवित्र आत्मा के द्वारा सत्य प्रमाणित हुए, और स्वर्गदूतों को दिखाई दिये। अन्यजातियों में उनका प्रचार हुआ, संसार भर में उन पर विश्वास किया गया और वह महिमा में ऊपर उठा लिये गये।
जिससे हम उसकी कृपा द्वारा धार्मिक ठहराये जायें और शाश्वत जीवन के उत्तराधिकारी बनने की आशा कर सकें।
मेरा धार्मिकजन विश्वास के द्वारा जीवन प्राप्त करेगा; किन्तु यदि कोई पीछे हटे, तो मैं उस पर प्रसन्न नहीं होऊंगा।”
हम तो मसीह के भागीदार बन गये हैं, बशर्ते हम अपना आधारभूत विश्वास अन्त तक अक्षुण्ण बनाये रखें।
जब कि मसीह, परमेश्वर के घराने का अध्यक्ष बन कर, पुत्र के रूप में विश्वस्त रहे। परमेश्वर का घराना हम हैं, बशर्ते हम पूर्ण भरोसा करें और वह आशा अक्षुण्ण बनाये रखें, जिस पर हम गर्व करते हैं।
हमारे अपने एक महान् महापुरोहित हैं, अर्थात् परमेश्वर-पुत्र येशु जो ऊध्र्वलोक को पार कर चुके हैं। इसलिए हम अपने विश्वास-वचन में सुदृढ़ रहें।
वह आशा हमारी आत्मा के लिए एक सुस्थिर एवं सुदृढ़ लंगर के सदृश है, जो परदे के उस पार स्वर्गिक मन्दिरगर्भ में पहुँचता है,
धन्य है परमेश्वर, हमारे प्रभु येशु मसीह का पिता! मृतकों में से येशु मसीह के पुनरुत्थान द्वारा उसने अपनी महती दया से हमें जीवन्त आशा से परिपूर्ण नवजीवन प्रदान किया।
आपके विश्वास के कारण परमेश्वर का सामर्थ्य आप को उस मुक्ति के लिए सुरक्षित रखता है, जो अभी से प्रस्तुत है और समय के अन्त में प्रकट होने वाली है।
जो अभिषेक तुम लोगों ने मसीह से प्राप्त किया है, वह तुम में विद्यमान रहता है; इसलिए तुम को आवश्यकता नहीं कि कोई व्यक्ति तुम्हें सिखाए। मसीह से प्राप्त हुआ अभिषेक ही तुम्हें सब कुछ सिखलाता है। उसकी शिक्षा सत्य है, असत्य नहीं। उस शिक्षा के अनुसार तुम मसीह में बने रहो।
तुम्हें जो कष्ट भोगना होगा, उस से मत डरो। शैतान तुम्हारी परीक्षा लेने के उद्देश्य से तुम लोगों में से कुछ को क़ैद में डाल देगा और तुम लोग दस दिनों तक संकट में पड़े रहोगे। तुम मृत्यु तक विश्वस्त बने रहो और मैं तुम्हें जीवन का मुकुट प्रदान करूँगा।