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एज्रा 7:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

एज्रा ने प्रभु की व्‍यवस्‍था के अध्‍ययन में मन लगाया था। वह उसके अनुसार आचरण भी करता था। वह इस्राएलियों को प्रभु की संविधियां और न्‍याय-सिद्धान्‍त सिखाता था।

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पवित्र बाइबल

एज्रा ने अपना पूरा समय और ध्यान यहोवा के नियमों को पढ़ने और उनके पालन करने में दिय। एज्रा इस्राएल के लोगों को यहोवा के नियमों और आदेशों की शिक्षा देना चाहता था और वह इस्राएल में लोगों को उन नियमों का अनुसरण करने में सहायता देना चाहता था।

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Hindi Holy Bible

क्योंकि एज्रा ने यहोवा की व्यवस्था का अर्थ बूझ लेने, और उसके अनुसार चलने, और इस्राएल में विधि और नियम सिखाने के लिये अपना मन लगाया था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

क्योंकि एज्रा ने यहोवा की व्यवस्था का अर्थ जान लेने, और उसके अनुसार चलने, और इस्राएल में विधि और नियम सिखाने के लिये अपना मन लगाया था।

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सरल हिन्दी बाइबल

एज़्रा ने स्वयं को याहवेह की व्यवस्था के अध्ययन, स्वयं उसका पालन करने तथा इस्राएल राष्ट्र में याहवेह की विधियों और नियमों की शिक्षा देने के लिए समर्पित कर दिया था.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

क्योंकि एज्रा ने यहोवा की व्यवस्था का अर्थ जान लेने, और उसके अनुसार चलने, और इस्राएल में विधि और नियम सिखाने के लिये अपना मन लगाया था।

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एज्रा 7:10
30 क्रॉस रेफरेंस  

हमारे पूर्वजों के, अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर! अपने निज लोगों के हृदय में ऐसे ही विचार और भावना सदा-सर्वदा बनाए रख, और अपनी ओर उनके हृदय को उन्‍मुख कर।


जो कार्य प्रभु की दृष्‍टि में बुरा था, वही उसने किया। उसने प्रभु की इच्‍छा जानने तथा उसको खोजने में मन नहीं लगाया।


फिर भी प्रभु ने आप में कुछ अच्‍छाई पाई; क्‍योंकि आपने यहूदा प्रदेश में अशेराह देवी के पूजा-स्‍तम्‍भ नष्‍ट कर दिए, और परमेश्‍वर को खोजने में अपना मन लगाया है।’


उप-पुरोहित प्रभु की आराधना के समय कुशलतापूर्वक वाद्य-यन्‍त्र बजाते थे। अत: राजा हिजकियाह ने उनको प्रोत्‍साहन के शब्‍द कहे। सब लोग सात दिन तक पर्व-भोज खाते रहे। उन्‍होंने सहभागिता-बलि के पशु का वध किया, और अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्‍वर को धन्‍यवाद दिया।


यह सम्राट अर्तक्षत्र के पत्र की प्रतिलिपि है। यह पत्र उसने एज्रा को दिया था। एज्रा पुरोहित और शास्‍त्री था। जो आज्ञाएं और संविधियां प्रभु ने इस्राएली कौम को दी थीं, वह उनका पंडित था।


‘और तुम एज्रा, तुम्‍हें परमेश्‍वर ने बुद्धि प्रदान की है। तुम इसी बुद्धि के अनुसार न्‍यायाधीश और सचिव नियुक्‍त करना। ये व्यक्‍ति तुम्‍हारे परमेश्‍वर की व्‍यवस्‍था के जानकार होने चाहिए। यदि ये उसको नहीं जानते होंगे, तो तुम उनको सिखाना; क्‍योंकि ये फरात नदी के पश्‍चिम समस्‍त प्रदेश में रहने वाले लोगों के शासक होंगे।


एज्रा एक शास्‍त्री था। वह मूसा की व्‍यवस्‍था का विशेषज्ञ था, जो इस्राएली कौम के प्रभु परमेश्‍वर ने प्रदान की थी। उसने सम्राट से जो मांगा, वह सब सम्राट ने उसको प्रदान किया; क्‍योंकि प्रभु परमेश्‍वर की कृपा-दृष्‍टि उस पर थी।


‘यदि तुम अपना हृदय शुद्ध कर लो तो तुम प्रार्थना के लिए परमेश्‍वर की ओर हाथ उठा सकते हो!


