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2 कुरिन्थियों 3:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

6 उसने हमें एक नये विधान के सेवक होने के योग्‍य बनाया है और यह विधान अक्षरों में लिखी हुई व्‍यवस्‍था का नहीं, बल्‍कि आत्‍मा का है; क्‍योंकि अक्षर तो मृत्‍यु-जनक है, किन्‍तु आत्‍मा जीवनदायक है।

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पवित्र बाइबल

6 उसी ने हमें एक नये करार का सेवक बनने योग्य ठहराया है। यह कोई लिखित संहिता नहीं है बल्कि आत्मा की वाचा है क्योंकि लिखित संहिता तो मारती है जबकि आत्मा जीवन देती है।

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Hindi Holy Bible

6 जिस ने हमें नई वाचा के सेवक होने के योग्य भी किया, शब्द के सेवक नहीं वरन आत्मा के; क्योंकि शब्द मारता है, पर आत्मा जिलाता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

6 जिसने हमें नई वाचा के सेवक होने के योग्य भी किया, शब्द के सेवक नहीं वरन् आत्मा के; क्योंकि शब्द मारता है, पर आत्मा जिलाता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

6 उसने हमें उस नई वाचा का सेवक होने के योग्य भी बनाया, जो अक्षर की नहीं परंतु आत्मा की है, क्योंकि अक्षर तो मारता है, परंतु आत्मा जीवन देता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

6 जिन्होंने हमें नई वाचा का काम करने योग्य सेवक बनाया. यह वाचा लिखी हुई व्यवस्था की नहीं परंतु आत्मा की है. लिखी हुई व्यवस्था मृत्यु को जन्म देती है मगर आत्मा जीवन देती है.

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2 कुरिन्थियों 3:6
45 क्रॉस रेफरेंस  

प्रभु यों कहता है : ‘देखो, समय आ रहा है, जब मैं इस्राएल और यहूदा प्रदेशों की जनता के साथ नया विधान स्‍थापित करूंगा।


येशु ने उन से कहा, “इस कारण प्रत्‍येक शास्‍त्री, जो स्‍वर्ग के राज्‍य के विषय में शिक्षा पा चुका है, उस गृहस्‍थ के सदृश है, जो अपने भंडार से नयी और पुरानी वस्‍तुएँ निकालता है।”


क्‍योंकि यह विधान का मेरा रक्‍त है, जो बहुतों की पापक्षमा के लिए बहाया जा रहा है।


येशु ने उन से कहा, “यह विधान [वाचा] का मेरा रक्‍त है जो बहुतों के लिए बहाया जा रहा है।


इसी तरह उन्‍होंने भोजन के बाद यह कहते हुए कटोरा दिया, “यह कटोरा मेरे रक्‍त द्वारा स्‍थापित नया विधान है। यह तुम्‍हारे लिए बहाया जा रहा है।


जिस तरह पिता मृतकों को उठाता और उन्‍हें जीवन देता है, उसी तरह पुत्र भी जिसे चाहता, उसे जीवन प्रदान करता है;


आत्‍मा ही जीवन प्रदान करता है, शरीर से कुछ लाभ नहीं होता। मैंने तुम से जो वचन कहे हैं, वे आत्‍मा और जीवन हैं।


उन्‍हीं येशु से हमें प्रेरित बनने का वरदान मिला है कि उनके नाम के निमित्त सब जातियों के लोग विश्‍वास की अधीनता स्‍वीकार करें।


क्‍योंकि व्‍यवस्‍था के कर्मकाण्‍ड द्वारा कोई भी मनुष्‍य परमेश्‍वर के सामने धार्मिक नहीं ठहराया जायेगा: व्‍यवस्‍था केवल पाप का ज्ञान कराती है।


क्‍योंकि व्‍यवस्‍था का परिणाम परमेश्‍वर का प्रकोप है, जब कि व्‍यवस्‍था के अभाव में किसी आज्ञा का उल्‍लंघन नहीं होता।


