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एज्रा 7:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

6 एज्रा एक शास्‍त्री था। वह मूसा की व्‍यवस्‍था का विशेषज्ञ था, जो इस्राएली कौम के प्रभु परमेश्‍वर ने प्रदान की थी। उसने सम्राट से जो मांगा, वह सब सम्राट ने उसको प्रदान किया; क्‍योंकि प्रभु परमेश्‍वर की कृपा-दृष्‍टि उस पर थी।

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पवित्र बाइबल

6 एज्रा बाबेल से यरूशलेम आया। एज्रा का शिक्षक था। वह मूसा के नियमों को अच्छी तरह जानता था। मूसा का नियम यहोवा इस्राएल के परमेश्वर द्वारा दिया गया था। राजा अर्तक्षत्र ने एज्रा को वह हर चीज़ दी जिसे उसने माँगा क्योंकि यहावा परमेशवर एज्रा के साथ था।

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Hindi Holy Bible

6 यही एज्रा मूसा की व्यवस्था के विष्य जिसे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने दी थी, निपुण शास्त्री था। और उसके परमेश्वर यहोवा की कृपादृष्टि जो उस पर रही, इसके कारण राजा ने उसका मुंह मांगा वर दे दिया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

6 यही एज्रा मूसा की व्यवस्था के विषय, जिसे इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा ने दी थी, निपुण शास्त्री था। उसके परमेश्‍वर यहोवा की कृपादृष्‍टि जो उस पर रही, इसके कारण राजा ने उसका मुँह माँगा वर दे दिया।

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सरल हिन्दी बाइबल

6 एज़्रा बाबेल से लौट आए. वह मोशेह को याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर के द्वारा सौंपी गई व्यवस्था के विशेषज्ञ थे. याहवेह, उनके परमेश्वर का आशीर्वाद एज़्रा पर बना हुआ था, तब राजा ने उन्हें वह सब दिया, जिस जिस वस्तु का उन्होंने मांगा था.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

6 यही एज्रा मूसा की व्यवस्था के विषय जिसे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने दी थी, निपुण शास्त्री था। उसके परमेश्वर यहोवा की कृपादृष्टि जो उस पर रही, इसके कारण राजा ने उसका मुँह माँगा वर दे दिया।

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एज्रा 7:6
40 क्रॉस रेफरेंस  

तब वह बोला, ‘अब तेरा नाम याकूब न होगा, वरन् “इस्राएल” होगा; क्‍योंकि तूने परमेश्‍वर और मनुष्‍य से लड़कर विजय प्राप्‍त की है।’


किन्‍तु परमेश्‍वर की कृपा-दृष्‍टि यहूदी धर्म-वृद्धों पर थी, अत: राज्‍यपाल तत्तनई, शत्तबोर्जनई तथा उनके सहयोगियों ने यहूदियों को प्रभु का भवन बनाने से नहीं रोका। पर उन्‍होंने फारस के सम्राट को इस बात की सूचना दी। और दारा ने पत्र भेजकर उन्‍हें इस सम्‍बन्‍ध में उत्तर दिया।


उन्‍होंने सात दिन तक बेखमीर रोटी का पर्व आनन्‍द-उल्‍लास से मनाया; क्‍योंकि प्रभु ने उन्‍हें आनंदित किया था, और असीरिया के सम्राट का हृदय उनकी ओर उन्‍मुख किया था। असीरिया के सम्राट ने इस्राएली कौम के परमेश्‍वर के भवन के निर्माण में उनकी सहायता की थी।


‘मैं−सम्राट अर्तक्षत्र−फरात नदी के पश्‍चिम क्षेत्र के सब खजांचियों को यह आदेश देता हूं : स्‍वर्ग के परमेश्‍वर की व्‍यवस्‍था के शास्‍त्री और पुरोहित एज्रा जो कुछ तुमसे मांगेंगे, वह पूर्णत: उन्‍हें दिया जाये।


प्रभु, तूने सम्राट और उसकी मंत्री-परिषद के समक्ष, सम्राट के शक्‍तिशाली अधिकारियों के सम्‍मुख मुझ पर करुणा की वर्षा की। मुझे बल प्राप्‍त हुआ, क्‍योंकि, हे प्रभु, मेरे परमेश्‍वर, तेरा वरदहस्‍त मुझ पर था। तेरी ही कृपा से मैं अपने साथ यरूशलेम जाने के लिए इस्राएली जाति के प्रमुख व्यक्‍तियों को एकत्र कर सका।


बुक्‍की अबीशू का, अबीशू पीनहास का, और पीनहास एलआजर का, और एलआजर महापुरोहित हारून का पुत्र था।


उसने उस वर्ष के पहले महीने की पहली तारीख को बेबीलोन से प्रस्‍थान किया था, और वह पांचवें महीने की पहली तारीख को यरूशलेम नगर पहुंचा था; क्‍योंकि प्रभु परमेश्‍वर की कृपा-दृष्‍टि उस पर थी।