पर उसका सुख प्रभु की व्‍यवस्‍था में है, और वह दिन-रात उस का पाठ करता है।


अनाथ और दलित के न्‍याय के लिए, प्रभु तू पीड़ित मनुष्‍य की पुकार सुनता है; तू उनके हृदय को आश्‍वस्‍त करेगा, तू उनकी पुकार ध्‍यान से सुनेगा, जिससे मनुष्‍य, जो मिट्टी से रचा गया है, फिर कभी दूसरों को भयभीत न करे।


तेरी संविधियां पूर्ण करने को सदैव के लिए, अन्‍त तक मैं अपना हृदय अर्पित करता हूं।


मैं स्‍वतंत्रता में जीवन व्‍यतीत करूंगा; क्‍योंकि मैंने तेरे आदेशों की खोज की है।


प्रभु की व्‍यवस्‍था सिद्ध है, आत्‍मा को संजीवन देनेवाली; प्रभु की साक्षी विश्‍वसनीय है, बुद्धिहीन को बुद्धि देने वाली;


हे परमेश्‍वर, मेरा हृदय तुझ में लीन है। लीन है मेरा हृदय! मैं गीत गाऊंगा, राग बजाऊंगा।


‘पुरोहित को अपने मुंह से ज्ञान की रक्षा करनी चाहिए। उसके मुंह से लोगों को व्‍यवस्‍था प्राप्‍त होनी चाहिए। पुरोहित स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु का सन्‍देशवाहक है।


इसलिए जो उन छोटी-से-छोटी आज्ञाओं में से एक को भी भंग करता और दूसरों को ऐसा करना सिखाता है, वह स्‍वर्गराज्‍य में सबसे छोटा समझा जाएगा। किन्‍तु जो उनका पालन करता और उन्‍हें सिखाता है, वह स्‍वर्गराज्‍य में बड़ा समझा जाएगा।


“जो मेरी ये बातें सुनता और उन पर चलता है, वह उस समझदार मनुष्‍य के सदृश है, जिसने चट्टान पर अपना घर बनवाया था।


यदि तुम ये बातें जानते हो और इनके अनुसार आचरण करते हो तो तुम धन्‍य हो।


हे थिओफिलुस! मैंने अपनी पहली पुस्‍तक में उन सब बातों का वर्णन किया, जिन्‍हें येशु आरंभ से उस दिन तक करते और सिखाते रहे


स्‍मरण रखना कि तू भी मिस्र देश में गुलाम था। तू इन संविधियों का पालन करना, और इनके अनुसार कार्य करना।


वह याकूब को तेरे न्‍याय-सिद्धान्‍त, और इस्राएल को तेरी व्‍यवस्‍था सिखाएगा। वह तेरे सम्‍मुख धूप-द्रव्‍य जलाएगा, और तेरी वेदी पर सम्‍पूर्ण अग्‍नि-बलि रखेगा।


धर्माध्‍यक्ष को चाहिए कि वह अनिन्‍दनीय, पत्‍नीव्रती, संयमी, समझदार, भद्र, अतिथिप्रेमी और कुशल शिक्षक हो।


शुभ संदेश सुनाओ, समय-असमय लोगों से आग्रह करते रहो। बड़े धैर्य से तथा शिक्षा देने के उद्देश्‍य से लोगों को समझाओ, डांटो और प्रोत्‍साहित करो;


तुम ऐसी बातें सिखाओ, जो हितकारी शिक्षा के अनुकूल हों।


तुम इन बातों की शिक्षा देते हुए उपदेश दिया करो और अधिकारपूर्वक लोगों को समझाओ। कोई तुम्‍हारा तिरस्‍कार नहीं करे।


धन्‍य हैं वे, जो अपने आचरण-रूपी वस्‍त्र धोते हैं; वे जीवन-वृक्ष के अधिकारी होंगे और फाटकों से हो कर नगर में प्रवेश करेंगे।


तब शमूएल ने इस्राएल के कुलों से यह कहा, ‘यदि तुम हृदय से प्रभु की ओर लौट रहे हो तो दूसरी जातियों के देवताओं की मूर्तियाँ, और अशेराह देवी की मूर्तियाँ अपने मध्‍य से दूर करो। अपने हृदय को प्रभु की ओर स्‍थिर रखो! केवल उसी की आराधना करो। तब वह तुम्‍हें पलिश्‍तियों के हाथ से मुक्‍त करेगा।’