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यहेजकेल 18:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

26 यदि कोई धार्मिक व्यक्‍ति अपने धर्म के आचरण से विमुख हो जाता है और अधर्म के काम करता है, तो वह अपने इस पाप के कारण निस्‍सन्‍देह मरेगा। जो पाप वह करता है, उसका फल मृत्‍यु है।

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पवित्र बाइबल

26 यदि एक भला व्यक्ति बदलता है और पापी बनता है तो उसे अपने किये गये बुरे कामों के कारण मरना ही चाहिए।

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Hindi Holy Bible

26 जब धमीं अपने धर्म से फिर कर, टेढ़े काम करने लगे, तो वह उनके कारण मरेगा, अर्थात वह अपने टेढ़े काम ही के कारण मर जाएगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

26 जब धर्मी अपने धर्म से फिरकर, टेढ़े काम करने लगे, तो वह उनके कारण मरेगा, अर्थात् वह अपने टेढ़े काम ही के कारण मर जाएगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

26 यदि कोई धर्मी व्यक्ति अपने धर्मीपन को छोड़कर दुष्ट काम करता है, तब वह अपने दुष्ट काम के कारण मरेगा; अपने किए गये पापों के कारण वह मरेगा.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

26 जब धर्मी अपने धार्मिकता से फिरकर, टेढ़े काम करने लगे, तो वह उनके कारण मरेगा, अर्थात् वह अपने टेढ़े काम ही के कारण मर जाएगा।

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यहेजकेल 18:26
11 क्रॉस रेफरेंस  

दुर्जन धर्म का मार्ग छोड़कर अन्‍धकार के मार्ग पर चलते हैं।


किन्‍तु उसका पिता, जिसने गरीबों पर अत्‍याचार किया, अपने जाति-भाई-बहिनों को लूटा, और जनता में भलाई का काम नहीं किया, निस्‍सन्‍देह अपने कुकर्मों का फल भोगेगा: वह निश्‍चय ही मरेगा।


किन्‍तु दूसरी ओर, जब धार्मिक व्यक्‍ति अपने सदाचरण को छोड़कर अधर्म के काम करने लगता है, वह दुर्जन के समान दुराचरण करने लगता है, तो क्‍या ऐसा व्यक्‍ति जीवित रहेगा? न्‍याय के दिन उसका एक भी पुण्‍य कर्म स्‍मरण नहीं किया जाएगा। उसने मेरे प्रति विश्‍वासघात किया है, इसलिए वह दोषी है। उसने पाप किया है; अत: वह निस्‍सन्‍देह मरेगा।


‘फिर भी तुम कहते हो, “प्रभु का व्‍यवहार न्‍यायपूर्ण नहीं है।” ओ इस्राएल के कुल, सुन और देख : क्‍या मेरा व्‍यवहार न्‍याय का व्‍यवहार नहीं है? इसके विपरीत, तुम अपने आचरण को धर्म का आचरण कहते हो, जब कि तुम्‍हारा आचरण न्‍याय के अनुरूप नहीं है।


‘इसके विपरीत, यदि कोई दुर्जन अपने दुराचरण को छोड़ देता है, जो अधर्म के काम वह करता है, उनसे विमुख हो जाता है और न्‍याय तथा धर्म के अनुरूप आचरण करने लगता है, तो वह निस्‍सन्‍देह अपने प्राण बचा लेता है।


‘इसी प्रकार यदि धार्मिक मनुष्‍य अपने सन्‍मार्ग से विमुख हो जाए और अधर्म करने लगे, और मैं उसको रोकने के लिए उसके आगे बाधाएँ उत्‍पन्न करूं, तो वह निस्‍सन्‍देह मर जाएगा। अब, क्‍योंकि तूने उस धार्मिक मनुष्‍य को चेतावनी नहीं दी थी, इसलिए वह अपने पाप में मरा और उसके सत्‍कर्मों को स्‍मरण नहीं किया गया, अत: मैं उसकी मृत्‍यु का दोष तेरे माथे ही मढूंगा।


‘यदि मैं धार्मिक मनुष्‍य से कहूँ कि तू जीवित रहेगा, और वह अपनी धार्मिकता पर भरोसा करके अधर्म करे, तो उस के सत्‍कर्म उसको नहीं बचा सकेंगे। मैं उन को स्‍मरण नहीं करूंगा। वह अपने अधर्म में मरेगा।


यदि कोई धार्मिक मनुष्‍य न्‍याय और धर्म के आचरण को छोड़कर अधर्म के कार्य करेगा, तो वह उसके कारण अवश्‍य मरेगा।


पुरोहित उस व्यक्‍ति के हेतु प्रभु के सम्‍मुख प्रायश्‍चित करेगा; इन समस्‍त कार्यों में से उस एक कार्य के लिए जिसके द्वारा वह दोषी हो गया था, उसे क्षमा प्राप्‍त होगी।’


किन्‍तु आप को विश्‍वास के आधार पर दृढ़ और अटल बना रहना चाहिए और उस आशा से विचलित नहीं होनी चाहिए, जो आप को शुभसमाचार द्वारा दिलायी गयी है। वह शुभसमाचार आकाश के नीचे की समस्‍त सृष्‍टि को सुनाया गया है और मैं, पौलुस, उसका सेवक बना हूँ।


सब अधर्म पाप है, किन्‍तु ऐसा पाप भी है जो प्राणघातक नहीं है।


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