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प्रेरितों के काम 11:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

23 जब बरनबास ने वहाँ पहुच कर परमेश्‍वर का अनुग्रह देखा, तो वह आनन्‍दित हो उठे। उन्‍होंने सब को प्रोत्‍साहित किया कि वे सम्‍पूर्ण हृदय से प्रभु के प्रति निष्‍ठावान बने रहें;

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पवित्र बाइबल

23 जब बरनाबास ने वहाँ पहुँच कर प्रभु के अनुग्रह को सकारथ होते देखा तो वह बहुत प्रसन्न हुआ और उसने उन सभी को प्रभु के प्रति भक्तिपूर्ण ह्रदय से विश्वासी बने रहने को उत्साहित किया।

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Hindi Holy Bible

23 वह वहां पहुंचकर, और परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनन्दित हुआ; और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

23 वह वहाँ पहुँचकर और परमेश्‍वर के अनुग्रह को देखकर आनन्दित हुआ, और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो।

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नवीन हिंदी बाइबल

23 जब वह वहाँ पहुँचा तो परमेश्‍वर के अनुग्रह को देखकर आनंदित हुआ, और सब को प्रोत्साहित करने लगा कि वे पूरे मन से प्रभु में बने रहें,

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सरल हिन्दी बाइबल

23 वहां पहुंचकर जब बारनबास ने परमेश्वर के अनुग्रह के प्रमाण देखे तो वह बहुत आनंदित हुए और उन्होंने उन्हें पूरी लगन के साथ प्रभु में स्थिर बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया.

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प्रेरितों के काम 11:23
37 क्रॉस रेफरेंस  

मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप विश्‍वास में दृढ़ तथा अटल बने रहें। आप प्रभु के कार्य में निरंतर बढ़ते जाएं, और आप यह निश्‍चित जानिए कि प्रभु के लिए किया गया आप का परिश्रम व्‍यर्थ नहीं है।


वे शिष्‍यों का मन सुदृढ़ करते और उन्‍हें विश्‍वास में स्‍थिर रहने के लिए प्रोत्‍साहित करते थे, और कहते थे कि हमें बहुत-से कष्‍ट सह कर परमेश्‍वर के राज्‍य में प्रवेश करना है।


सभा के विसर्जन के बाद बहुत-से यहूदी और भक्‍त नव-यहूदी पौलुस और बरनबास के पीछे हो लिये। पौलुस और बरनबास ने उन से बात की और आग्रह किया कि वे परमेश्‍वर की कृपा में बने रहें।


बच्‍चो! अब तुम उन में बने रहो, जिससे जब वह प्रकट हों, तो हमें पूरा भरोसा हो और उनके आगमन पर उनके सामने हमें लज्‍जित न होना पड़े।


तुमने मेरी शिक्षा, मेरे आचरण, मेरे उद्देश्‍य, मेरे विश्‍वास, सहनशीलता, प्रेम और धैर्य का अनुकरण किया है।


आप के पास पहुँचा। यह समस्‍त संसार में फलता और बढ़ता जा रहा है। आप लोगों के यहाँ यह उस दिन से फलता और बढ़ता जा रहा है, जिस दिन आपने परमेश्‍वर के अनुग्रह के विषय में सुना और उसके सत्‍य का मर्म समझा।


किन्‍तु मेरी दृष्‍टि में मेरे जीवन का कोई मूल्‍य नहीं। मैं तो केवल अपनी दौड़ समाप्‍त करना और वह सेवाकार्य पूरा करना चाहता हूँ, जिसे प्रभु येशु ने मुझे सौंपा है − अर्थात् मैं परमेश्‍वर के अनुग्रह के शुभ समाचार की साक्षी देता रहूँ।


मुझे और किसी बात से इतना आनन्‍द नहीं होता, जितना यह सुन कर कि मेरे बच्‍चे सत्‍य के मार्ग पर चलते हैं।


वहाँ से उन्‍होंने जलयान पर महानगर अन्‍ताकिया को प्रस्‍थान किया, जहाँ उन्‍हें उस कार्य के लिए परमेश्‍वर के अनुग्रह को अर्पित किया गया था, जो उन्‍होंने अब पूरा कर लिया था।


वरन् जैसा आज तक तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर से सम्‍बद्ध रहे हो वैसा ही भविष्‍य में रहना।


अपने प्रभु परमेश्‍वर से प्रेम करें, उसकी वाणी सुनें और उससे चिपके रहें। यही तेरे जीवन का अभिप्राय है। इस पर ही तेरी दीर्घायु निर्भर है। तब तू उस भूमि पर निवास कर सकेगा, जिसकी शपथ प्रभु ने तेरे पूर्वजों से, अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी कि वह उनको प्रदान करेगा।’


‘तू प्रभु परमेश्‍वर की भक्‍ति करना। तू उसकी आराधना करना, और उससे ही सम्‍बद्ध रहना। तू केवल उसके नाम की शपथ खाना।