जैसा कि धर्मग्रन्‍थ में लिखा है : “मैंने तुम को बहुत-सी जातियों का पिता नियुक्‍त किया है।” परमेश्‍वर की दृष्‍टि में अब्राहम हमारे पिता हैं। उन्‍होंने उस परमेश्‍वर में विश्‍वास किया, जो मृतकों को पुनर्जीवित करता है और उन वस्‍तुओं को भी अस्‍तित्‍व में लाता है जिनका अस्‍तित्‍व नहीं है।


किन्‍तु अब हम उन बातों के लिए मर गये हैं, जो हमें बन्‍धन में जकड़ती थीं, इसलिए हम व्‍यवस्‍था से मुक्‍त हो गये हैं। इस प्रकार हम पुरानी लिखित व्‍यवस्‍था के अनुसार नहीं, बल्‍कि आत्‍मा की नवीन पद्धति के अनुसार परमेश्‍वर की सेवा करते हैं।


क्‍योंकि, ओ मनुष्‍य! पवित्र आत्‍मा के विधान ने, जो येशु मसीह द्वारा जीवन प्रदान करता है, तुझ को पाप तथा मृत्‍यु के नियम से मुक्‍त कर दिया है।


इसी तरह, भोजन के बाद उन्‍होंने कटोरा लेकर कहा, “यह कटोरा मेरे ही रक्‍त द्वारा स्‍थापित नया विधान है। जब-जब तुम उसमें से पियो, तो यह मेरी स्‍मृति में किया करो।”


परमेश्‍वर ने कलीसिया में भिन्न-भिन्न व्यक्‍तियों को नियुक्‍त किया है : पहले प्रेरितों को, दूसरे नबियों को, तीसरे शिक्षकों और तब आश्‍चर्य कर्म करने वालों को; तब उन व्यक्‍तियों को, जिनको स्‍वस्‍थ करने का वरदान मिला है; परोपकारकों, प्रशासकों और विभिन्न अध्‍यात्‍म भाषाओं में बोलने वालों को।


धर्मग्रन्‍थ में लिखा है कि “प्रथम मनुष्‍य आदम एक जीवन्‍त प्राणी बन गया।” अन्‍तिम आदम तो एक जीवनदायक आत्‍मा बन गया।


परमेश्‍वर से प्राप्‍त अनुग्रह के अनुसार मैंने गृह निर्माण के कुशल कारीगर की तरह नींव डाली है। कोई दूसरा ही इसके ऊपर भवन का निर्माण कर रहा है। हर एक को सावधान रहना है कि वह किस तरह निर्माण करता है।


अपुल्‍लोस क्‍या है? पौलुस क्‍या है? हम तो धर्मसेवक मात्र हैं, जिन के माध्‍यम से आप लोग विश्‍वासी बने, हममें प्रत्‍येक ने वही कार्य किया, जिसे प्रभु ने उस को सौंपा।


वे मसीह के सेवक हैं? मैं नादानी की झोंक में कहता हूँ कि मैं इस में उन से बढ़ कर हूँ। मैंने उन से अधिक परिश्रम किया, अधिक समय बन्‍दीगृह में बिताया और अधिक बार कोड़े खाए। मैं बारम्‍बार मौत के मुँह में पड़ा।


इस्राएलियों की बुद्धि कुण्‍ठित हो गयी थी और आज भी, जब प्राचीन विधान पढ़ कर सुनाया जाता है, तो वही परदा पड़ा रहता है। वह पड़ा रहता है, क्‍योंकि मसीह ही उसे हटा सकते हैं।


आप लोग निश्‍चय ही मसीह का वह पत्र हैं, जिसे उन्‍होंने हमारी सेवा द्वारा लिखवाया है। वह पत्र स्‍याही से नहीं, बल्‍कि जीवन्‍त परमेश्‍वर के आत्‍मा से, पत्‍थर की पट्टियों पर नहीं, बल्‍कि मानव हृदय की पट्टियों पर लिखा हुआ है।