सम्राट अर्तक्षत्र के शासन-काल में मेरे साथ बेबीलोन देश से यरूशलेम नगर जाने वाले इस्राएलियों की तथा उनके पितृकुलों के मुखियों की वंशावली इस प्रकार है :


परमेश्‍वर की कृपा-दृष्‍टि हम पर थी। अत: वे हमारे पास शेरेब्‍याह, हशब्‍याह और यशायाह को ले आए। शेरेब्‍याह एक बुद्धिमान पुरुष था। वह इस्राएल के परपोते और लेवी के पोते महली के वंश में से था। उसके साथ उसके पुत्र और जाति-भाई थे। ये सब अठारह पुरुष थे। यशायाह मरारी के वंश में से था। उसके साथ उसके पुत्र और जाति-भाई थे। ये सब बीस पुरुष थे।


यात्रा के दौरान शत्रुओं से अपनी रक्षा के लिए सम्राट से सिपाहियों का दल और घुड़सवार मांगना मुझे अच्‍छा नहीं लगा; क्‍योंकि हमने सम्राट से यह कहा था, ‘परमेश्‍वर का वरदहस्‍त उसके भक्‍तों पर रहता है, पर उसका क्रोध उन लोगों पर भड़क उठता है, जो उसको छोड़ देते हैं।’


हमने यरूशलेम के लिए पहले महीने की बारहवीं तारीख को अहवा नदी के तट से प्रस्‍थान किया। परमेश्‍वर की कृपा-दृष्‍टि हम पर थी, उसने मार्ग में शत्रुओं के हाथ से तथा लुटेरों से हमारी रक्षा की।


ये येशुअ के पुत्र और योसादाक के पौत्र योयाकीम, तथा राज्‍यपाल नहेम्‍याह एवं पुरोहित और शास्‍त्री एज्रा के समय में थे।


जकर्याह के भाई-बन्‍धु जो पुरोहित थे− शमायाह, अजरेल, मिललई, गिललई, माए, नतनेल, यहूदा और हनानी− परमेश्‍वर के जन दाऊद के वाद्य-यन्‍त्र बजा रहे थे। उनके आगे-आगे शास्‍त्री एज्रा चल रहा था।


मैं रात को उठा। मेरे पास कुछ सेवक थे। मैंने अपने आगमन का अभिप्राय किसी को नहीं बताया था कि परमेश्‍वर ने यरूशलेम के हित के लिए मेरे हृदय में कौन-सी इच्‍छा उत्‍पन्न की है। मेरे साथ अपनी सवारी के पशु के अतिरिक्‍त अन्‍य पशु नहीं थे।


तत्‍पश्‍चात् मैंने उनको बताया कि परमेश्‍वर ने मुझ पर अपना हाथ रखा तो मुझे सम्राट की कृपा-दृष्‍टि प्राप्‍त हुई। मैंने सम्राट की वे बातें भी उन्‍हें बताईं, जो उसने मुझसे कही थीं। लोगों ने उत्तर दिया, ‘हम तैयार हैं, हम बनाएंगे।’ अत: उन्‍होंने यह सत्‍कर्म करने को कमर बांध ली।


इनके अतिरिक्‍त मुझे राजकीय वन के अधीक्षक आसाफ के नाम भी एक पत्र दिया जाए। इसमें मेरे लिए इमारती लकड़ी की व्‍यवस्‍था करने का आदेश लिखा हो, जिससे मैं यरूशलेम में मंदिर के निकटवर्ती गढ़ के प्रवेश-द्वार, शहरपनाह और अपने रहने के लिए मकान बनवा सकूँ।’ सम्राट ने मेरे निवेदन को स्‍वीकार कर लिया; क्‍योंकि परमेश्‍वर की कृपा-दृष्‍टि मुझ पर थी।


जब हमारे शत्रुओं ने सुना कि उनका षड्‍यन्‍त्र हमें ज्ञात हो गया है, और परमेश्‍वर ने उनकी योजनाओं पर पानी फेर दिया है, तब उन्‍होंने आक्रमण का विचार छोड़ दिया और हम शहरपनाह के अपने-अपने काम पर लौट गए।


वे संगठित होकर ‘जल-द्वार’ के सम्‍मुख चौक में एकत्र हुए। उन्‍होंने शास्‍त्री एज्रा से निवेदन किया कि वह मूसा के व्‍यवस्‍था-ग्रन्‍थ को लाए जो प्रभु ने इस्राएली कौम को प्रदान किया है।


दूसरे दिन समस्‍त इस्राएली पितृकुलों के मुखिया व्‍यवस्‍था-ग्रन्‍थ के वचनों का अध्‍ययन करने के लिए पुरोहितों और उपपुरोहितों के साथ शास्‍त्री एज्रा के पास आए।


शास्‍त्री एज्रा लकड़ी के मंच पर खड़ा था। यह मंच इसी उद्देश्‍य से बनाया गया था। एज्रा की दाहिनी ओर मत्तित्‍याह, शेमा, अनायाह, ऊरियाह, हिल्‍कियाह और मासेयाह थे, और बायीं ओर पदायाह, मीशाएल, मल्‍कियाह, हाशूम, हबश्‍बद्दाना, जकर्याह और मशुल्‍लाम थे।