तुम मुझ में रहो और मैं तुम में रहूँगा। जिस तरह डाली यदि दाखलता में न रहे स्‍वयं नहीं फल सकती, उसी तरह यदि तुम मुझ में न रहो तो तुम भी नहीं फल सकते।


इसके पश्‍चात् येशु ने अपने शिष्‍यों से कहा, “जो मेरा अनुसरण करना चाहता है, वह आत्‍मत्‍याग करे और अपना क्रूस उठा कर मेरे पीछे हो ले;


प्रभु के सेवक मूसा ने तुम्‍हें आज्ञाएं और व्‍यवस्‍था दी हैं। तुम उनका पालन करना, और उनके अनुसार कार्य करना। अपने प्रभु परमेश्‍वर से प्रेम करना। उसके मार्ग पर चलना। उसकी आज्ञाओं का पालन करना। उससे सदा सम्‍बद्ध रहना। अपने सम्‍पूर्ण हृदय से और अपने सम्‍पूर्ण प्राण से उसकी सेवा करना।’


मेरा निश्‍चय यही था। तो, क्‍या मैंने अकारण ही अपना विचार बदल लिया? क्‍या मैं सांसारिक मनुष्‍य की तरह निश्‍चय करता हूँ? क्‍या मुझ में कभी ‘हां’ और कभी ‘नहीं’-जैसी बात है?


अब मैं आप लोगों को परमेश्‍वर के तथा उसके अनुग्रहपूर्ण वचन के संरक्षण में सौंपता हूं, जो आपका निर्माण करने तथा सब पवित्र किए हुए भक्‍तों के साथ आप को विरासत दिलाने में समर्थ है।


पौलुस ने सीलास को चुना। भाई-बहिनों ने उन्‍हें प्रभु के अनुग्रह को अर्पित किया और पौलुस चल पड़े।


येशु ने उन लोगों का विश्‍वास देख कर लकुवे के रोगी से कहा, “पुत्र! तुम्‍हारे पाप क्षमा हो गये।”


किन्‍तु दानिएल ने अपने हृदय में यह निश्‍चय किया कि वह राजा का न तो भोजन खाएगा और न शराब पीएगा जो राजा पीता है; और यों अपने को अशुद्ध नहीं करेगा। इसलिए उसने मुख्‍य खोजा अशपनज से निवेदन किया, “आप मुझे महाराज के आदेश से मुक्‍त रखें जिससे मैं अशुद्ध न होऊं।”


वह लुटेरे के समान घात लगाकर बैठती है; उसके कारण अनेक पुरुष पत्‍नी से विश्‍वासघात करते हैं।


मेरे पुत्र, यदि तेरे हृदय में बुद्धि का निवास है तो मेरा हृदय भी आनन्‍दित होगा।


यदि तू मेरे हृदय को जांचता, यदि तू रात में मेरा निरीक्षण करता; यदि तू मुझे परखता, तो मुझमें तुझे कोई दुर्भाव नहीं मिलता। मेरी वाणी मर्यादा का उल्‍लंघन नहीं करती।


उदाहरण के लिये यूसुफ नामक एक व्यक्‍ति था। वह लेवी वंश का था। उसका जन्‍म कुप्रुस द्वीप में हुआ था। प्रेरितों ने उसका उपनाम बरनबास अर्थात् “सान्‍त्‍वना-पुत्र” रखा था।


उपदेशक उपदेश देने में लगे रहें। दान देने वाला उदारता से दे, अधिकारी यत्‍नपूर्वक नेतृत्‍व करे और परोपकारक सहर्ष परोपकार करे।


परमेश्‍वर के सहकर्मी होने के नाते हम आप लोगों से यह अनुरोध करते हैं कि परमेश्‍वर की जो कृपा आप को मिली है, उसे व्‍यर्थ न होने दें;


मैंने आप लोगों को यह संिक्षप्‍त पत्र सिलवानुस से लिखवाया है, जिन को मैं अपना विश्‍वसनीय भाई मानता हूँ। मैं आप को समझाता हूं, और विश्‍वास दिलाता हूँ कि इस में जो लिखा हुआ है, वह परमेश्‍वर का सच्‍चा अनुग्रह है। उस अनुग्रह में सुदृढ़ बने रहें।


क्‍योंकि कुछ व्यक्‍ति आप लोगों के बीच छिप कर घुस आये हैं। इन धर्मद्रोही लोगों की दण्‍डाज्ञा प्राचीन काल से धर्मग्रन्‍थ में लिखी हुई है। ये धर्मद्रोही हमारे परमेश्‍वर की कृपा को विलासिता का बहाना बनाते और हमारे एकमात्र स्‍वामी एवं प्रभु येशु मसीह को अस्‍वीकार करते हैं।


वह प्रभु से चिपका रहा। उसने प्रभु का अनुसरण करना नहीं छोड़ा। जो आज्ञाएं प्रभु ने मूसा को दी थीं, वह उनका पालन करता रहा।


हमारे पर का पालन करें:

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