यदि मृत्‍यु-जनक व्‍यवस्‍था का सेवाकार्य, जो पत्‍थरों पर अक्षर अंकित करने में संपन्न हुआ, इतना तेजस्‍वी था कि इस्राएली लोग मूसा के मुख के तेज के कारण-जो क्रमश: क्षीण हो रहा था-उनके मुख पर दृष्‍टि स्‍थिर नहीं कर सके,


यदि दोषी ठहराने की प्रक्रिया में सेवाकार्य इतना तेजस्‍वी था, तो दोषमुक्‍त करने की प्रक्रिया में सेवाकार्य कहीं अधिक तेजोमय होगा।


तो क्‍या व्‍यवस्‍था और परमेश्‍वर की प्रतिज्ञाओं में विरोध है? कभी नहीं! यदि ऐसी व्‍यवस्‍था की घोषणा हुई होती, जो जीवन प्रदान करने में समर्थ थी, तो व्‍यवस्‍था के पालन द्वारा ही मनुष्‍य धार्मिक ठहरता।


आप लोग अपने अपराधों और पापों के कारण मर गये थे;


परमेश्‍वर ने अपने सामर्थ्य के प्रभाव से मुझे यह कृपा प्रदान की कि मैं उस शुभसमाचार का सेवक बनूँ।


“जो व्यक्‍ति इस व्‍यवस्‍था के वचनों के अनुसार आचरण नहीं करता और इस प्रकार उसको पूरा नहीं करता, वह शापित है।” सब लोग प्रत्‍युत्तर में कहेंगे, “ऐसा ही हो!” ’


तुम ये सब बातें भाइयों एवं बहिनों को समझाओ। इस प्रकार तुम येशु मसीह के उत्तम सेवक बने रहोगे, और विश्‍वास के सिद्धान्‍तों से एवं उस प्रामाणिक शिक्षा से बल ग्रहण करते रहोगे, जिसका तुम ईमानदारी से पालन करते आ रहे हो।


मैं उस शुभ समाचार का प्रचारक, प्रेरित तथा शिक्षक नियुक्‍त किया गया हूँ।


और नवीन विधान के मध्‍यस्‍थ येशु विराजमान हैं- जिनका छिड़काया हुआ रक्‍त हाबिल के रक्‍त से कहीं अधिक कल्‍याणकारी वाणी बोल रहा है।


शान्‍ति का परमेश्‍वर, जिसने शाश्‍वत विधान के रक्‍त द्वारा भेड़ों के महान् चरवाहे, हमारे प्रभु येशु को मृतकों में से पुनर्जीवित किया,


इस प्रकार, हम देखते हैं कि येशु जिस विधान का उत्तरदायित्‍व लेते हैं, वह कहीं अधिक श्रेष्‍ठ है।


परमेश्‍वर इस विधान को “नया” कह कर पुकारता है, इसलिए उसने प्रथम विधान रद्द कर दिया है। जो पुराना और जराग्रस्‍त हो गया है, वह लुप्‍त होने को है।


मसीह ने भी एक बार ही पापों के प्रायश्‍चित के लिए दु:ख भोगा; धर्मी अधर्मियों के लिए मर गये, जिससे वह आप लोगों को परमेश्‍वर के पास ले जायें। वह शरीर की दृष्‍टि से तो मारे गये, किन्‍तु आत्‍मा द्वारा जिलाये गये।


हमारा विषय वह शब्‍द है, जो आदि से विद्यमान था। हम ने उसे सुना है। हमने उसे अपनी आँखों से देखा है। हमने उसका अवलोकन किया और अपने हाथों से उसका स्‍पर्श किया है। वह शब्‍द जीवन है


हमारे पर का पालन करें:

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