जब लोगों ने व्‍यवस्‍था के शब्‍द सुने तब वे रोने लगे। राज्‍यपाल नहेम्‍याह, पुरोहित एवं शास्‍त्री एज्रा तथा समाज के धर्म-शिक्षक उपपुरोहितों ने समस्‍त इस्राएली जन-समूह से कहा, ‘आज का दिन हमारे प्रभु परमेश्‍वर के लिए पवित्र है; इसलिए शोक मत मनाओ, और न रोओ।’


‘प्रभु, तू सीनय पर्वत पर उतरा था, और तूने हमारे पूर्वजों से स्‍वर्ग से वार्तालाप किया था। तब तूने उन्‍हें उचित न्‍याय-सिद्धान्‍त, सच्‍चे धर्म-नियम, भली सविधियां और अच्‍छी आज्ञाएं प्रदान की थीं।


उन्‍हें ज्ञात हो जाए, कि यह तेरा कार्य है; हे प्रभु, तूने ही यह किया है।


वह याकूब को अपना वचन, इस्राएल को अपनी संविधि और न्‍याय- सिद्धान्‍त बताता है।


मेरे हृदय में सुन्‍दर भाव उमड़ रहे हैं − मैं राजा के लिए गीत गाऊंगा; मेरी जीभ निपुण लेखक की लेखनी है।


तब हम तुझ से मुंह न मोड़ेंगे; हमें जीवन प्रदान कर, और हम तेरा नाम लेंगे।


अपने सब कार्यों में तू प्रभु को स्‍मरण करना, वह तेरे कठिन मार्ग को सरल कर देगा।


क्‍या कारण है कि जब मैं आया तब वहां कोई मनुष्‍य नहीं था? जब मैं ने पुकारा तब क्‍यों मुझे उत्तर देनेवाला वहाँ नहीं था? क्‍या मेरा हाथ इतना छोटा हो गया कि वह छुड़ा नहीं सकता? क्‍या मुझ में उद्धार करने की शक्‍ति नहीं रही? देखो, मैं अपनी डांट से समुद्र को सुखा देता हूं, मैं नदियों को मरुस्‍थल बना देता हूं। उनकी मछलियाँ जल के अभाव में प्‍यास से तड़प कर मर जाती हैं, और बसाती हैं।


देखो, प्रभु का हाथ इतना छोटा नहीं है कि वह बचा न सके। प्रभु के कान बहरे नहीं हैं, कि वह सुन न सके।


‘तुम यह कैसे कह सकते हो कि तुम बुद्धिमान हो, और मेरी व्‍यवस्‍था तुम्‍हारे साथ है? किन्‍तु देखो, शास्‍त्रियों ने उसका क्‍या किया? अपनी झूठी कलम से उसको भी झूठ बना दिया।


येशु ने उन से कहा, “इस कारण प्रत्‍येक शास्‍त्री, जो स्‍वर्ग के राज्‍य के विषय में शिक्षा पा चुका है, उस गृहस्‍थ के सदृश है, जो अपने भंडार से नयी और पुरानी वस्‍तुएँ निकालता है।”


“शास्‍त्री और फरीसी मूसा की गद्दी पर बैठे हैं।


मैंने तुम्‍हें जो-जो आदेश दिये हैं, उन सबका पालन करना उन्‍हें सिखाओ। देखो, मैं संसार के अन्‍त तक सदा तुम्‍हारे साथ हूँ।”


हम में इस संसार के ज्ञानी, शास्‍त्री और दार्शनिक कहाँ है? क्‍या परमेश्‍वर ने इस संसार के ज्ञान को मूर्खतापूर्ण नहीं प्रमाणित किया है?


भाइयो और बहिनो! मैं आप लोगों को उस शुभ-समाचार का स्‍मरण दिलाना चाहता हूँ, जिसका प्रचार मैंने आपके बीच किया, जिसे आपने ग्रहण किया और जिस में आप दृढ़ बने हुए हैं।


‘परन्‍तु यदि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की वाणी ध्‍यानपूर्वक सुनेगा, उन समस्‍त आज्ञाओं के अनुसार कार्य करने को तत्‍पर रहेगा, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, तो तेरा प्रभु परमेश्‍वर तुझ को पृथ्‍वी के समस्‍त राष्‍ट्रों के मध्‍य सर्वोच्‍च स्‍थान पर प्रतिष्‍ठित करेगा।


देखो, जैसा मेरे प्रभु परमेश्‍वर ने मुझे आज्ञा दी थी, उसके अनुसार मैंने तुम्‍हें संविधि और न्‍याय-सिद्धान्‍त सिखाए हैं जिससे तुम उनका उस देश में पालन कर सको, जिसको अपने अधिकार में करने के लिए वहां प्रवेश कर रहे हो।


हमारे पर का पालन करें:

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